Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस अभिनेत्री की मां दुनियां में नहीं, फिर भी करती हैं उनसे बातें

    By Edited By:
    Updated: Sat, 11 Aug 2018 09:51 AM (IST)

    बॉलीवुड अभिनेत्री दिव्या दत्ता के मुताबिक उनकी मां आज दुनिया में नहीं है, लेकिन मैं रोजाना उनसे बातें करती हूं। कुछ इस तरह के किस्से उन्होंने अपनी पुस्तक मी एंड मां में साझा किए हैं।

    इस अभिनेत्री की मां दुनियां में नहीं, फिर भी करती हैं उनसे बातें

    देहरादून, [जेएनएन]: बॉलीवुड अभिनेत्री दिव्या दत्ता के मुताबिक जब वह सात साल की थी, तब पिता का साया सिर से उठ गया था। इसके बाद मां ने ही पाला-पोसा और पिता का फर्ज भी बखूबी निभाया। मां के प्यार ने मुझे कभी पिता की कमी खलने ही नहीं दी। मेरी सफलता के पीछे मां का त्याग और संघर्ष छिपा है। आज वो दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मैं रोजाना उनसे बातें करती हूं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अभिनेत्री दिव्या दत्ता के जीवन के कुछ ऐसे ही अनछुए पहलू प्रशंसकों को उनके जीवन पर आधारित 'मी एंड मां' पुस्तक के जरिये जानने को मिले। दिव्या दत्ता ने 'मी एंड मां' पुस्तक के किस्से साझा करते हुए बताया कि उनका बचपन पंजाब में आतंकवाद और दंगों के बीच गुजरा। 

    देहरादून में आयोजित लिटरेचर फेस्टीवल में उन्होंने कहा कि आतंकवाद के समय उन्हें बहुत डर लगा रहता था। पिता के जाने के बाद मां ने कई बार भूखे रहकर मुझे भरपेट खाना खिलाया। बताया कि उनकी मां का चार साल पहले निधन हुआ है। लेकिन, उन्हें कभी महसूस नहीं हुआ कि वो साथ नहीं हैं। 

    उन्होंने कहा कि हर किसी को मां का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि मां धरती पर ईश्वर का रूप होती हैं। बचपन में लुंगी पहनकर नाचती थी दिव्या दत्ता ने बचपन के कुछ शरारत भरे वाकये भी साझा किए। बताया कि वो अमिताभ बच्चन की बहुत बड़ी फैन थी। 'खईके पान बनारस वाला' गाना उन्हें बहुत पसंद था। वो चुपचाप आलमारी से मां की साड़ी निकालकर फाड़ती और लुंगी बनाकर उसे पहनकर नाचती थी। मां की सारी साड़ियां वो खराब कर देती थी।

    खुली सांस लें किन्नर 

    ट्रांसजेंडर ट्रांसजेंडरों की आजादी की लड़ाई लड़ रही किन्नर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि जब वो छोटी थी, उनके क्लासमेट नपुंसक, छक्का जैसे अपशब्द कहकर उन्हें चिढ़ाते थे। लेकिन, मेरे गुरु ने मुझे हिम्मत देते हुए कहा कि तुम भीड़ नहीं, भीड़ का चेहरा हो। इसके बाद से मैंने किन्नर, ट्रांसजेंडरों की आजादी के लिए लड़ने की ठानी। 

    कहा कि किन्नर, ट्रांसजेंडरों को हिचकने की जरूरत नहीं। अपने जीवन को स्वतंत्रता से जिएं। महिलाओं को खुद को साबित करने की जरूरत नहीं: लिलेट दुबे महिला सशक्तीकरण पर हुए टॉक सेशन में बड़े-बड़े कलाकारों ने विचार रखे। 

    फिल्म कलाकार लिलेट दुबे ने कहा कि महिलाओं में जन्म से ही खास शक्ति होती है। उन्हें खुद को किसी के सामने साबित करने की जरूरत नहीं है। फिल्म कलाकार मिली ऐश्वर्या ने कहा कि पुरुष प्रधान मानसिकता को सबको मिलकर त्यागना चाहिए। 

    आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे हैं। बंगाल को कश्मीर बनने से पहले बचा लो लेखक सुदीप चक्रवर्ती ने 'सेव बंगाल फ्रॉम बिकमिंग कश्मीर' विषय पर कहा कि बंगाल में भी स्थिति खराब हो रही है। राजनीतिक हितों के चलते सामाजिक, आर्थिक माहौल बिगड़ रहा है। हमें समय रहते बंगाल के वास्तविक हित के बारे में ईमानदारी से सोचना होगा।

    यह भी पढ़ें: मधुर भंडारकर बोले, फिल्म इंडस्ट्री पर हावी हो रहा है व्यवसायीकरण

    यह भी पढ़ें: देहरादून में दिखा डांस प्लस ऑडिशन का फीवर, भाग्य आजमाने पहुंचे लोग

    यह भी पढ़ें: बाहुबली के निर्देशक एसएस राजमौली उत्तराखंड में करेंगे शूटिंग, लोकेशन की तलाश शुरू