Dharmendra : देहरादून और नैनीताल में शूटिंग से जुड़ी हैं शोले के वीरू की कईं यादें
बालीवुड के 'ही-मैन' धर्मेंद्र का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी उत्तराखंड से जुड़ी कई यादें हैं। उन्होंने 'गंगा की लहरें', 'आदमी और इंसान', 'हुकूमत' और 'फरिश्ते' जैसी फिल्मों की शूटिंग उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर की। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल और रानीखेत में उनकी फिल्मों के दृश्य फिल्माए गए, जिनकी यादें आज भी लोगों के दिलों में बसी हैं।
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अभिनेता धर्मेंद्र मसूरी के सेवाय होटल में दुल्हन एक रात की फिल्म के एक दृश्य में अभिनेत्री नूतन के साथ होटल सेवाय में।
जागरण संवाददाता, देहरादून: फिल्म शोले के वीरू भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता और बालीवुड के ‘ही-मैन’ कहे जाने वाले धर्मेंद्र अब इस दुनिया में नहीं रहे। सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में उन्होंने 89 वर्ष में अंतिम सांस ली। सिनेमा के दिग्गज और करोड़ों दिलों की धड़कन रहे धर्मेंद्र की उत्तराखंड में आज भी उनकी फिल्मों से जुड़ी यादें जस की तस हैं।
उत्तराखंड में भी उनकी फिल्मों से जुड़ी यादें बिखरी हैं। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल, रानीखेत समेत उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों पर धर्मेंद्र ने बतौर अभिनेता फिल्मों की शूटिंग की। उनके निधन पर फिल्म जगत से जुड़े लोगों के साथ प्रशंसकों ने गहरा दुख जताया है।
बात शुरू करते हैं 60 के दशक की मशहूर फिल्म 'गंगा की लहरें' से। इस फिल्म की शूटिंग के लिए अभिनेता धर्मेंद्र और किशोर कुमार उत्तराखंड आए।
- 1964 में आई देवी शर्मा निर्देशित ‘गंगा की लहरें’ के कई दृश्य हरिद्वार और ऋषिकेश में फिल्माए गए। फिल्म धर्मेंद्र और किशोर कुमार की जोड़ी के कारण उस दौर में खूब चर्चा में रही।
- 1969 में बीआर चोपड़ा निर्मित और यश चोपड़ा निर्देशित ‘आदमी और इंसान’ की शूटिंग के लिए भी धर्मेंद्र यहां पहुंचे। फिल्म के कुछ मुख्य दृश्य डाकपत्थर और नैनीताल के आसपास फिल्माए गए थे।
- 1987 में रिलीज अनिल शर्मा निर्देशित ‘हुकूमत’ की शूटिंग नैनीताल में कई दिनों तक चली। इस दौरान आसपास के क्षेत्रों में धर्मेंद्र पर गीत व कई दृश्य फिल्माए गए।
- 1991 में अभिनेता धर्मेंद्र, विनोद खन्ना, श्रीदेवी और सदाशिव अमरापुरकर अभिनीत फिल्म 'फरिश्ते' का काफी हिस्सा देहरादून स्थित एफआरआइ परिसर में फिल्माया गया। तब फिल्मी सितारों की एक झलक पाने को सैकड़ों लोग एफआरआइ के बाहर सुबह से ही जुट जाते थे।
उत्तराखंड का नाम सुनकर ही मुस्करा गए थे धमेंद्र
देहरादून: फिल्म विशेषज्ञ मनोज पंजानी बताते हैं कि ‘आदमी और इंसान’ के दो गाने डाकपत्थर में फिल्माए गए थे, जिनके बोल थे नीले पर्वतों की धारा और जागेगा इंसान जमाना देखेगा। इसके अलावा मैं इंतकाम लूंगा की शूटिंग हरिद्वार में हुई थी।
यह फिल्म 1982 में रिलीज हुई। फिल्म हुकूमत की शूटिंग नैनीताल और रानीखेत में हुई। मनोज बताते हैं, मेरी मुलाकात धमेंद्र से 2014 मुंबई में हुई। जब मैने उनसे कहा कि आप शूटिंग के लिए हमारे इलाके में आए तो उत्सुकता से पूछा कौन सा इलाका तो मैने कहा उत्तराखंड में देहरादून।
मुस्कराकर बोल पड़े कि हां मसूरी काफी अच्छी जगह है। जब शूटिंग के लिए आया था जो वहां सरकारी डाक बंगलों में अच्छा इंतजाम किया था। अच्छी देखभाल की उन्होंने और वहां के लोग भी अच्छी हैं।
धर्मेंद्र की अदाओं के दीवाने हो गए थे रानीखेतवासी
रानीखेत: अभिनेता धर्मेंद्र (धरम पाजी) एक बार रानीखेत आए तो यहां की नैसर्गिंक खूबसूरती के दीवाने हो गए थे। 70 के दशक में ‘शिकारी’ फिल्म फिर दो दशक बाद वह ‘हुकूमत’ की शूटिंग के लिए दूसरी बार रानीखेत पहुंचे थे। तब शूटिंग देखने के लिए विद्यार्थी स्कूल से भागकर पसंदीदा हीरो की झलक पाने को पहुंच जाते थे। आलम यह था कि अभिनेत्री से ज्यादा लोग धर्मेंद्र की अदाओं, मासूमियत, हेयर स्टायल और चालढाल पर फिदा हो गए थे।
मसूरी के सेवाय होटल, लाइब्रेरी बाजार में हुई थी शूटिंग
मसूरी: अभिनेता धर्मेंद्र अपने जीवन काल में एक बार ही मसूरी आए थे। बात 1966-67 की सर्दियों की है जब धमेंद्र फिल्म 'दुल्हन एक रात की' शूटिंग के लिए अदाकारा नूतन और हास्य कलाकार जानी वाकर के साथ मसूरी पहुंचे थे। इस फिल्म के कुछ दृश्य देहरादून रेलवे स्टेशन पर दिखाए गए। इसके बाद मसूरी में शूटिंग के दौरान वह होटल सेवाय में ठहरे थे।
फिल्म की शूटिंग सेवाय होटल के अलावा लाइब्रेरी बाजार, गांधी चौक, मालरोड़ पर कोतवाली के नीचे दीवार पर बनी कलाकृति के समीप और कंपनी गार्डन में हुई। फिल्म का एक गाना जानी वाकर पर फिल्माया गया था। जिसमें जानी वाकर घोड़े पर बैठे किसी का कुछ खो गया है गाना गाते हैं। धर्मेंद्र व नूतन पर होटल सेवाय में कई दृश्य फिल्माए थे।
इतिहासकार गोपाल भारद्वाज और फोटो स्टूडियो मालिक मदन मोहन शर्मा बताते हैं कि उस दौर में मसूरी में फिल्म की शूटिंग देखने अपार भीड़ उमड़ी थी। फिल्म के निर्देशक ने उनको भी फिल्म के सीन में शामिल किया था। मदन मोहन शर्मा बताते हैं कि धर्मेंद्र बहुत अच्छे इंसान थे।
ही-मैन ने नैनीताल में बजाया था भ्रष्ट पुलिस इंस्पेक्टर का बाजा
नैनीताल: अभिनेता धर्मेंद्र की 1984 में निर्मित व 1987 में रिलीज हिट फिल्म हुकूमत के गीत, इस अफसर का बाजा बजा दो, हम क्या चीज हैं, इसको बता दो...का फिल्मांकन नैनीताल में ही हुआ था। इस गीत की शूटिंग के दौरान बाल काटने का आफर माल रोड पर हेयर कटिंग सैलून चलाने वाले स्टेज आर्टिस्ट नईम अहमद को मिला।
नईम ने उस दौर की यादों को ताजा कर बताया कि माल रोड पर मेरी दुकान के आगे ही गीत का शाट फिल्माना था तो मैंने हां कर दी। तब धर्मेंद्र ने पास बुलाकर कहा कि मास्टर जी बाल आराम से काटना, यह न हो कि किसी तरह का नुकसान हो जाए। फिल्म में कलाकार सुधीर ने भ्रष्ट पुलिस इंस्टपेक्टर की भूमिका निभाई थी।
शूटिंग के दौरान मैंने सुधीर के बाल काटे। जब शाट ओके हो गया तो धर्मेंद्र ने गले लगाकर धन्यवाद अदा किया। मुझे उस दौर में इस छोटी भूमिका के लिए 300 रुपये मेहनताना दिया गया। इस गीत की शूटिंग फ्लैट्स मैदान मल्लीताल में शुरू हुई। उसमें भीड़ भ्रष्ट पुलिस इंस्टपेक्टर सुधीर को मारने दौड़ती है।
इस गीत में धर्मेंद्र के साथ ही स्वप्ना भी थीं। कैपिटल सिनेमा हाल के पास से लेकर माल रोड व तल्लीताल रिक्शा स्टैंड तक गीत की शूटिंग पूरी की गई। फिल्म में नैनीताल का नाम शांतिनगर रखा गया था। अभिनेता धर्मेंद्र नैनीताल क्लब में ठहरते थे, जब फैंस बढ़ने लगे तो उनको होटल में शिफ्ट करना पड़ा था।

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