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    India China Border Dispute: उप सेना प्रमुख ले जनरल एसके सैनी बोले, देश की संप्रभुता के लिए किसी भी हद तक जाएगी सेना

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 12 Dec 2020 11:19 PM (IST)

    उप सेना प्रमुख ले जनरल एसके सैनी ने कहा कि चीन के साथ हम सैन्य और राजनयिक माध्यम से संवाद बनाए हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बातचीत के माध्यम से गतिरोध दूर होगा और जल्द अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल होगी।

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    भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में बतौर निरीक्षण अधिकारी पहुंचे उप सेना प्रमुख ले जनरल एसके सैनी।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। India China Border Dispute भारत-चीन के बीच लंबे समय से पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद चल रहा है। कई दौर के बातचीत के बाद भी इस विवाद का हल नहीं निकला है। उप सेना प्रमुख ले जनरल एसके सैनी ने कहा कि चीन के साथ हम सैन्य और राजनयिक माध्यम से संवाद बनाए हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बातचीत के माध्यम से गतिरोध दूर होगा और जल्द अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल होगी। यह भी साफ किया कि देश की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंड़ता की रक्षा के लिए सेना संकल्पित और सक्षम है। फिर चाहे इसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़े।

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    भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में बतौर निरीक्षण अधिकारी पहुंचे उप सेना प्रमुख ने कहा कि यह जटिल मसले हैं, जिन्हें सुलझने में वक्त लगता है। ऐसे में बातचीत का सिलसिला जारी रखना होगा। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास तीन नए गांव बसाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये निर्माण भारतीय सीमा में नहीं, बल्कि उस पार हैं। यह चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि चीन बीते कुछ दशकों में सीमावर्ती इलाकों में ढांचागत कार्यों को अंजाम देता रहा है।

    नेपाल पर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि उनके साथ हमारे सभ्यतागत और ऐतिहासिक रिश्ते हैं। साथ ही भारतीय सेना में भी नेपाली नागरिक, सैनिक से लेकर कई उच्च पदों पर सेवा दे रहे हैं। ऐसे में भारत-नेपाल के बीच रिश्ता अटूट है और सेना प्रमुख ने भी नेपाल दौरे के जरिये यही संदेश दिया कि हमारे संबंधों पर किसी बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और भविष्य में ये और बेहतर होंगे।

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    उन्होंने माना कि लाइन ऑफ कंट्रोल पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं। आम नागरिकों को रॉकेट और मोर्टार का निशाना बनाया जा रहा है। इस नापाक हरकत का सेना इसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है। आने वाले वक्त में जैविक हथियारों के इस्तेमाल और भावी सैनिकों को इस चुनौती के अनुरूप तैयार किए जाने पर कहा कि सैन्य प्रशिक्षण में समयानुसार जरूरी बदलाव किए जाते हैं। एलएसी पर माइक्रोवेव हथियारों की बात को उन्होंने नकार दिया।

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