दून में अब तक मिल चुके डेंगू के 14 मरीज, नगर निगम करा रहा फांगिंग
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराई गई एलाइजा जांच में तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। जनपद में अब तक डेंगू के 14 मामले सामने आ चुके हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: राजधानी में डेंगू के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराई गई एलाइजा जांच में तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। जनपद में अब तक डेंगू के 14 मामले सामने आ चुके हैं, हालांकि, इनमें से आठ मरीज बाहर के हैं।
जिला वीबीडी अधिकारी सुभाष जोशी ने बताया कि शहर के अजबपुर खुर्द निवासी 17 वर्षीय किशोर, सुमननगर, धर्मपुर की एक 24 वर्षीय युवती और किशन विहार, राजपुर के 57 वर्षीय व्यक्ति की एलाइजा जांच कराने पर डेंगू की पुष्टि हुई है। युवक का श्री महंत इंदिरेश अस्पताल और अन्य व्यक्ति का प्रेमसुख अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनकी हालत में सुधार है। जबकि युवती घर पर ही है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संबंधित इलाकों का दौरा किया। आसपास रहने वाले लोगों को पानी जमा न होने देने, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने और बुखार आने पर चेकअप कराने के लिए कहा गया है। विभागीय टीम ने जलभराव वाले इलाकों में लार्वानाशक दवा का छिड़काव करा दिया है, वहीं नगर निगम की ओर से फॉगिंग कराई जा रही है।
बारिश के बाद तेज धूप खतरे की घंटी
शहर में रुक-रुककर हो रही बारिश के बाद निकली तेज धूप खतरे की घंटी है। धूप निकलने के बाद जगह-जगह जमा बारिश के पानी में एडीज के लार्वा को पनपने का पूरा मौका मिलेगा। इससे डेंगू फैलने की आशंका और बढ़ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के फौरन बाद धूप निकलना मच्छरों को पनपने का मौका देता है। मच्छरों की तादाद बढ़ने पर इनसे होने वाले रोगों की आशंका भी बढ़ जाती है। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के मुताबिक, बारिश के बाद धूप निकलने के बाद उमस बढ़ने से संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका भी बढ़ जाती है।
रुड़की में बच्चे में मिले मीजल्स के लक्षण सैंपल लिए
बुखार से पीड़ित एक बच्चे में मीजल्स के लक्षण मिले हैं। जानकारी मिलने पर डब्ल्यूएचओ की एक टीम सिविल अस्पताल पहुंची। यहां बच्चे के खून के नमूने लिये गए। जिन्हें जांच के लिए लखनऊ लैब में भेजा जा रहा है। सिविल अस्पताल रुड़की में बुखार से पीड़ित एक करीब आठ वर्षीय बच्चे को उपचार के लिए लाया गया। चिकित्सक ने जब बच्चे की जांच की तो उसमें मीजल्स के लक्षण पाए गए। बच्चे को बुखार होने के साथ ही शरीर पर छोटे-छोटे दाने उभर आए थे। बच्चे में मीजल्स के लक्षण मिलने की जानकारी पाकर डल्ब्यूएचओ की एक टीम सिविल अस्पताल रुड़की पहुंची। यहां पर टीम ने बच्चे के खून के सैंपल लिए। डब्ल्यूएचओ के एक्सीक्यूटिव ऑफिसर गौरव कुमार ने बताया कि एक बच्चे में मीजल्स के लक्षण मिले हैं। लेकिन बच्चे को मीजल्स है या नहीं। यह कहना अभी मुश्किल है। बच्चे के रक्त के नमूने ले लिए गए हैं। जिन्हें जांच के लिए लखनऊ लैब भेजा रहा है। एक सप्ताह के भीतर इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी। बच्चे का उपचार शुरू कर दिया गया है। उसकी पूरी हिस्ट्री भी ली गई है। उसे कौन-कौन से टीके लगे हैं। इस संबंध में भी टीम ने जानकारी जुटाई है।
दून मेडिकल कालेज अस्पताल में दवा का संकट गहराया
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज टीचिंग अस्पताल में एक बार फिर दवा का संकट गहराने लगा है। कारण यह कि दवा की आपूर्ति वक्त पर नहीं हो पा रही है। इनमें वह 103 दवाएं शामिल हैं, जिनकी खरीद केंद्र सरकार की चिह्नित पांच दवा निर्माता पीएसयू से की जाती है। ऐसे में कॉलेज प्रशासन ने शासन को पत्र भेजकर इस पर राय मांगी है। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में न केवल शहर, बल्कि पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्र व उप्र-हिमाचल के सीमावर्ती इलाकों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल की ओपीडी प्रतिदिन दो से ढाई हजार के बीच रहती है।
जिनमें निम्न और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों की तादाद बहुत ज्यादा है। मरीजों की संख्या के लिहाज से यहां दवाओं की खपत भी अधिक है। खासकर इस वक्त वायरल, डायरिया समेत कई तरह की बीमारियों ने लोगों को जकड़ा हुआ है। लेकिन, अस्पताल के पास कई आवश्यक दवाओं का स्टॉक सीमित रह गया है। दरअसल 103 दवाएं ऐसी हैं, जिनकी खरीद टेंडर के बिना की जा सकती है। केंद्र सरकार की चिह्नित पांच दवा निर्माता पीएसयू से इन्हें कभी भी खरीदा जा सकता है। इनकी खरीद की दरें तय हैं। लेकिन, ये पीएसयू समय पर दवा की आपूर्ति नहीं कर पा रहे।
जिस कारण बार-बार दवा की दिक्कत उत्पन्न हो रही है। ऐसे में कॉलेज प्रशासन से शासन को पत्र भेज इस ओर आवश्यक कार्रवाई को कहा गया है। सूत्र बताते हैं कि आवश्यक दवाओं की आपूर्ति बाधित होने के कारण इन्हें ब्लैकलिस्ट करने और ओपन टेंडर में जाने का सुझाव भी कॉलेज प्रशासन ने शासन को दिया है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता का कहना है कि दवा की आपूर्ति समय से न होने के कारण लगातार दिक्कत आ रही है। यही कारण है कि शासन को पत्र भेजा गया है। हालांकि इस बीच पीएसयू ने भरोसा दिलाया है कि वह जल्द दवा की आपूर्ति कर देंगे।
डेंगू से सावधान रहने के लिए कहा
मुनिकीरेती के 14 बीघा क्षेत्र में 10 दिन पूर्व पौड़ी निवासी एक किरायेदार युवक की डेंगू से मौत के बाद ऋषिकेश नगर निगम प्रशासन ने विशेष अभियान शुरू कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। चटक धूप खेलने के बाद डेंगू के मच्छर पनपने की आशंका को देखते हुए शुक्रवार को नगर निगम की टीम ने स्थानीय लोगों को पप्लेंट के जरिए डेंगू से सावधान रहने के लिए कहा गया है ।नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त उत्तम सिंह नेगी ने बताया कि पूरे क्षेत्र को कवर करने के लिए सफाई नायकों के नेतृत्व में अलग-अलग क्षेत्र के लिए टीमें रवाना की गई है। जलभराव वाले क्षेत्र में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव हो रहा है। विशेष रूप से मलिन बस्ती क्षेत्र में लोगों को डेंगू से बचाव और इसके लक्षण की जानकारी दी जा रही है। प्रथम चरण में नगर निगम ने 10 हजार पप्लेंट वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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