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    Video: तमिलनाडु से जयपुर और मनाली टूर पर निकले थे स्‍टूडेंट्स, देहरादून में अचानक बस में लगी आग; मचा हड़कंप

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 01:00 PM (IST)

    देहरादून में शिमला बायपास चौक के पास तमिलनाडु के छात्रों से भरी एक बस में आग लग गई। छात्र जयपुर और मनाली के टूर पर थे। समय रहते सभी छात्र बस से बाहर न ...और पढ़ें

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    तमिलनाडु के छात्रों से भरी एक बस में आग लग गई। जागरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून: तमिलनाडु से भ्रमण पर देहरादून आए स्कूली बच्चों की वातानुकूलित डीलक्स बस में शिमला बाईपास स्थित सेंट ज्यूड्स चौक पर गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे उस समय आग लग गई, जब बच्चे यहां वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) देखने जा रहे थे।

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    चालक की सतर्कता से बस में सवार 40 बच्चों व शिक्षकों को समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, जिससे पुलिस व प्रशासन ने राहत की सांस ली। हालांकि, बस समेत बच्चों का कुछ सामान जलकर खाक हो गया। धुएं के कारण कुछ बच्चों द्वारा सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर उन्हें प्राथमिक उपचार दिलाया गया।

    तमिलनाडु से भ्रमण पर आए बच्चे जयपुर घूमने के बाद हरिद्वार आए थे और वहां से गुरुवार सुबह देहरादून के लिए रवाना हुए। देहरादून के बाद बच्चों को मनाली (हिमाचल प्रदेश) जाना था।

    हरिद्वार बाईपास से आइएसबीटी होते हुए बच्चों को लेकर जा रही बस सेंट ज्यूड्स चौक से जीएमएस रोड होकर एफआरआइ जा रही थी, सेंट ज्यूड्स चौक के नजदीक बस के पिछले हिस्से से धुआं उठने लगा। बच्चों ने खिड़की से बाहर शीशे से धुआं निकलता देखा और शोर मचाया।

    स्थिति को भांप चालक ने तुरंत बस को सड़क किनारे रोका और आपात स्थिति का आभास कराते हुए शिक्षकों को सतर्क किया। शिक्षकों ने आनन-फानन के एक-एक कर बच्चों को नीचे सुरक्षित उतारा। कुछ ही मिनटों में बस में आग की लपटें उठने लगीं।

    चूंकि, बस में बड़ी संख्या में बच्चे सवार थे, ऐसे में आग लगने के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। शिक्षकों की तत्परता और बच्चों के अनुशासन के चलते कोई भगदड़ नहीं मची। सूचना मिलते ही पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।

    दमकल कर्मियों को आग पर नियंत्रण पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि आग तेजी से फैल रही थी। आखिरकार आग को पूरी तरह बुझा लिया गया, लेकिन तब तक बस का पिछला हिस्सा पूरी तरह जल चुका था।

    घटना के बाद बच्चों को वैकल्पिक बस से सुरक्षित स्थान रवाना किया गया। प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए मौके पर ही आवश्यक व्यवस्थाएं कीं और संबंधित एजेंसी से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

    बच्चे खोजते रहे अपना सामान

    बस में सवार एक छात्र ने बताया कि जैसे ही धुआं दिखा, हम सब डर गए, लेकिन टीचर्स ने हमें शांत रखा और जल्दी बस से उतरने को कहा, तभी हम सुरक्षित बच पाए। एक छात्रा ने कहा कि बस से उतरते समय दिल बहुत तेज धड़क रहा था, लेकिन सभी टीचर हमारे साथ थे, इसलिए हिम्मत बनी रही।

    एक अन्य बच्चे ने बताया कि ड्राइवर अंकल ने बहुत जल्दी बस रोक दी, नहीं तो कुछ भी हो सकता था। इस दौरान जलती हुई बस से जो सामान बच्चों का बाहर सड़क पर निकाला गया था, उसमें बच्चे अपना सामान खोजते रहे। अधिकांश बच्चों के बैग, जिनमें कपड़े आदि रखे हुए थे, जल गए। इस कारण कुछ बच्चे रोते हुए भी नजर आए।

    बैटरी या तकनीकी खराबी से लगी आग

    एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण बस की बैटरी या तकनीकी खराबी के कारण शार्ट-शर्किट माना जा रहा है। पुलिस ने बस कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। परिवहन विभाग को भी मामले की जानकारी दे दी गई है, ताकि तकनीकी स्थिति और सुरक्षा मानकों की जांच की जा सके।

    परिवहन विभाग ने की तकनीकी जांच

    आरटीओ (प्रवर्तन एवं सड़क सुरक्षा) डा. अनीता चमोला के निर्देश पर परिवहन विभाग की तीन सदस्यीय टीम ने घटनास्थल पहुंचकर जली हुई बस की जांच की। बस (डीडी-01जेड-9539) के सभी दस्तावेज वैध पाए गए हैं।

    टीम में शामिल संभागीय निरीक्षक तकनीकी अनिल यादव व हरीश बिष्ट और परिवहन कर अधिकारी एमडी पननोई ने जांच में पाया कि बस के मध्य बायीं तरफ तारों में शार्ट-सर्किट हुआ है। बस में एक अग्निशमन उपकरण था, जिसका आग लगने पर उपयोग भी किया गया।

    वातानुकूलित बस प्रमुख विहार नरोली रोड सिलवासा, दादर नगर हवेली निवासी जतिंद्र सिंह सहगल के नाम पर पंजीकृत है। बस नई है और मार्च-2025 में ही पंजीकृत हुई है। तकनीकी टीम ने देर शाम अपनी रिपोर्ट आरटीओ को उपलब्ध करा दी।

    डीलक्स बसों की सुरक्षा पर फिर सवाल

    इस घटना ने एक बार फिर डीलक्स बसों की सुरक्षा और नियमित तकनीकी जांच की जरूरत को उजागर कर दिया है।

    विशेषज्ञों का कहना है कि खासकर लंबी दूरी की यात्राओं में बैटरी की स्थिति, तापमान के नियंत्रण और वायरिंग की जांच अनिवार्य होनी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

    बता दें कि, तीन दिन पूर्व ही यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक के बाद एक डीलक्स बसें आपस में टकरा गई थीं, जिसके कारण बसों में भीषण आग लग गई और 13 लोग जिंदा जल गए थे।

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    घटना का वीडियो।