Cyber Crime: लालच बना रहा कंगाल, 17 प्रतिशत लोग निवेश के नाम पर हो रहे शिकार
देहरादून में साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं, जिसमें 17% लोग निवेश धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के 500 केसों के विश्लेषण से ...और पढ़ें

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने खंगाला 500 केसों का रिकार्ड, इस समय 30 तरह से हो रही सर्वाधिक ठगी। जागरण
सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। अमीर बनने का सपना देखना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन रातों-रात अमीर बनने का सपना देखने वाले लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की ओर से 500 केसों का रिकार्ड खंगाला गया तो पता चला कि सर्वाधिक 17 प्रतिशत लोग निवेश के नाम पर मोटा कमाने के झांसे में फंसकर कंगाल हो रहे हैँ। खास तौर पर मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा व छोटे व्यापारियों को आसान कमाई का सपना दिखाकर उनकी जीवनभर की पूंजी हड़प ली जा रही है।
इन दिनों इंटरनेट मीडिया, वाट्सएप ग्रुप, टेलीग्राम चैनल और फर्जी काल्स के जरिए ठगी का खेल तेजी से फैल रहा है। ठग खुद को किसी नामी निवेश कंपनी, शेयर मार्केट एक्सपर्ट या क्रिप्टो सलाहकार बताकर संपर्क करते हैं। शुरुआत में रकम लगवाकर पांच से 25 प्रतिशत तक मुनाफा दिखाया जाता है, जिससे लोगों का भरोसा जीत लिया जाता है। जैसे ही निवेशक बड़ी रकम लगाता है तो साइबर ठग उन्हें ग्रुप से बाहर कर रकम हड़प लेते हैं।
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से मिले आंकड़ों के अनुसार इस समय 30 किस्म के फ्राड सबसे अधिक चल रहे हैं। पिछले तीन महीनों के बीच सामने आए साइबर ठगी के 500 केसों का जब रिकार्ड खंगाला गया तो पता चला कि 50 केस निवेश के नाम पर धोखाधड़ी के थे। इसके अलावा 43 केस फर्जी रिश्तेदार बनकर, 40 केस आनलाइन खरीदारी, 39 केस फर्जी मैसेज भेजकर ठगी, 38 केस लिंक पर क्लिक करके और 19 केस फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी की जा रही है।
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निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- कोई भी वैद्य कंपनी निश्चित गारंटी रिटर्न का वादा नहीं करती।
- वाट्सएप, टेलीग्राम या फोन काल के जरिए आने वाले निवेश प्रस्ताव से अकसर ठगी होती है।
- आज ही निवेश करें या सीमित समय का आफर जैसे दबाव संकेत ठगी की पहचान।
- फर्जी एप, वेबसाइट या लिंक से आप ठगी के शिकार हो सकते हैं।
न ओटीपी बताया न लिंक पर क्लिक, खाते से निकल गए 10.50 लाख रुपये
साइबर ठगी से लोग भले ही अलर्ट हैं, लेकिन साइबर ठग किसी न किसी तरीके से उनके खाते से रकम निकाल दे रहे हैं। ऐसे ही एक मामला मोथरोवाला क्षेत्र का सामने आया है, जहां अज्ञात व्यक्ति ने उनके खाते से 10.50 लाख रुपये निकाल लिए। सुनील कुमार निवासी मोथरोवाला ने बताया कि उनका एक खाता इंडियन ओवरसीज बैंक में है। वह इस खाते में केवल रकम जमा करते हैं।
खाते से उन्होंने गूगल, फोन पे व पेटीएम नहीं जोड़ा हुआ है। 23 दिसंबर की शाम को उनके खाते से पांच लाख रुपये निकल गए। इसके बाद उन्होंने तत्काल 1930 पर शिकायत की व साइबर थाने में रात आठ बजे रिपोर्ट दर्ज कराई। घर पहुंचते ही रात 10 बजे उनके खाते से दो किश्तों में 5.50 लाख रुपये निकल गए। शिकायतकर्ता ने बताया कि न तो उन्होंने ओटीपी बताया और ना ही किसी लिंक पर क्लिक किया तब भी उनके खाते से रकम निकल गई।
फर्जी निवेश आफर व टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट आफर से ठगी के शिकार हो सकते हैं। तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम ने कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट व नकली रिव्यू प्रोग्राम से लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसलिए कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में निवेश न करें व शक होने पर तत्काल निकटवर्ती पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।
- नवनीत भुल्लर, एसएसपी, एसटीएफ

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