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    Dehradun Airport पर फूड एंड बेवरेज काउंटर खोलने को लेकर आया नया मोड़, टेंडर संचालक ने लगाए आरोप; दिखाया कोर्ट का स्टे

    देहरादून एयरपोर्ट पर फूड काउंटर के टेंडर को लेकर विवाद है। टेंडर संचालक ने एयरपोर्ट प्रबंधन पर अनुचित शर्तों और भुगतान जब्ती का आरोप लगाया है। कोर्ट ने संचालक के पक्ष में फैसला दिया पर प्रबंधन कार्रवाई नहीं कर रहा। एयरपोर्ट निदेशक ने बकाया राशि के कारण टेंडर रद्द करने की बात कही है और कोर्ट के आदेश की समीक्षा की जा रही है।

    By mahendra singh chauhan Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 07 Jul 2025 08:00 PM (IST)
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    प्रेस वार्ता करते मनीष चक्रवर्ती । फोटो- जागरण

    संवाद सहयोगी, डोईवाला (देहरादून): देहरादून एयरपोर्ट पर फूड एंड बेवरेज काउंटर खोलने को लेकर टेंडर संचालक की ओर से हाईकोर्ट से स्टे लाकर दोबारा काम शुरू करने में एयरपोर्ट प्रबंधन की ओर से अड़चन लगाने का आरोप लगाया।

    भानियावाला मे प्रेसवार्ता के दौरान मनीष टैक्सी सर्विस के मालिक मनीष चक्रवर्ती ने बताया कि एयरपोर्ट प्रबंधन की ओर से उन्हे नाजायज परेशान किया जा रहा है। टेंडर में गलत शर्ते लगाकर उनसे अतिरिक्त भुगतान की मांग की जा रही है ।

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    जिसके सापेक्ष कम देनदारी होने के बावजूद भी उनके 7.5 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान भी जब्त कर लिया गया। जितना स्क्वायर एरिया उनको टेंडर शर्तो के अनुसार समय से मिलना था वह भी समय से नहीं दिया गया। जबकि उसका किराया लगातार उनपर जोड़ा जा रहा है।

    उन्होंने बताया कि वह एक करोड़ रुपये प्रति महीना एयरपोर्ट प्रबंधन को दे रहे थे। परंतु अब चंडीगढ़ के किसी अन्य व्यक्ति को टेंडर देकर 27 लाख मे यह कार्य दिया गया है। जो की पूरी तरह गलत है और काउंटर बंद होने से स्थानीय लोगो का भी रोजगार प्रभावित हुआ है।

    उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट प्रबंधन की ओर से सुनवाई न करने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर वाद दायर किया। जिस पर उन्हें कोर्ट ने स्टे दिया है और न्यायालय की ओर से जो एयरपोर्ट प्रबंधन की ओर से उनका भुगतान जब्त किया गया है उसे भी गलत माना है।

    परंतु एयरपोर्ट प्रबंधन न्यायालय के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं कर रहा है। वहीं, एयरपोर्ट के निदेशक प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि एयरपोर्ट प्रबंधन का करोड़ों रुपये बकाया होने के चलते ही टेंडर निरस्त किया गया था। सभी कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। हाई कोर्ट के स्टे आर्डर के संबंध में सभी तथ्यों का परीक्षण कराया जा रहा है। जिसके बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

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