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International Womens Day 2020 : कठिन दौर से गुजर रही हैं दून की दीपा शाह

जन औषधि दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बतौर लाभार्थी बातचीत करने वाली तीन बार की भाजपा पार्षद दीपा शाह काफी कठिन दौर से गुजर रही हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 08:24 AM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 08:24 AM (IST)
International Womens Day 2020 : कठिन दौर से गुजर रही हैं दून की दीपा शाह
International Womens Day 2020 : कठिन दौर से गुजर रही हैं दून की दीपा शाह

देहरादून, जेएनएन। जन औषधि दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बतौर लाभार्थी बातचीत करने वाली तीन बार की भाजपा पार्षद दीपा शाह काफी कठिन दौर से गुजर रही हैं। पक्षाघात पीड़ि‍त दीपा के पति विरेंद्र शाह दिव्यांग हैं। कमाई को कोई जरिया नहीं होने के कारण भतीजों की मदद से परिवार की गुजर-बसर चल रही है। शनिवार को दीपा उस समय काफी भावुक हो गई, जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पीएम को सामने देखा। दीपा ने पीएम से कहा 'मैंने आप में भगवान को देखा है, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। दीपा की बातें सुनने के बाद प्रधानमंत्री बोले, 'यह आपकी हिम्मत है कि आपने पक्षाघात जैसी बीमारी पर जीत हासिल की।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश के जन औषधि केंद्र संचालकों और लाभार्थियों से बातचीत की। दून महिला अस्पताल में प्रोजेक्टर पर प्रधानमंत्री को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। बातचीत के क्रम में जब प्रधानमंत्री ने कहा, 'चलिए! अब चलते हैं देहरादून तो लोगों की उत्सुकता बढ़ गई। इस दौरान जन औषधि केंद्र के संचालक मुकेश अग्रवाल और लाभार्थी चुक्खूवाला (देहरादून) निवासी दीपा शाह ने प्रधानमंत्री से संवाद किया। 

65 वर्षीय दीपा शाह ने जन औषधि केंद्र से मिलने वाले लाभ पर प्रधानमंत्री का आभार जताया। वह बोलीं, 'वर्ष 2011 में मुझे पक्षाघात हो गया था। इसके बाद मैं बोल नहीं पाती थी। मेरा इलाज चला, लेकिन महंगी होने के कारण दवाइयों का खर्चा निकालना मुश्किल हो रहा था। डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया कि मैं ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाऊंगी। ऐसे में जन औषधि केंद्र मेरे लिए उम्मीद की किरण बनकर आया और मैं अब बहुत हद तक स्वस्थ हो गई हूं। यह कहते-कहते हुए दीपा की आंखों से आंसू छलक पड़े।

दीपा की बातें सुनने के बाद स्वयं प्रधानमंत्री भी भावुक हो गए और बोले, सभी राज्यों में लाभार्थियों को जन औषधि केंद्रों का लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर भी विशेष परिस्थिति को छोड़ बाकी मौकों पर जैनरिक दवाएं ही लिखें। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, महापौर सुनील उनियाल गामा व जन औषधि केंद्र के लाभार्थियों समेत मेडिकल कॉलेज स्टाफ व अधिकारी मौजूद रहे। 

जैनेरिक दवाओं ने कम किया खर्चा

दीपा शाह ने बताया कि वर्ष 2011 में पक्षाघात होने के बाद घर का खर्चा काफी बढ़ गया। चमाईखेड़ा-सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में इलाज चला, जिसमें हर महीने पांच से आठ हजार रुपये खर्चा आता था। लेकिन, जन औषधि केंद्र में अब महीने का 1500 रुपये ही खर्चा आ रहा है।

तीन बार पार्षद रह चुकी हैं दीपा

प्रधानमंत्री से संवाद करने वाली दून की दीपा शाह लगातार तीन बार वर्ष 1997, 2002 और 2007 में देहरादून नगर निगम में भाजपा से पार्षद रह चुकी हैं। कहती हैं, तब क्षेत्र में काम कराने के लिए बजट कम मिलता था, तो लोग श्रमदान भी कर लेते थे। लेकिन, आज परिस्थितियां बदल गई हैं। दीपा शाह का राज्य आंदोलन में अहम योगदान रहा है। भाजपा के जुझारू नेताओं में शामिल रही हैं।

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मुकेश अग्रवाल ने पीएम से साझा किए अनुभव

जन औषधि केंद्र के संचालक मुकेश अग्रवाल ने भी पीएम मोदी से संवाद किया। पीएम ने पूछा कि उनका अनुभव कैसा रहा। इस पर मुकेश बोले, 'फिलहाल छह जन औषधि केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। दून अस्पताल को उन्होंने छह लाख रुपये की दवाएं वितरित कीं। स्कूलों में सैनेटरी पैड वितरित करने के साथ ही छात्राओं को जागरूक भी किया जा रहा है।

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