आतंकियों से संबंध होने की बात कह डराया, साइबर ठगों ने रिटायर्ड कर्मचारी को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 40 लाख रुपये
देहरादून में साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड कर्मचारी को आतंकियों से संबंध होने की बात कहकर डराया और डिजिटल अरेस्ट कर 40 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने पीड़ित को ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, देहरादून: आतंकियों से संबंध होने की बात कहकर साइबर ठगों ने लार्सन एंड टुब्रो कंपनी (एलएंडटी) दिल्ली से रिटायर्ड कर्मचारी को डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर 40 लाख रुपये ठग लिए। इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पंडितवाड़ी निवासी मुकेश पांडे ने बताया कि वह 68 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक हैं। वह एलएंडटी दिल्ली से रिटायर्ड कर्मचारी हैं। 10 दिसंबर को उन्हें फोन आया और काल करने वाले व्यक्ति ने खुद को दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर का कर्मचारी बताया। बुजुर्ग से कहा कि उनके आधार कार्ड की एक प्रति आतंकवादियों के पास प्राप्त हुई है तथा आपके नाम का एक सिम भी वह प्रयोग कर रहे थे। इस संबंध में आपको पुलिस हेडक्वार्टर दिल्ली आना पड़ेगा।
शिकायतकर्ता ने बताया कि इसके बाद उन्हें दोबारा काल आई जिसने अपना नाम प्रेम कुमार गौतम बताया और खुद को एनआइए का अधिकारी बताया। व्यक्ति ने कहा कि आपके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हुए हैं। कहा कि आपको गिरफ्तार कर पुणे के डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा, जिसमें आपको तीन-चार महीने रहना पड़ेगा। जांच के बाद ही आपको छोड़ा जाएगा।
वरिष्ठ नागरिक ने बताया कि इस बात से वह बहुत घबरा गए और प्रेम कुमार गौतम ने उन्हें बातों में उलझाकर कहा कि आपको डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है। हर तीन घंटे में उनसे लोकेशन मांगी गई और डराया कि किसी भी अन्य व्यक्ति से बात न करें।
फिर 13 दिसंबर को उन्हें एक अन्य नंबर से वीडियो काल आई और डरा धमकाकर उनसे सिग्नल एप डाउनलोड करवाई गई। एप से ही उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट तक उपलब्ध कराया। इसके बाद ठगों ने कहा कि आपके पास खातों में उपलब्ध धनराशि का सत्यापन किया जाना है, जो आपको सत्यापन के बाद वापस मिल जाएगी। 15 दिसंबर को उनके खाते से 40 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कराए। तब जाकर 17 दिसंबर को उन्हें ठगी का एहसास हुआ।

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