दिल्ली में 16 करोड़ रुपये के साइबर निवेश घोटाले का पर्दाफाश, 9 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने एक अंतर-राज्यीय साइबर अपराध सिंडिकेट का भंडाफोड़ कर नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह निवेश धोखाधड़ी के जरिए लोगों को निशाना बना ...और पढ़ें

दिल्ली पुलिस ने एक अंतर-राज्यीय साइबर अपराध सिंडिकेट का भंडाफोड़ कर नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। दिल्ली पुलिस की पश्चिमी दिल्ली जिला टीम ने एक बड़े अंतर-राज्यीय संगठित साइबर अपराध सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है और नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान शौकत अली (कर्नाटक), बाबू पयनादथ (केरल), एंथनी बाबू (केरल), देवेंद्र पांडे (उत्तर प्रदेश), दुरव राज मिश्रा (उत्तर प्रदेश), फारूक (दिल्ली), मोहम्मद अदनान रजा (उत्तर प्रदेश), अम्मा गुंटा कविता (आंध्र प्रदेश), और के.वी. शिव योगी (कर्नाटक) के रूप में हुई है। यह गिरोह निवेश धोखाधड़ी के जरिए देश भर के भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहा था।
16 करोड़ रुपये के काले धन का लेन-देन और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
पश्चिमी दिल्ली जिले के डीसीपी दराडे शरद भास्कर ने बताया कि इस सिंडिकेट के तार दुबई से जुड़े हैं। आरोपियों के बैंक खातों की जांच में लगभग 16 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का पता चला। जांच के दौरान, यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि देश भर में NCRP पोर्टल पर दर्ज 286 साइबर शिकायतें सीधे इन आरोपियों के लाभार्थी खातों से जुड़ी थीं। पुलिस ने उनके पास से 11 मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, पासबुक और चेकबुक बरामद किए हैं।
यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब एक पीड़ित ने 12 सितंबर को साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित को सोशल मीडिया के जरिए निश्चित रिटर्न और भारी मुनाफे का वादा करके लाखों रुपये निवेश करने का लालच दिया गया और बाद में उसके साथ धोखाधड़ी की गई।
एसीपी ऑपरेशंस विजय सिंह के मार्गदर्शन में और साइबर पुलिस स्टेशन के एसएचओ विकास कुमार बुलडक के नेतृत्व में, जिसमें एएसआई संदीप पूनिया, हेड कांस्टेबल संजीव और वेद प्रकाश शामिल थे, एक टीम का गठन किया गया और तकनीकी विश्लेषण शुरू किया गया। जांच में पता चला कि धोखाधड़ी का पैसा कर्नाटक के बेंगलुरु निवासी शौकत अली के HDFC और बैंक ऑफ बड़ौदा खातों में ट्रांसफर किया जा रहा था।
मोबाइल ऐप के जरिए खातों को रिमोट से नियंत्रित
गिरोह का काम करने का तरीका बहुत ही संगठित था। आरोपी मोहम्मद और देवेंद्र ने एजेंटों का इंतजाम किया और उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाए। इन एजेंटों को रहने की जगह दी गई, और उनके बैंक खातों को दुबई में बैठे मुख्य ऑपरेटर द्वारा एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से रिमोट से नियंत्रित किया जाता था। जांच को गुमराह करने के लिए, धोखाधड़ी का पैसा कई बैंक खातों के माध्यम से भेजा जाता था।
इस समन्वित ऑपरेशन में, जो एक महीने तक चला, पुलिस ने सबसे पहले केरल से शौकत अली को गिरफ्तार किया। उससे मिली जानकारी के आधार पर, तीन टीमें बनाई गईं, और उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली में एक साथ छापे मारे गए, जिससे सभी नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने लगभग 91 लाख रुपये के धोखाधड़ी के पांच बड़े मामले भी सुलझाए हैं, जो साइबर वेस्ट, नॉर्थ वेस्ट, आउटर, ईस्ट और आउटर नॉर्थ पुलिस स्टेशनों में दर्ज थे। फिलहाल, पुलिस इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके विदेशी हैंडलर्स की तलाश कर रही है।

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