साइबर ठगों ने बुजुर्ग दंपती को छह दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 12.80 लाख रुपये
देहरादून में साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग दंपती को डिजिटल अरेस्ट कर 12.80 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने दंपती को उनके नाम पर खोले गए खाते में दो करोड़ रुपये क ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, देहरादून: राजधानी में डिजिटल अरेस्ट का एक बड़ा मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने बुजुर्ग दंपती को छह दिन डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 12.80 लाख रुपये ठग लिए। ठग उन्हें डराते रहे कि उनके नाम से खोले गए खाते में दो करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।
आरोपितों ने बुजुर्ग दंपती को इतना डराया कि वह एक ही घर में रहने के बावजूद एक-दूसरे से बात तक नहीं कर सके। ठगी का एहसास होने पर उन्होंने इसकी शिकायत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दी। साइबर थाना पुलिस ने जीरो एफआइआर दर्ज कर केस रायपुर थाने में ट्रांसफर कर दिया है।
पुलिस को दी तहरीर में पंकज अग्रवाल निवासी व्हिसलिंग वुड्स अपार्टमेंट्स, सहस्रधारा रोड ने बताया कि वह कंस्ट्रक्सशन का काम करते थे। वह अपनी पत्नी के साथ निवास करते हैं, जबकि उनका बेटा विदेश में रहता है। सात दिसंबर को उन्हें अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर खुद को क्राइम ब्रांच मुंबई का अधिकारी बताया।
कहा कि आपका एक मामला क्राइम ब्रांच मुंबई में दर्ज है। उनके बैंक खाते नरेश गोयल और जेट एयरवेज से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले से संबंधित हैं। आपके नाम पर खोले गए बैंक खातों का उपयोग करके दो करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इस पूरे मामले में 200 से 247 से अधिक बैंक खाते जांच के दायरे में हैं।
आपके खिलाफ पहले ही 30-40 शिकायतें हैं। मुंबई में एक एफआइआर दर्ज की जा चुकी हैं। जल्द आपकी गिरफ्तारी हो सकती है। आरोपितों ने यह भी कहा कि मुंबई में आपके नाम पर केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है और इसी खाते में अवैध लेनदेन किया गया है।
पीड़ित ने बताया कि ठग उन्हें लगातार उन्हें धमकी देते रहे कि आपको डिजिटल अरेस्ट किया गया है। निर्देश दिए कि आप फोन नहीं काटेंगे और न ही किसी परिवार के सदस्य, मित्र या बाहरी व्यक्ति से बात करेंगे। हर समय फोन पर उपलब्ध रहेंगे। यदि किसी से बात की तो तत्काल गिरफ्तार कर लिया जाएगा और सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही उनके परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया जाएगा। इन धमकियों के कारण दंपती अपने ही घर में एक-दूसरे से खुलकर बात करने से भी डरते रहे। उन्हें छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। इस दौरान वह गंभीर मानसिक तनाव, आघात, घबराहट और भय से ग्रस्त रहे।
उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने खातों की जांच की बात कहते हुए उनसे 12.80 लाख रुपये अपने विभिन्न खातों में मंगवाए। कहा कि घरेलू खर्चों के लिए आप केवल 20 हजार रुपये ही अपने खाते में रख सकते हो। शक होने पर उन्होंने अपने रिश्तेदारों से बातचीत की तो तब पता चला कि उनके साथ साइबर ठगी हुई है। 13 दिसंबर को उन्होंने तत्काल हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई।
डिजिटल अरेस्ट होने से ऐसे बचें
- किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
- एपीके फाइलों को मोबाइल में इंस्टाल न करें।
- किसी भी वीडियो काल पर भरोसा न करें।
- वर्दीधारी वीडियो काल पर धमकी देकर रकम मांगने वाले ठग हो सकते हैं।
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