डिजिटल अरेस्ट कर 85 लाख ठगने वाले गिरोह का सरगना इंदौर से दबोचा, चंडीगढ़ में की थी वारदात, खंगाला जा रहा नेटवर्क
चंडीगढ़ में डिजिटल अरेस्ट कर 85 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना अंकित गुप्ता को इंदौर से गिरफ्तार किया गया है। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने ...और पढ़ें

डिजिटल अरेस्ट का डर विभिन्न बैंक खातों में कई बार पैसे ट्रांसफर कराए थे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने हाई-वैल्यू डिजिटल अरेस्ट ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को इंदौर से गिरफ्तार किया है। 34 वर्षीय अंकित गुप्ता पर लोगों को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 85 लाख की ठगी करने का आरोप है। पुलिस पूरे नेटवर्क का पता लगा रही है।
पुलिस के अनुसार चंडीगढ़ निवासी शिकायतकर्ता को लगातार अज्ञात नंबरों से फोन काॅल आए। काॅल करने वालों ने खुद को टेलीकाॅम रेगुलेटरी अथाॅरिटी ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक और विजिलेंस विभाग का अधिकारी बताकर बात की। ठगों ने शिकायतकर्ता को एक मनी लाॅन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी।
ठग ने शिकायतकर्ता को डराने के साथ-साथ उसे एक तथाकथित प्रायोरिटी इनोसेंस सर्टिफिकेट दिलाने का झांसा दिया और कानूनी कार्रवाई से बचाने का दावा किया। डिजिटल अरेस्ट के डर और धोखाधड़ी के चलते शिकायतकर्ता ने ठगों के बताए गए विभिन्न बैंक खातों में कई बार पैसे ट्रांसफर किए। इस तरह कुल 85 लाख रुपये की ठगी की गई।
ऐसे पकड़ में आया सरगना
जांच के दौरान सामने आया कि ठगी की रकम में से 39 लाख रुपये और 11 लाख रुपये बैंक आफ बड़ौदा के एक खाते में जमा हुए थे। यह खाता अंकित गुप्ता के नाम पर पाया गया। साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से इंदौर में दबिश दी। अंकित गुप्ता को उज्जैन रोड क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से बैंक ऑफ बड़ौदा खाते की चेकबुक बरामद की गई, जिसे विधिवत जब्त कर लिया गया है।
पूरे नेटवर्क, ठगी के तरीकों का पता लगाया जा रहा
पुलिस का कहना है कि मामला अभी प्रारंभिक चरण में है। अंकित गुप्ता से पूछताछ कर उसके डिजिटल डिवाइसों की जांच की जा रही है, ताकि पैसे के पूरे नेटवर्क, ठगी के तरीकों और गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह ने देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की ठगी को अंजाम दिया है।

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