उत्तराखंड में फल-फूल रहा मगरमच्छ, घड़ियाल व ऊदबिलाव का कुनबा
उत्तराखंड के संरक्षित और आरक्षित वन क्षेत्रों से गुजरने वाली नदियों में मगरमच्छ घड़ियाल व ऊदबिलाव का कुनबा खूब फल-फूल रहा है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड के संरक्षित और आरक्षित वन क्षेत्रों से गुजरने वाली नदियों में मगरमच्छ, घड़ियाल व ऊदबिलाव का कुनबा खूब फल-फूल रहा है। राज्य स्तर पर पहली मर्तबा हो रही इन जलीय जीवों की गणना के दूसरे दिन भी कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व समेत अन्य स्थानों पर बड़ी संख्या में इनके नजर आने से यह संभावना जताई जा रही है। इससे वन्यजीव महकमा उत्साहित है।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के मुताबिक गणना के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद इन जलीय जीवों के संरक्षण, सुरक्षा समेत वासस्थल विकास की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश में पहली बार तीन जलीय जीवों मगरमच्छ, घड़ियाल और ऊदबिलाव की राज्य स्तर पर गणना शनिवार से चल रही है। कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व के साथ-साथ छह जिलों हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत व पिथौरागढ़ जिलों के संरक्षित एवं आरक्षित क्षेत्रों में स्थित नदियों में वनकर्मियों की 50 से ज्यादा टीमें इस कार्य में जुटी हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान और विश्व प्रकृति निधि के सहयोग से यह गणना 24 फरवरी तक चलेगी।
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गणना के पहले दो दिनों में ही इन जिलों में बड़ी संख्या में तीनों जलीय जीवों के नजर आने से वन्यजीव महकमा उत्साहित है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के मुताबिक मगरमच्छ, घड़ियाल व ऊदबिलाव का बड़ी संख्या में दिखाई पड़ना साबित करता है कि यहां का पारिस्थितिकीय तंत्र इनके लिए मुफीद है। उन्होंने बताया कि गणना कार्य संपन्न होने के बाद दो सप्ताह के भीतर आंकड़े जारी किए जाएंगे। फिर इनके आधार पर मगरमच्छ, घड़ियाल व ऊदबिलाव की सुरक्षा व संरक्षण के साथ ही इनके वासस्थलों के और बेहतर विकास को कार्ययोजना तैयार की जाएंगी।
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