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    मगरमच्छ, घड़ियाल और ऊदबिलाव गणना का शेड्यूल तय, जानिए

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Mon, 27 Jan 2020 08:50 PM (IST)

    पहली बार होने जा रही मगरमच्छ घड़ियाल और ऊदबिलाव की गणना का शेड्यूल तय कर दिया गया है।

    मगरमच्छ, घड़ियाल और ऊदबिलाव गणना का शेड्यूल तय, जानिए

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में पहली बार होने जा रही मगरमच्छ, घड़ियाल और ऊदबिलाव की गणना का शेड्यूल तय कर दिया गया है। यह गणना 22 से 24 फरवरी को होगी। इसमें भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) और विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की मदद ली जाएगी। महकमे की कोशिश है कि गणना कार्य पूरा होने पर दो सप्ताह के भीतर इसके नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। 

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    वर्ष 2008 में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मगरमच्छ और घड़ियालों की गणना हुई थी, लेकिन राज्य के अन्य क्षेत्र इससे अछूते रह गए थे। जबकि, अन्य क्षेत्रों में भी इनकी अच्छी-खासी संख्या है। अब महकमे ने पहली बार राज्य स्तर पर मगरमच्छ और घड़ियाल के साथ ही ऊदबिलावों की गणना कराने का निर्णय लिया है। लंबी कसरत के बाद अब इसका शेड्यूल तय कर दिया गया है। 

    राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के मुताबिक मगरमच्छ, घड़ियाल और ऊदबिलाव की गणना 22 से 24 फरवरी तक चलेगी। कॉर्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व के अलावा अन्य संरक्षित क्षेत्रों और वन प्रभागों में इन जलीय जंतुओं की गणना की जाएगी। 

    आंकड़े मिलने के बाद इन जलीय जीवों के संरक्षण, वासस्थल विकास की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे। 

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    14 फरवरी से होगा प्रशिक्षण 

    मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव आरके मिश्र के अनुसार गणना के लिए पहले प्रारंभिक सर्वे किया जा रहा है, जिससे ये पता चल सके कि कहां-कहां पर इनके वासस्थल हैं। तीनों जलीय जीवों की गणना के लिए 14 फरवरी से कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

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    11 से 3 बजे तक होगी गिनती 

    मिश्र के अनुसार ये तीनों जलीय जीव धूप सेंकने के लिए अमूमन दिन में 11 से तीन बजे के बीच बाहर निकलते हैं। उन्होंने बताया कि 22 से 24 फरवरी तक तीनों दिन इसी समय में एक साथ सभी संभावित स्थलों में गणना की जाएगी। गणना कार्य पूरा होने के बाद दो हफ्ते के भीतर इसके आंकड़े जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 

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