एक्वेरियम में इठलाती जल की रानी का मनमोहक संसार
देहरादून जू बने एक्वेरियम में 40-45 प्रजाति की मछलियां हैं। मछलियों की इस खूबसूरत दुनिया को देखने के लिए मामूली शुल्क भी देना पड़ता है।
देहरादून, हिमांश जोशी। जल की रानी मछली हर किसी के मन को भा जाती है। यदि वह रंग-बिरंगी और विभिन्न प्रजाति की हों तो फिर इनका आकर्षण और बढ़ना लाजिमी है। वास्तुशास्त्र के अनुसार एक्वेरियम में लगातार इधर से उधर आती-जाती मछलियों को देखना बेहद शुभ होता है। यह जीवन को लगातार गतिशील रखने की प्रेरणा देता है। इसलिए ज्यादातर लोग अपने घरों व प्रतिष्ठानों में एक्वेरियम रखते हैं। लेकिन, यहां हम आपको देहरादून जू बने एक्वेरियम की सैर करा रहे हैं। यहां 40-45 प्रजाति की मछलियां हैं। मछलियों की इस खूबसूरत दुनिया को देखने के लिए मामूली शुल्क भी देना पड़ता है।
कचरे की पहाड़ियों पर पर्यटक खिंचाते हैं फोटो
पार्क में साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था है। यहां अगर आप प्लास्टिक की बोतल ले जा रहे हैं तो काउंटर से उस पर स्टीकर लगाकर शुल्क के रूप में दस रुपये जमा कराने होंगे। यदि बोतल वापस आ जाती है तो काउंटर से पैसा वापस हो जाता है। खाली बोतलों के इस कचरे से छोटे-छोटे पहाड़ बनाए गए हैं। जहां पर्यटक फोटो खिंचवाना और सेल्फी लेना नहीं भूलते। पार्क में प्लास्टिक की बोतलों के कचरे को साफ करने के लिए क्रेस मशीन भी लगाई गई है।
जियान्ट गोरामी
जियान्ट गोरामी दक्षिण-पूर्व एशिया मूल की एक प्रजाति है। जो दक्षिण-पूर्व एशिया में वाओ फ्राया और मेकांग वेसिन की मुख्य भूमि बोर्गियो, जावा और सुमात्रा की नदियों में पाई जाती है। यह मछली लंबे समय तक पानी से बाहर हवा में सांस ले सकती है। इसकी अधिकतम लंबाई दो फीट तक हो सकती है। इसमें मादा मछली को उसके मोटे होठों से पहचाना जा सकता है। नर प्रजनन से पहले बुलबुले के आकार के घोंसले का निर्माण करते हैं।
ब्लड पैरॉट सिक्लिड
ब्लड पैरॉट सिक्लिड मिडास और रेडहेड सिक्लिड की एक संकर प्रजाति है। यह मछली 1986 में ताइवान में विकसित की गई थी। वयस्क मछली की लंबाई लगभग आठ इंच और इनका जीवन काल दस से 15 साल तक होता है। इनका शरीर गुब्बारे के समान गोलाकार होता है और मुंह बहुत छोटा होता है। इनकी नाक का आकार ताले की तरह होने के कारण इन्हें पैरेट फिश भी कहा जाता है। यह मांसाहारी और शाकाहारी, दोनों ही प्रकार की होती है।
बैंडेड सिक्लिड एंड सर्वरस
बैंडेड सिक्लिड एंड सर्वरस प्रजाति दक्षिण अमेरिका में ऊपरी ऑस्निको, ऊपरी रियो नीग्रो और अमेजन बेसिन के ऊष्ण कटिबंधीय ताजे पानी की मछली है। यह मछली बहुत शांत स्वभाव की होती है और इसकी लंबाई सात इंच तक होती है। किशोरावस्था में इनके शरीर पर आठ स्पष्ट काले ऊध्र्वाधर बैंड पाए जाते हैं, जो वयस्क होने पर फीके पड़ जाते हैं। इनका जीवन काल लगभग दस साल होता है। इनका भोजन भी मांसाहारी और शाकाहारी दोनों प्रकार का होता है।
टिनफॉयल बार्ब
टिनफॉयल बार्ब दक्षिण-पूर्व एशिया के ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्र के ताजे पानी की मछली है। इनका जन्म थाइलैंड के मेंकॉग और चाओ फ्राया बेसिनों, सुमित्रा, बोर्गियो और मलायन पेनिनसुलेथ में हुआ। यह समूह में रहना पसंद करती है। इसकी अधिकतम लंबाई डेढ़ फीट तक और जीवनकाल आठ से दस साल का होता है।
ज्वैल सिच्लिड
यह हेमीक्रोसिस सिच्लिड परिवार की मछली है। इनकी अधिकतम लंबाई तीन से 12 इंच तक होती है। यह प्रजाति आमतौर पर मोनोगेमस होती है और प्रजनन से पहले जोड़े बनाती है। यह आमतौर पर सपाट सतह, जैसे पत्ते या पत्थर के ऊपर अंडे देती है। नर और मादा, दोनों ही अंडों की रक्षा करते हैं।
ईरीडिसेंट शार्क
ईरीडिसेंट शार्क दक्षिण-पूर्व एशिया की नदियों में पाई जाने वाली शार्क कैटफिश की एक प्रजाति है। यह पूर्ण रूप से शार्क नहीं है और मेकांग बेसिन और चाओ फ्राया नदी में पाई जाती है। इसका मुख्य आहार छोटी मछलियां और जलीय पौधे हैं। इसकी लंबाई चार फीट तक और वजन अधिकतम 44 किलो तक हो सकता है। इन मछलियों की देखने की क्षमता बहुत कम होती है।
अरपाइमा
अरपाइमा बोनीटांग प्रजाति की एक बड़ी मछली है। जो कि अमेजन, दक्षिणी अमेरिका के एसकिबो बेसिन में पाई जाती है। यह दुनिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की मछलियों में से एक है। इनकी लंबाई लगभग दस फीट तक और अधिकतम वजन दो सौ किलो तक होता है। जबकि, अधिकतम दर्ज लंबाई 15 फीट तक है। यह मछली प्रजनन के समय घोंसले का निर्माण करती है और अपने बच्चों की देखभाल करती है। नर और मादा अंडों को अपने मुंह में रखते हैं।
यह भी पढ़ें: देहरादून में है जहरीले से लेकर शाकाहारी सांपों का अद्भुत संसार, जानिए इनकी खासियत
यह भी है एक्वेरियम की शान
रैनबो शार्क, रेडटेल्ड ब्लैक शार्क, क्लोन लोच, ओरांडा गोल्ड, ब्रास गोल्ड, व्हाइट गोल्ड, रेड गोल्ड, रोहू, ग्रास क्रेप, सिल्वर शार्क, एल्बिनो लॉच, थ्री स्पोट गौरामी, डेनिसन बार्ब, फैदर, सिल्वर एरोवाना, मिल्की कॉर्प, प्लेटिनम एंजल, मार्बल एंजल, विंडो टेट्रा, यलो गोरामी, जगुआर, डेनिसन बार्ब, फैदर, सिच्लिड।
यह भी पढ़ें: देहरादून में जहरीले सांपों को करीब से जानेंगे सैलानी