coronavirus से जंग लड़ रहे 68457 कार्मिकों को बड़ी राहत, मिलेगा बीमा का लाभ
राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव कार्यों में अग्रिम पंक्ति में खड़े 68457 कार्मिकों को चार-चार लाख का बीमा लाभ दिया जाएगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। coronavirus की रोकथाम को लड़ रहे योद्धाओं को बड़ी राहत दी गई है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव कार्यों में अग्रिम पंक्ति में खड़े 68457 कार्मिकों को चार-चार लाख का बीमा लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उत्तराखंड में कोरोना वायरस के खतरे से निपटने में अग्रिम पंक्ति में खड़े कार्मिकों का बीमा कराने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाने वाले योद्धाओं का हर तरीके से हौसला बढ़ाने के लिए राज्यों को भी प्रेरित कर रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों का बीमा किया जा चुका है। इसका लाभ राज्य के स्वास्थ्य कार्मिकों को भी मिल रहा है। ऐसे में इस कार्य में लगे अन्य योद्धाओं की सुध राज्य सरकार ने ली है। इन कार्मिकों का एक वर्ष की अवधि के लिए बीमा कराने पर 17.02 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसका वहन मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जाएगा।
राज्य सरकार के स्तर पर बीमा लाभान्वितों में 22523 पुलिस कार्मिक, 7988 सफाईकर्मी, 14595 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 14376 आंगनबाड़ी सहायिकाएं, 4924 मिनी आंगनबाड़ी सहायिकाएं, 464 सुपरवाईजर, 78 सीडीपीओ, नौ डीपीओ, जीएमवीएन व केएमवीएन के 3000 कार्मिक, एसईओसी-डीईओसी के 500 कार्मिक शामिल हैं। सरकार का कहना है कि मीडिया कर्मियों के लिए भी अलग से व्यवस्था की जा रही है।
वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर भी लगी रोक
प्रदेश में वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई है। केंद्र के निर्देशों के बाद प्रदेश में भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए अभी तक खुला वाहन सॉफ्टवेयर बंद कर दिया गया है। अब वाहनों के रजिस्ट्रेशन लॉकडाउन पीरियड के बाद ही शुरू होंगे। प्रदेश में अभी तक वाहन विशेषकर बीएस फोर श्रेणी के वाहनों के रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किए जा रहे थे। कारण यह कि बीएस फोर श्रेणी के वाहनों की बिक्री पर रोक लग चुकी है।
इसके लिए डीलरों के पास समय कम है। ऐसे में अभी जोर इन्हीं वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर है। परिवहन कार्यालयों के लॉकडाउन होने के कारण बंद होने के चलते यह व्यवस्था वाहन सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन की जा रही थी। अब सड़क और परिवहन मंत्रलय ने इस पर रोक लगा दी है। मंत्रलय द्वारा इस संबंध में राज्यों को दिए गए आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन में बिजनेस एक्टिविटी बंद हैं।
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इस कारण वाहनों का पंजीकरण भी बंद कर दिया जाए। केंद्र के निेर्देशों के बाद सचिव और आयुक्त परिवहन ने भी इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने कहा कि इससे डीलरों को घबराने की जरूरत नहीं है। लॉकडाउन पीरियड समाप्त होने के बाद यह प्रक्रिया फिर शुरू की जाएगी। इसमें समय पूरा होने के कारण कई मामलों में लगने वाले विलंब शुल्क न लेने पर भी विचार किया जाएगा।
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