अब सरकारी राशन के लिए नहीं लगानी होगी लंबी लाइन, ATM से मिलेगा अनाज
Ration ATM उत्तराखंड सरकार ने सरकारी राशन दुकानों पर लगने वाली लंबी लाइनों से उपभोक्ताओं को मुक्ति दिलाने के लिए एक अनोखी पहल की है। राज्य में चार ग्रीन ग्रेन एटीएम लगाए गए हैं जिनकी क्षमता एक दिन में 30 क्विंटल गेहूं और चावल वितरित करने की है। इन एटीएम से राशन वितरण में घटतौली की शिकायत भी नहीं मिलेगी।

जयदीप झिंक्वाण, जागरण देहरादून । Ration ATM: अब सरकारी सस्ता गल्ले की दुकानों के बाहर लाइन पर लगने से उपभोक्ताओं को छुटकारा मिल जाएगा। जिला पूर्ति कार्यालय ने जिले में चार ग्रीन अनाज एटीएम लगाए हैं। जिनका ट्रायल सफल हो गया है।
ग्रीन एटीएम की क्षमता एक दिन में 30 क्विंटल गेहूं व चावल वितरण करने की है। एटीएम से राशन वितरण करने में घटतौली की शिकायत भी नहीं मिलेगी। एटीएम में सभी उपकरण कंप्यूटराइज हैं। राशन कार्ड का नंबर दर्ज करते ही संपूर्ण विवरण उपलब्ध हो जाएगा।
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राशन विक्रेताओं को दिया गया प्रशिक्षण
दरअसल, जिला पूर्ति कार्यालय की ओर से जिले में चार ग्रीन एटीएम देहरादून, ऋषिकेश, सहसपुर, विकासनगर में लगाए गए हैं। राशन वितरण में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसको लेकर ग्रीन एटीएम को ट्रायल पर लिया गया। ट्रायल के दौरान राशन विक्रेताओं को भी प्रशिक्षण दिया गया। एटीएम का ट्रायल पूरा होने के साथ ही प्रशिक्षण भी पूरा हो गया है। अब ग्रीन एटीएम का विधिवत संचालन किया जाएगा।
डीएसओ केके अग्रवाल ने बताया कि सभी जगहों पर एटीएम का विधिवत संचालन शुरू किया जाएगा। सहसपुर में लगाए गए एटीएम को भी जल्द शुरू किया जाएगा। बताया कि एटीएम एक घंटे में पांच क्विंटल राशन वितरण करने की क्षमता रखता है। जबकि मैन्युअल में एक क्विंटल राशन वितरण करने में तीन घंटे तक का समय लग जाता है। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में अन्य दुकानों में भी ग्रीन एटीएम जरूरत के हिसाब से लगाए जाएंगे।
फाइल फोटो।
ऐसे करता है ग्रीन एटीएम कार्य
- ग्रीन एटीएम में सभी उपकरण कंप्यूटराइज है।
- राशन कार्ड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, अंत्योदय, राज्य खाद्य सुरक्षा के राशन कार्ड के नंबर दर्ज करते ही संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो जाती है।
- एटीएम में यह भी विकल्प उपलब्ध कराया गया है कि किस योजना में कितना गेहूं, चावल दिया जाना है।
- ग्रीन एटीएम में यूनिट दर्ज करते ही उनती ही यूनिट अनाज बाहर निकलेगा।
- इसमें अनाज का वजन भी मशीन के माध्यम से ही किया जाएगा।
- जिसके बाद मशीन के माध्यम से ही उपभोक्ताओं को गेहूं और चावल मिलेगा।
विभाग करेगा ग्रीन एटीएम की मानीटरिंग
ग्रीन एटीएम में किसी तरह की तकनीकी समस्या आने पर ठीक कराने की जिम्मेदारी विभाग की होगी। राशन विक्रेता की जिम्मेदारी एटीएम के संचालन में जो भी बिजली का बिल आएगा उसका भुगतान करने की है।
इसके साथ ही माह में कितना राशन वितरण किया गया है इसकी रिपोर्ट जिला पूर्ति कार्यालय को देनी होगी। यह व्यवस्था इसलिए भी बनाई गई है कि अन्य दुकानों की अपेक्षा ग्रीन एटीएम संचालित करने वाले विक्रेताओं का लाभांश भी अधिक है। जिससे आगे चलकर भुगतान करने में परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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