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    कांग्रेस नेताओं ने आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के आंदोलन को दिया समर्थन Dehradun News

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sat, 18 Jan 2020 12:36 PM (IST)

    मानदेय वृद्धि समेत अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का बेमियादी अनशन जारी है। वहीं धरना स्थल पर कांग्रेस नेताओं ने पहुंच कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपना समर्थन दिया।

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    कांग्रेस नेताओं ने आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के आंदोलन को दिया समर्थन Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। मानदेय वृद्धि समेत अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का बेमियादी अनशन जारी है। वहीं धरना स्थल पर कांग्रेस नेताओं ने पहुंच कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपना समर्थन दिया। 

    परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर चंबा से बागेश्वरी उनियाल और विकासनगर से पिंकी सिंह बेमियादी अनशन पर बैठी। वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष खंडूड़ी ने धरना स्थल पर पहुंच कर आंदोलन को समर्थन दिया। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय कर रही है। उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। 

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    उन्होंने कहा अगर सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जायज मांगों पर कार्रवाई नहीं की तो कांग्रेस उनके समर्थन में सड़कों पर उतरेगी। धरना देने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष विमला कोहली, संगठन मंत्री मीनाक्षी रावत, महामंत्री सुमति थपलियाल, प्रतिभा शर्मा, विजय लक्ष्मी नौटियाल, मीना रावत, बीना जोशी, आशा थपलियाल, विमला गैरोला, बसंती रावत, राजश्री सुमित्रा, अबला चौहान, पिंकी, ममता रतूड़ी आदि शामिल रहे। 

    महिलाओं की आवाज दबा रही सरकार

    धरना स्थल पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि महिला सम्मान और सुरक्षा को तरजीह देने का दावा करने वाली सरकार महिलाओं की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मांगों को लेकर अनुशासन पूर्ण ढंग से आंदोलन चला रही है। लेकिन सरकार के इशारे पर अनशन में बैठी महिलाओं को जबरन उठाया जा रहा है। उनके साथ धक्का-मुक्की की जा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

    हड़ताल पर जाने से पहले देंगी नोटिस 

    धरना स्थल पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के बाद कार्यकत्री, सेविका कर्मचारी यूनियन उत्तराखंड ने कहा कि वह आंदोलन को गति देगी। लेकिन कार्य बहिष्कार नहीं करेंगी। अगर हड़ताल पर जाने का निर्णय गया तो वे विभाग को 15 दिन का नोटिस देंगी उसके बाद हड़ताल पर जाएंगी। प्रदर्शन करने वालों में चित्रकला, राधा, रजनी, विष्णु, आशा रानी गुरुंग कमलेश, रजनी सहित शामिल थी। 

    अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से पहले तबादलों की मांग

    प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की भर्ती का रास्ता खुलने के साथ तबादलों की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। पहले से तैनात शिक्षकों ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से पहले अनुरोध के आधार पर लंबे समय से लटके तबादले शीघ्र करने की मांग की है। इस संबंध में राजकीय शिक्षक संघ ने शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा। 

    राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने कहा कि लंबे समय से शिक्षक अनुरोध के आधार पर तबादलों की मांग कर रहे हैं। स्थानांतरण अधिनियम 2017 लागू होने के बाद से अनुरोध के आधार पर तबादले नहीं हो पा रहे हैं। कई शिक्षकों को तो एक ही विद्यालय में 10 से 15 साल हो गए हैं। 

    समान पद खाली नहीं होने के चलते जो सुगम में हैं, वह सुगम में ही रह गए और जो दुर्गम में हैं, उन्हें वहीं परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। पति-पत्नी मामलों के भी कई तबादले फंसे हुए हैं। सोहन सिंह माजिला का कहना है कि अब प्रदेश के स्कूलों में लगभग चार हजार अतिथि शिक्षक भर्ती होने जा रहे हैं। शिक्षा विभाग को इन शिक्षकों की नियुक्ति करने से पहले अनुरोध के आधार पर रुके तबादले करने चाहिए। इससे सैकड़ों शिक्षकों का हित होगा। 

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    उधर, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने कहा कि शिक्षकों की मांग को शासन के पास भेजा जाएगा। तबादलों पर तबादला एक्ट एवं पदस्थापन के दायरे में कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया कोर्ट के निर्देशों का ठीक से अध्ययन करने के बाद जल्द शुरू की जाएगी।

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