बीमार हालत में अनशन पर डटीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता Dehradun News
मानदेय वृद्धि स्मार्टफोन की अनिवार्यता खत्म करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर बेमियादी अनशन पर डटीं दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का स्वास्थ्य बिगड़ गया।
देहरादून, जेएनएन। मानदेय वृद्धि, स्मार्टफोन की अनिवार्यता खत्म करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर बेमियादी अनशन पर डटीं दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का स्वास्थ्य बिगड़ गया। मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें अस्पताल चलने को कहा। मगर उन्होंने इन्कार कर दिया। इस दौरान जबरन कार्यकर्ताओं को उठाने के दौरान उनकी पुलिस से धक्कामुक्की भी हुई।
परेड ग्राउंड स्थित धरनास्थल पर पिछले चार दिनों से बेमियादी अनशन पर बैठीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शशि थापा और नीलम पालीवाल का स्वास्थ्य खराब हो गया। चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी, मगर उन्होंने इन्कार कर दिया। पुलिस जबरन कार्यकर्ताओं को उठाने लगी तो उनकी पुलिस से धक्कामुक्की भी हुई।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि एक-एक कर सभी कार्यकर्ताओं का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, लेकिन सरकार कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं कर रही है। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष विमला कोहली, महामंत्री सुमति थपलियाल, संगठन मंत्री मीनाक्षी रावत, प्रतिभा शर्मा, मीना रावत, बीना जोशी, आशा थपलियाल, बसंती रावत, विमला गैरोला आदि मौजूद रहीं।
आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा। कहा कि एक माह से अधिक समय आंदोलन करते हुए बीत गया है, लेकिन स्थिति जस की तस है। सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। जिससे कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। इस मौके पर सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन भी किया गया।
मांग पूरी न होने तक जारी रहेगा आंदोलन
विकासनगर में मानदेय बढ़ाने व पदोन्नति की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना जारी रहा। उन्होंने अपनी मांगों को जायज बताते हुए सरकार से शीघ्र निर्णय लेने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
विकासखंड कार्यालय पर धरना दे रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा महंगाई के मौजूदा दौर में इतने कम रुपयों में उनको अपने परिवारों का पेट पालना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के रूप में उन पर काम का दबाव इतना अधिक है कि वे इसके साथ आजीविका चलाने के लिए कोई दूसरा कार्य भी नहीं कर सकते। ऐसी परिस्थितियों में सरकार को उन्हें कम से कम इतना मानदेय तो देना ही चाहिए, जिससे कि वे अपने परिवार का पेट पाल सकें।
यह भी पढ़ें: अनशन पर बैठीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का बिगड़ा स्वास्थ्य, पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा सरकार को उनकी समस्याओं को देखते हुए शीघ्र निर्णय लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा मांग पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस अवसर पर सुमन पाल, साधना, संगीता, अर्चना, अमृता, रोशनी, बीना, सुषमा, उर्मिला, बीना डोगरा, राधा शर्मा, निशी, अंजू रोहिला, सुलोचना, संतोष, रीता चौहान, सुनीता, गीता, रीता, पिंकी, रुचि डोगरा आदि मौजूद रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।