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समर्थित प्रत्याशी का विरोध तो होगी कार्रवाई, पढ़िए पूरी खबर

उत्‍तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किसी भी तरह असंतोष के अंदेशे को लेकर कांग्रेस बेहद सतर्क हो गई है। जिन सीटों पर अंदरूनी खींचतान के चलते असर पड़ सकता है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 09:03 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 09:03 AM (IST)
समर्थित प्रत्याशी का विरोध तो होगी कार्रवाई, पढ़िए पूरी खबर
समर्थित प्रत्याशी का विरोध तो होगी कार्रवाई, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किसी भी तरह असंतोष के अंदेशे को लेकर कांग्रेस बेहद सतर्क हो गई है। जिन सीटों पर अंदरूनी खींचतान के चलते असर पड़ सकता है, उन्हें खुला छोड़कर पार्टी ने सभी को साथ लेकर चलने के संकेत दिए हैं। अलबत्ता आम सहमति से घोषित किए गए पार्टी समर्थित उम्मीदवारों के खिलाफ जिला या प्रदेश स्तर के किसी भी नेता की सक्रियता का मामला सामने आया तो उस पर गाज गिरना तय है।  

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पंचायतों में बनने वाली छोटी सरकार की दो साल बाद विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका तय मानी जा रही है। प्रदेश की भावी सियासत में छोटी सरकार की इस अहमियत को भांपकर कांग्रेस अभी से रणनीतिक जमीन तैयार करने में जुट गई है, ताकि इसका फायदा आगे मिल सके। पार्टी भरसक कोशिश कर रही है कि जिला पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों से लेकर ग्राम पंचायतों में उसकी ताकत में इजाफा तो हो, साथ ही असंतोष बढ़ने न पाए। इसी खास मकसद को ध्यान में रखकर जिन सीटों पर असंतोष या बगावत की आशंका रही, उन्हें खुला छोड़ा गया है। यानी जो जीतेगा, पार्टी के लिए वही सिकंदर। 

जिला पंचायतों की उन्हीं सीटों पर समर्थित प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है, जहां आम सहमति बनी। प्रदेश कमेटी की ओर से नियुक्त किए गए जिला प्रभारियों, जिला इकाइयों और विधायकों या विधानसभा क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशियों के साथ मशविरे और सहमति से ही पंचायत प्रत्याशियों को समर्थन दिया गया। असंतोष को न्यूनतम रखने की रणनीति क्या गुल खिलाएगी, ये तो पंचायत चुनाव के नतीजे बताएंगे, लेकिन पार्टी ने खींचतान या गुटबाजी से गुरेज कर सबको साथ लेकर चलने का संदेश देने की कोशिश की है।

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इसकी बड़ी वजह प्रदेश की सियासत में पार्टी की मौजूदा हालत है। विधानसभा चुनाव से लेकर चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी गत हो चुकी है। इन हालात में पार्टी अंसतोष की सियासत को छोड़कर सबको समेट कर चलने की योजना पर कदम आगे बढ़ा रही है। अलबत्ता, आम सहमति से घोषित किए गए प्रत्याशियों के खिलाफ असंतोष या बगावत को हवा मिली तो पार्टी संबंधित पदाधिकारी या नेता के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पंचायतों में इस बार असंतोष जैसी कोई बात नहीं है। पार्टी ने उन्हीं प्रत्याशियों को समर्थन दिया है, जिन्हें आम सहमति से चुना गया। ऐसे प्रत्याशियों के खिलाफ प्रदेश या जिलों के स्तर पर पार्टी नेताओं के सक्रिय रहने की शिकायत मिली तो संगठन कड़ा तेवर अपनाएगा।  

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