कांग्रेस में गर्मायी अंदरूनी कलह, किशोर उपाध्याय ने ठोकी दावेदारी
कांग्रेस में अंदरूनी कलह गर्माती ही जा रही है। अब किशोर उपाध्याय ने खुद को पार्टी का सिपाही बताते हुए राज्य के किसी भी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने को प्रस्तुत कर दिया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो चुका है, लेकिन कांग्रेस अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पाई है। इस बीच पांच संसदीय सीटों के लिए सांगठनिक जिलों और पर्यवेक्षकों की ओर से तैयार पैनल में नाम होने के बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ना-नुकुर ने पार्टी के भीतर सियासत और अंदरूनी कलह को गर्मा दिया है। अब पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने खुद को पार्टी का सिपाही बताते हुए राज्य के किसी भी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने को प्रस्तुत कर दिया है। खास बात ये है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह और सहप्रभारी राजेश धर्माणी को ट्वीट के जरिये अपनी बात कही है।
दरअसल, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय बीते शनिवार को देहरादून में आयोजित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में अपनी उपेक्षा से खफा चल रहे हैं। रैली के दौरान मुख्य मंच पर पहली कतार में किशोर को बिठाया नहीं जा सका था। इसके बाद रैली में उन्हें संबोधन का मौका नहीं मिल सका। यही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संबोधन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत समेत कुछ नेताओं के नाम लिए, लेकिन इसमें भी किशोर का नाम शामिल नहीं रहा। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को यह नागवार गुजरा है। उन्होंने फेसबुक और ट्वीट के बाद मीडिया से बातचीत में भी अपनी नाराजगी को जाहिर किया।
यह दीगर बात है कि नाराजगी जताने के बावजूद उन्होंने कांग्रेस को चुनाव में जिताने के लिए सबको मजबूती से काम करने पर जोर भी दिया। किशोर को नहीं मिली तवज्जो बताया जा रहा है कि उक्त प्रकरण को किशोर उपाध्याय ने टिहरी संसदीय सीट पर खुद की दावेदारी को तरजीह नहीं दिए जाने के तौर पर भी लिया है। इस सीट पर सांगठनिक जिलों और पार्टी की ओर से नामित पर्यवेक्षकों की ओर से भेजे गए पैनल में सबसे ऊपर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का नाम बताया जा रहा है।
यूं तो प्रीतम सिंह अपने चुनाव लड़ने की संभावनाओं को पहले भी खारिज कर चुके थे, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली के बाद जिसतरह उन्होंने टिहरी सीट पर चुनाव लड़ने की संभावनाओं को जिसतरह खारिज कर दिया, उससे पार्टी में हलचल पैदा हो गई है। पार्टी रणनीतिकारों की मानें तो कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष पर चुनाव लड़ाने की बड़ी जिम्मेदारी देखते हुए उनके खुद के चुनाव लड़ने पर रुख स्पष्ट कर दिया है। चर्चा ये है कि इसके बाद ही प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी अपना रुख साफ करने में देर नहीं लगाई। चुनाव लड़ने को उत्साह नहीं: हरीश रावत यही नहीं हरिद्वार संसदीय सीट पर पार्टी के भीतर मजबूत संभावित प्रत्याशियों में गिने जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीते रोज ट्वीट कर कहा कि चुनाव लड़ने को लेकर उनमें उत्साह नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह देहरादून की सफल रैली के बाद दिल्ली जा रहे हैं। कल बहुत सारे दोस्त मिले, हर कोई चुनाव लड़ने की बात कर रहा है, मगर बहुत सारे दोस्त ये भी कह रहे हैं कि थल्ले थल्ले परे परे। आगे उन्होंने ये भी जोड़ा कि 53 साल के सार्वजनिक जीवन में ऐसा भी सुनने को मिल रहा है जो कांग्रेस की संस्कृति और उत्तराखंड की संस्कृति दोनों के खिलाफ है। कांग्रेस में आदेश हाईकमान का होता है मगर भावना आप सबके साथ बांट रहा हूं।
गौरतलब है कि हरिद्वार में कांग्रेस के कुछ नेताओं हरिद्वार से सांसद रह चुके हरीश रावत को बाहरी बता रहे हैं। रावत इससे नाराज चल रहे हैं। कहा, कांग्रेस को मजबूत करने में किसी से कम नहीं प्रीतम सिंह के चुनाव लड़ने से मना करने और हरीश रावत के उत्साह नहीं होने के संकेत देने के बाद पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने ट्वीट कर खुद को राज्य की किसी भी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के लिए आगे कर दिया है। किशोर उपाध्याय ने ट्वीट में ये भी कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण और राज्य में कांग्रेस को मजबूत करने में उनकी मेहनत किसी बड़े नेता से कम नहीं है।
हर मोर्चे पर विफल भाजपा सरकार
देहरादून कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए उसे हर मोर्चे पर विफल करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने सबसे पहले गरीब की रोटी पर डाका डाला। एक बयान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि काग्रेस शासन में शुरू की गई राज्य खाद्यान्न योजना के तहत एपीएल कार्डधारकों के लिए चार रुपये प्रति किलो गेहूं और छह रुपये प्रति किलो चावल की कीमत बढ़ा दी। चावल का कोटा 10 किलो से घटा कर दो किलो किया गया। चीनी पर सब्सिडी खत्म होने से गरीब लोगों को महंगी चीनी खरीदनी पड़ रही है।मिट्टी का तेल मिलना बंद हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनाव में किसानों का ऋण माफ करने और गन्ना किसानों का 15 दिन के अंदर बकाया भुगतान का वायदा किया था। ये वायदा पूरा नहीं किया गया और दो सालों में बैंक व साहूकारों के कर्ज से दबे 15 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। प्रदश काग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार एनएच-74 घोटाले की सीबीआइ जांच से कदम पीछे खींच रही है। एनआरएचएम घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, सिडकुल घोटाला सहित कई घोटालों की लंबी फेहरिस्त है।
लोकायुक्त बिल पास न कराने से भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पोल खुल रही है। प्रीतम सिंह ने आबकारी नीति पर शराब की तस्करी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जिले में जहरीली शराब के कारण 200 लोगों को असमय मौत का ग्रास बनना पड़ा। वहीं उप नेता प्रतिपक्ष करन महरा ने कहा कि कमजोर इच्छाशक्ति वाले नेतृत्व के कारण प्रदेश 15 साल पीछे चला गया। केंद्र और राज्य का डबल इंजन विकास को गति नही दे पाया। ऐसा पहली बार हुआ कि किसी राज्य सरकार ने राज्यपाल का अभिभाषण सदन के तय समय से सात मिनट पहले ही करा दिया गया ताकि विपक्ष के विधायक उपस्थित न रह सकें।
उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पर यौन उत्पीड़न के आरोपों से साबित हो रहा है कि प्रदेश में महिलाओं की स्थिति कैसी है। दर्जनों बार न्यायालय की तरफ से राज्य सरकार को छोटी-छोटी बातों पर भी दिशा निर्देश देते हुए फटकार लगाई जा रही है। पलायन आज भी राज्य के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। रोजगार को लेकर इन दो वर्षों में राज्य सरकार का कोई भी विजन दिखाई नही पड़ता है।
यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019: बसपा के हाथी की चाल पर टिकी है सबकी नजर
यह भी पढ़ें: Loksabha Election 2014: होली के बाद उत्तराखंड में चढ़ेगा सियासी रंग
यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019: देवभूमि में सियासी समर को तैयार भाजपा की फौज