Move to Jagran APP

डेंगू मरीज को लेकर सीएमएस और पालिका अध्यक्ष भिड़े; जानिए क्या है पूरा मामला

एक मरीज को राजकीय अस्पताल से 10 हजार प्लेटलेट्स की रिपोर्ट देते हुए रेफर कर दिया गया। मरीज के परिजनों के निजी पैथोलॉजी से जांच कराने पर प्लेटलेट्स 64 हजार निकली।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 02:09 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 02:09 PM (IST)
डेंगू मरीज को लेकर सीएमएस और पालिका अध्यक्ष भिड़े; जानिए क्या है पूरा मामला
डेंगू मरीज को लेकर सीएमएस और पालिका अध्यक्ष भिड़े; जानिए क्या है पूरा मामला

ऋषिकेश, जेएनएन। डेंगू की शिकायत पर भर्ती एक मरीज को राजकीय अस्पताल से 10 हजार प्लेटलेट्स की रिपोर्ट देते हुए रेफर कर दिया गया। मरीज के परिजनों के निजी पैथोलॉजी से जांच कराने पर प्लेटलेट्स 64 हजार निकली। जब मरीज की ओर से पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती ने सीएमएस ऋषिकेश से फोन पर बात की तो सीएमएस उन्हें यार ऐसा होता रहता है, कहकर संबोधित कर दिया। इस पर देर रात चिकित्सालय में पालिकाध्यक्ष और सीएमएस भिड़ गए। लोगों ने भी सीएमएस के इस रवैये पर हंगामा किया। 

loksabha election banner

चौदह बीघा मुनिकीरेती निवासी नरेंद्र सिंह 50 वर्ष को राजकीय चिकित्सालय में डेंगू की शिकायत पर भर्ती कराया गया था। चिकित्सालय की लैब से जो रिपोर्ट दी गई, उसमें प्लेटलेट्स की संख्या 10 हजार बताकर रेफर कर दिया गया। परिजनों ने नरेंद्र सिंह का जब बाहर लैब में सैंपल जांच के लिए दिया तो रिपोर्ट में 64 हजार प्लेटलेट्स आई।

पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती रोशन रतूड़ी ने इस मामले में मोबाइल पर राजकीय चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एनएस तोमर से बात की। आरोप है कि सीएमएस ने चेयरमैन को यार शब्द से संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी रिपोर्ट में ऐसा हो जाता है। पालिकाध्यक्ष ने पूरे मामले की जानकारी सीएमओ देहरादून डॉ. एसके गुप्ता को दी। उनके कहने पर सीएमएस राजकीय चिकित्सालय पहुंचे। तब तक डेंगू पीड़ित को निजी हॉस्पिटल भेजा जा चुका था। 

चिकित्सालय में सीएमएस और पालिकाध्यक्ष के बीच जब बातचीत शुरू हुई तो इनके बीच नोकझोंक हो गई। सीएमएस ने कहा कि अगर यार बोल दिया तो क्या बिगड़ गया। पालिकाध्यक्ष ने उनके इस व्यवहार पर आपत्ति जताई। इस बीच अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. एनपी सिंह बीच-बचाव करते रहे। नोकझोंक इतनी बढ़ गई कि व्यवस्था के सवाल पर सीएमएस डॉ. तोमर ने कहा कि सरकार ने उन्हें जितनी सुविधा दी है, उसके ही अनुसार काम करेंगे। बात यहीं नहीं रुकी, इस बीच अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. एनपी सिंह बाहर की रिपोर्ट पर भड़क गए और उन्होंने बाहर के लैब वालों के लिए अशिष्ट भाषा का प्रयोग तक किया। 

इस दौरान चौदह बीघा निवासी बीना जोशी ने पालिकाध्यक्ष के साथ अभद्रता किए जाने पर चिकित्सालय प्रशासन को खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि वह महापौर अनीता ममगाईं को बुलाएंगी। सीएमएस पर इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने उल्टा जवाब दिया कि माहापौर को भी बुला लो। काफी देर हंगामा चलाता रहा। रात करीब साढ़े नौ बजे स्थिति सामान्य हो पाई। 

अन्य रोगी को बाहर जांच को कहा 

जब चिकित्सालय में हंगामा शुरू हुआ, उससे पहले जाटव बस्ती निवासी एक युवक नरेश बुखार की शिकायत लेकर इमरजेंसी में पहुंचे। वहां मौजूद चिकित्सक ने मशीन खराब होने की बात कहकर उन्हें एक पर्ची थमाई और बाहर की लैब से रक्त जांच कराने को कहा। जब यह बात पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती ने सीएमएस के सामने रखी तो उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी। 

नगर पालिका परिषद अध्यक्ष रोशन रतूड़ी का कहना है कि डेंगू के मरीज को लेकर मैंने सीएमएस से फोन पर बात की तो वह यार जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर बेतल्खी से पेश आए। डेंगू मरीजों को यहां से गलत रिपोर्ट देकर जबरन रेफर किया जा रहा है। सीएमओ से शिकायत की गई है, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा। चिकित्सालय प्रशासन राज्य सरकार के खिलाफ गलत संदेश दे रहा है। 

सीएमएस डॉ. एनएस तोमर का कहना है कि पालिकाध्यक्ष से फोन पर बात हुई। उन्होंने भी सही लहजे में बात नहीं की। राजकीय चिकित्सालय में रक्त जांच करने वाली नई मशीन लगाई गई है। हो सकता है मशीन में कुछ गड़बड़ी आई हो। मगर, बाहर की पैथोलॉजी रिपोर्ट को हम कैसे सही मान लें। जितने संसाधन हमारे पास हैं, उसी के अनुरूप हम यहां व्यवस्था दे पाएंगे। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में डेंगू हुआ विकराल, मरीजों का अब तक का आंकड़ा पांच हजार पार

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने कहा, राजकीय चिकित्सालय डेंगू पीडि़त एक मरीज को लेकर पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती ने फोन पर शिकायत की थी। सीएमएस को रात में ही चिकित्सालय भेज कर पूरे मामले को देखने के लिए कहा गया है। चिकित्सालय में यदि कोई चिकित्सक बाहर से टेस्ट के लिए लिख रहा है तो इसकी भी जांच कराई जाएगी। मरीजों को काई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

यह भी पढ़ें: आयुर्वेद विवि में घमासान, छात्र-अभिभावकों ने किया हंगामा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.