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उत्तराखंड में डेंगू हुआ विकराल, मरीजों का अब तक का आंकड़ा पांच हजार पार

उत्तराखंड में डेंगू का कहर थम नहीं रहा है। इसके विकराल होते स्वरूप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में डेंगू के मरीजों का अब तक का आंकड़ा पांच हजार पार कर गया है।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 01:03 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 08:29 PM (IST)
उत्तराखंड में डेंगू हुआ विकराल, मरीजों का अब तक का आंकड़ा पांच हजार पार
उत्तराखंड में डेंगू हुआ विकराल, मरीजों का अब तक का आंकड़ा पांच हजार पार

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में डेंगू का कहर थम नहीं रहा है। इसके विकराल होते स्वरूप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में डेंगू के मरीजों का अब तक का आंकड़ा पांच हजार पार कर गया है। 

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ताजा मामले में प्रदेश में 199 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें 146 मरीज देहरादून और 53 मरीज नैनीताल जनपद से हैं। इस तरह अब तक की डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 5015 हो गई है। डेंगू मरीजों की अब तक की यह सबसे अधिक संख्या है। यानी डेंगू के मामले में राज्य में पिछले सालों में सभी रिकार्ड पीछे छूट गए हैं। 

देहरादून में इस बार डेंगू ने सर्वाधिक कहर बरपाया है। यहां पर डेंगू के मरीजों की अब तक की सं या 3183 हो गई है। वहीं नैनीताल में भी डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 1408 पहुंच गई है। जबकि ऊधमसिंहनगर में 187, हरिद्वार में 186, टिहरी में 16, पौड़ी में 12, अल्मोड़ा में नौ, रुद्रप्रयाग में छह, बागेश्वर व चमोली में तीन-तीन व चंपावत में दो लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। 

डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए सरकारी तंत्र द्वारा किए गए अब तक के सभी इंतजाम धराशायी ही हुए हैं। मौसम का रुख भी डेंगू के मच्छर की सक्रियता को कम नहीं कर पा रहा है। जबकि माना जाता है कि पारा लुढ़कने के साथ ही डेंगू की बीमारी फैलाने वाला एडीज मच्छर की सक्रियता भी कम हो जाती है।इस बार ऐसा भी नहीं हो रहा है। 

इसके उलट डेंगू का मच्छर दिन-प्रतिदिन पहाड़ व मैदान में तेजी से पैर पसार रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू की बीमारी की रोकथाम व लोगों को जागरूक करने के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है।  

जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी ने बताया कि बीजापुर गेस्ट हाउस, ओएनजीसी आडिटोरियम, चीफ जस्टिस गेस्ट हाउस, ऑफिसर गेस्ट हाउस, चंदरनगर स्थित आपातकालीन सेवा 108 कार्यालय आदि जगह डेंगू रोधी अभियान चलाया गया। 

डेंगू से यमुना घाटी के दो युवकों की मौत

डेंगू के डर से पहाड़ में भी लोग भयभीत हो गए हैं। बीते दो दिनों के अंतराल में दो यमुनाघाटी के दो युवकों की मौत हुई है। इन दोनों युवकों का अंतिम संस्कार बर्नीगाड़ में किया गया। 

जानकारी के अनुसार महेंद्र (21) पुत्र सुंदरलाल निवासी ग्राम गढ़ पट्टी खाटल तहसील बड़कोट का डेंगू का इलाज हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में चल रहा था। बुधवार की रात्रि को महेंद्र कुमार ने दम तोड़ दिया। महेंद्र कुमार की शादी एक साल पहले हुई थी। वहीं सोहन लाल (28)पुत्र सबलू लाल निवासी भौती, पट्टी खाटल तहसील बड़कोट का डेंगू का उपचार महंत इंद्रेश अस्पताल में चल रहा था। 

बीते मंगलवार की रात को सोहन लाल की भी उपचार के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने दोनों शव गुरुवार को बर्नीगाड़ लाए, जहां दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।

सबको स्वस्थ बनाना है, डेंगू को भगाना है

'सबको स्वस्थ बनाना है, डेंगू को भगाना है'। इस स्लोगन के साथ रायपुर डिग्री कॉलेज की जंतु विज्ञान की छात्राओं ने रैली निकालकर मालदेवता क्षेत्र के लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया।

जागरूकता रैली डिग्री कॉलेज की जंतु विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. मधु थपलियाल के निर्देशन में निकाली गई। इस दौरान जंतु विज्ञान की छात्राओं ने हाथ से बने पैम्फलेट पर जागरूकता संदेश लिखकर लोगों को बांटे। साथ ही उन्हें डेंगू व इसके वाहक मच्छरों के बारे में बताते हुए कहा कि इसकी रोकथाम कैसे संभव है। 

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यह भी बताया गया कि इस तरह के मच्छरों का सफाया कैसे किया जा सकता है और यदि डेंगू हो जाए तो क्या किया जाना चाहिए। दूसरी तरफ लोगों को हर घर में एक पपीते व गिलोय का एक-एक पौधा जरूर लगाने की सलाह दी गई। ताकि डेंगू की स्थिति में इनके पत्तों के रस का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सके। रैली का समापन वापस डिग्री कॉलेज में हुआ और प्राचार्य डॉ. दक्षा जोशी ने इस प्रयास के लिए छात्राओं की सराहना की।

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