Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तुलसी की पूजा से किसानों के घर में बरस रही है लक्ष्‍मी

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 06 Jun 2017 08:24 PM (IST)

    डोईवाला ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों में किसान एक निजी कंपनी के सहयोग से तुलसी की खेती कर रहे हैं। अच्छे दाम पर बिकने से यह किसानों के लिए बेहतर आय का ज ...और पढ़ें

    Hero Image
    तुलसी की पूजा से किसानों के घर में बरस रही है लक्ष्‍मी

    रायवाला, [दीपक जोशी]: तुलसी का पौधा आस्था का प्रतीक ही नहीं, औषधीय गुणों से भी भरपूर है। आयुर्वेद में इसके कई उपयोग बताए गए हैं। लेकिन, अब मसाले के लिए भी तुलसी का व्यावसायिक उत्पादन होने लगा है। डोईवाला ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों में किसान एक निजी कंपनी के सहयोग से तुलसी की खेती कर रहे हैं। अच्छे दाम पर बिकने से यह किसानों के लिए बेहतर आय का जरिया बन रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डोईवाला ब्लाक के छिद्दरवाला, चकजोगीवाला, जोगीवाला माफी, साहबनगर आदि गांवों की करीब एक हजार बीघा भूमि में इन दिनों तुलसी की फसल लहलहा रही है। इसमें 200 बीघा भूमि पर जैविक विधि से उत्पादन हो रहा है। एक निजी कंपनी (फ्लैक्स फूड) के सहयोग से किसान इसका व्यावसायिक उत्पादन कर रहे हैं। करीब तीन माह में तैयार होने वाले तुलसी के पौधों को उगाने से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।

    किसानों की मानें तो तुलसी की खेती से हर तीसरे महीने में प्रति बीघा आठ से दस हजार रुपये की आमदनी हो जाती है। खास बात यह कि इसको बेचने के लिए किसानों को बाजार नहीं तलाशना पड़ता, बल्कि कंपनी खुद तैयार फसल को ले जाती है। कंपनी इन पौधों का मसाला तैयार कर बड़े होटलों व विदेशों में निर्यात करती है। 

    मैं पहला किसान हूं, जिसने सबसे पहले इसकी शुरुआत की

    शेरगढ़ माजरी निवासी हरकिशन सिंह का कहना है कि मैं 1998 से तुलसी की खेती कर रहा हूं और पहला किसान हूं, जिसने सबसे पहले इसकी शुरुआत की। सबसे बड़ा लाभ यह है कि हर महीने नकद पैसा मिल जाता है, जबकि दूसरी फसलों में ऐसा नहीं है। 

    इसमें नुकसान कम और फायदा ज्यादा है

    चकजोगीवाला निवासी अरजिंदर सिंह का कहना है कि मेरी तरह कई किसान तुलसी व अन्य दूसरे मसालों की खेती से जुड़ रहे हैं। इसमें नुकसान कम और फायदा ज्यादा है। कंपनी पैसे का भुगतान भी तत्काल कर देती है। इससे किसानों को सीधा लाभ होता है। 

    इसे जंगली जानवर नहीं पहुंचाते नुकसान

    जोगीवाला माफी निवासी देवेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि जंगल से सटे क्षेत्रों में इस तरह की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसे जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते। सबसे बड़ा लाभ यह है खेती पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से होती है और पर्यावरण संरक्षण में सहायक है। 

    तुलसी की खेती है लाभदायक 

    छिद्दरवाला निवासी बलराज सिंह का कहना है कि निश्चित रूप से तुलसी की खेती लाभदायक है। किसान और प्रकृति, दोनों को इससे फायदा पहुंच रहा है। अब मैंने अपने सभी खेत जैविक तरीके से तैयार कर दिए हैं, जिनमें तुलसी उगाई जा रही है। 

    तुलसी का प्रयोग मसाले के लिए किया जा रहा है

    हर्ब्‍स उत्पादन फ्लैक्स फूड कंपनी के प्रभारी जगतराम का कहना है कि तुलसी का प्रयोग मसाले के लिए किया जा रहा है। छिद्दरवाला के अलावा अन्य स्थानों पर भी तुलसी की खेती हो रही है। इससे किसानों को फायदा हो रहा है, तभी वह हमसे जुड़े हैं। कंपनी बेरोजगारों को खेती के लिए प्रोत्साहित भी करती है।

    यह भी पढ़ें: सड़क की भेंट से पेड़ों को बचाने के लिए बांधे रक्षा सूत्र

    यह भी पढ़ें: बगीचा लगा खुद तो हुए आत्‍मनिर्भर और को भी किया प्रेरित

    यह भी पढ़ें: ग्रामीणों ने खुद ली जिम्मेदारी, कड़वापानी से निकाली पानी की 'कड़वाहट'