प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद जोश में Pushkar Singh Dhami, कहा- 'कॉलेज टाइम से दिल में था UCC का सपना'
CM Pushkar Singh Dhami उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लेकर धामी सरकार की पहल इन दिनों देशभर में चर्चा के केंद्र में है। यूसीसी के लिए विशेषज्ञ समिति ने 2.35 लाख व्यक्तियों व संस्थाओं से मत लिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से समान नागरिक संहिता का वादा करने से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मार्गदर्शन प्राप्त किया था।

टीम जागरण, देहरादून: CM Pushkar Singh Dhami Interview: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लेकर धामी सरकार की पहल इन दिनों देशभर में चर्चा के केंद्र में है। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार है, जो जल्द ही सरकार को मिल जाएगा। विधि विशेषज्ञों के साथ विमर्श के बाद इसे लागू किया जाएगा।
वहीं इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि यह देश की आवश्यकता, संविधान का प्रविधान और जनता की चाहत है। वह इसे अपना सौभाग्य मानते हैं कि इसके लिए पहल कर पाए। इसे लेकर विरोध जैसी कोई स्थिति नहीं आएगी। यूसीसी के लिए विशेषज्ञ समिति ने 2.35 लाख व्यक्तियों व संस्थाओं से मत लिए है।
जनजाति समुदाय से समिति ने बात की है। विद्वत जनों से राय ली है। अब तक विरोध जैसी बात कहीं नहीं देखने को मिली। मुस्लिम समाज की बहनों व अन्य समुदाय के व्यक्तियों ने भी इसका समर्थन किया है। इन सबके रिकार्डेड बयान समिति के पास हैं।
अब अन्य प्रदेश भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से समान नागरिक संहिता का वादा करने से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मार्गदर्शन प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर उत्तराखंड में हमने शुरुआत की है। अब अन्य प्रदेश भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
समान नागरिक संहिता के लिए अध्यादेश लाएंगे या विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे, इस पर धामी ने कहा कि जो भी जरूरी होगा, वह करेंगे। इस विषय पर हम न बहुत जल्दबाजी में हैं और न ही इसमें अनावश्यक विलंब किया जाएगा।
छात्र जीवन से देश में एक समान कानून होने का सपना
उन्होंने बताया कि छात्र जीवन से ही उनके मन में देश में एक समान कानून होने का सपना था। सीएम धामी ने बताया कि छात्र जीवन में संविधान के अनुच्छेद 44 में पढ़ा कि देश में एक समान कानून होना चाहिए, तब से ही मन में एक प्रश्न उठता रहा कि जो संवैधानिक रूप से होना चाहिए, वह हो क्यों नहीं रहा।
साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता होने के नाते और बाद में भाजपा में सक्रिय राजनीति में आने पर मेरी एक देश के अंदर एक विधान, एक निशान और एक प्रधान की अवधारणा और मजबूत हुई।
कहा कि उत्तराखंड में इसकी शुरुआत की। हमने विधानसभा चुनाव के समय जनता से वादा किया कि चुनाव जीतते हैं तो प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने का काम करेंगे। इस पर देवतुल्य जनता ने विश्वास जताया।
जल्द सरकार को मिल जाएगा ड्राफ्ट
प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ कि कोई दल लगातार दूसरी बार सत्ता में आया। वादे के अनुसार उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति ने अपना काम कर दिया है। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार है, जल्द सरकार को मिल जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।