मेरे खिलाफ ऐसी बातें हो रही हैं, जो राजनीति शब्दकोष में नहीं: सीएम
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मेरे बारे में विपक्षी ऐसी बातें करते हैं, जो राजनीति के शब्दकोष में नहीं है। राजनीति में मर्यादा तो रहनी ही चाहिए।
देहरादून, [जेएनएन]: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विपक्षी दलों पर जमकर निशना साधा। उन्होंने कहा कि मेरे बारे में विपक्षी ऐसी बातें करते हैं, जो राजनीति के शब्दकोष में नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीति में मर्यादा तो रहनी ही चाहिए।
लाडपुर रोड का शिलान्यास व पुल का लोकार्पण के मौके पर सीएम ने विपक्षियों के आरोपों को लेकर अपना दर्द भी बयां किया। उन्होंने घोषणा की कि रायपुर रोड अब सपा के दिवंगत नेता विनोद बड़थ्वाल के नाम से जानी जाएगी। साथ ही कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी के नाम से भी किसी संस्था का नाम रखा जाएगा।
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उन्होंने कहा कि राज्य में यह दौर राजनीतिक घृणा का दौर चल रहा है। है। ऐसले में कुछ लोग तपते तवे पर ठंडे पानी की छींटों का अहसास कराते हैं।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि आज उनके खिलाफ ऐसी ऐसी बातें कही जा रही हैं, जो राजनीतिक शब्दकोष में कहीं नहीं हैं। कोई गाद, गदेरा नहीं बचा, जहां उनके खिलाफ घृणा का प्रचार नहीं किया गया। सुबह अखबार के पन्ने पलटने पर यह नहीं समाझ पाता कि उन्होंने मैने ऐसा घृणा वाला क्या काम किया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में मर्यादा तो कम से कम रहनी ही चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बड़थ्वाल जैसी शख्सियत से सबक लेना चाहिए। बड़थ्वाल को उन्होंने सिद्धांतवादी और सामान्य में असामान्य व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि 2002 में मैने उन्हें चुनाव लडने की पेशकश की थी। मुझे पता था कि हम सत्ता में आ रहे हैं और कांग्रेस के लिए बडथ्वाल जिताऊ उम्मीदवार हो सकते हैं। इस पर विनोद बड़थ्वाल ने कहा कि मैं चुनाव लडूंगा तो सपा के ही झंडे से।
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उन्होंने कहा कि इस राजनीतिक साझेदारी से कांग्रेस को नुकसान होता। तब मैने उनसे कहा था कि राजनीतिक न सही व्यक्तिगत रूप से हम हमेशा दोस्त रहेंगे। उन्होंने कहा कि बडथ्वाल राज्य की जड़ों से जुडे व्यक्ति और प्रदेश की प्रगति चाहने वाले थे। उनके नाम और काम को याद कर जहां मन प्रसन्न होता है, तो उनके असमय चले जाने का दुख भी है। राज्य आंदोलन के दौरान उच्च स्तर पर जो राजनीतिक सहमति बनी उसमें उन्होंने अग्रणि भूमिका निभाई।
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