क्या आपके घर में भी हैं बच्चे? मौसम में बदलाव के कारण इस बीमारी के मामले हुए दोगुने; 10 टिप्स बनेंगे रक्षा कवच
मौसम में बदलाव के कारण बच्चों में सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। दून मेडिकल कॉलेज में ओपीडी दोगुनी हो गई है। चिकित्सकों का कहना है कि तापमान में गिरावट से बच्चों को परेशानी हो रही है। अभिभावकों को बच्चों की दिनचर्या में बदलाव लाने, पौष्टिक आहार देने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बच्चों को ठंड से बचाने और साफ-सफाई का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल की ओपीडी सामान्य के मुकाबले दोगुनी। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, देहरादून। मौसम के बदलाव ने बच्चों की सेहत पर असर शुरू कर दिया है। सुबह शाम की ठंडक के कारण तापमान में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव से सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और गले में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। राजकीय दून मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में सामान्य दिनों में जहां ओपीडी 80 तक होती थी इन दिनों संख्या 150 पार पहुंच चुकी है। चिकित्सकों का कहना है कि दिन में तापमान करीब 28 डिग्री और रात में 14 डिग्री तक गिर जाने से शरीर को अनुकूलन में कठिनाई हो रही है, इसका असर खासकर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर अधिक पड़ रहा है। अभिभावक सतर्क रहें और बच्चों की दिनचर्या में छोटे बदलाव लाकर उन्हें इस तरह की बीमारी से सुरक्षित रख सकते हैं।
राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल के बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अशोक कुमार के अनुसार, इन दिनों ओपीडी सामान्य दिनों के मुकाबले दोगुनी चल रही है। खासतौर पर सोमवार से बुधवार को बच्चों को लेकर अभिभावक अधिक संख्या में पहुंचते हैं। आजकल हर दूसरे बच्चे को सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और वायरल संक्रमण, खाना न खाने की शिकायत है। दरअसल, मौसम में हो रहे तेज बदलाव से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। जिन बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें वायरल संक्रमण, टांसिल और सांस संबंधी दिक्कतें जल्दी घेर लेती हैं। इसलिए सभी अभिभावकों को ऐसे मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना पड़ेगा। मौसम के अनुरूप कपड़े पहनाएं, ठंडे पेय-पदार्थ और जंक फूड न दें।
इन बातों का रखें ध्यान
-बच्चे को गुनगुना पानी दें और पर्याप्त आराम कराएं।
-सुबह शाम चूंकि अधिक ठंड है ऐसे में बच्चे को पर्याप्त कपड़े पहनाएं
-बाहर के खाने को मना करें और घर पर ही सादा व पौष्टिक खाना खिलाएं।
-विटामिन सी और तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
-लक्षण बढ़ने पर घर पर इलाज न करें, तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
-बच्चे को दूध पिला रहे हैं तो उसमें हल्दी, तुलसी दालचीनी मिलाकर दें
-बच्चों को सर्दी-जुकाम से बचाने के लिए उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रखे।
-नियमित रूप से हाथ धोना सिखाएं, और उनके कपड़े व आसपास की जगह साफ रखें।
-मौसम के हिसाब से उनके खानपान का ध्यान रखे। तरल पदार्थ जैसे गर्म सूप और पानी दें, और गर्म पानी के भाप अथवा ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
-सर्दी-खांसी, जुकाम या डायरिया की शिकायत होने पर शीघ्र नजदीकी अस्पताल में उपचार कराएं।

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