Air Pollution: गुरुग्राम में वायु प्रदूषण की मार से हृदय रोगियों पर आफत, अचानक बिगड़ रहे हालत
गुरुग्राम में वायु प्रदूषण के कारण हृदय रोगियों की हालत बिगड़ रही है। नागरिक अस्पताल में हृदय संबंधी समस्या वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है, और हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ रहे हैं। प्रदूषण के कण हृदय को नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए सावधानी बरतने और लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह लेने की सलाह दी जाती है।
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प्रदूषण की मार से हृदय रोगियों पर आफत, अचानक बिगड़ रहे हालत
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- बुधवार को छुट्टी के दिन आपातकालीन सेवा में हृदय संबंधी समस्या लेकर 12 नए मरीज पहुंचे।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। प्रदूषित हवा सिर्फ फेफड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि दिल के लिए भी जानलेवा है। ऐसे में साइबर सिटी में बदलते मौसम और वायु प्रदूषण की वजह से लोगों में हृदय संबंधी समस्या बढ़ गई है। बुधवार को छुट्टी के दिन नागरिक अस्पताल के हृदय आरोग्य केंद्र में आपातकालीन सेवा में हृदय संबंधी समस्या लेकर 12 नए मरीज पहुंचे। जिनमें से एक मरीज को गंभीर में भर्ती करना पड़ा। पिछले सात दिनों से रोजाना 60-70 मरीज सीने में दर्द संबंधी समस्या लेकर पहुंचे हैं। यहां प्रतिदिन करीब तीन मामले हार्ट अटैक के आ रहे हैं जो पहले माह भर में करीब 15 से 20 होते थे।
इधर अस्पताल की श्वांस रोग विभाग की ओपीडी में भी दिवाली के बाद से बढ़े प्रदूषण के कारण सांस के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। यहां औसतन 80 मरीज आ रहे हैं। पहले यह संख्या 50 के करीब थी। ऐसे में सावधानी बरतें व लक्षण दिखते ही डॉक्टर की सलाह लें।
हृदय आरोग्य केंद्र के चिकित्सकों के मुताबिक केंद्र में पिछले सात दिनों में हृदय की रक्तवाहिनी में ब्लाकेज संबंधी गंभीर समस्या लेकर 44 मरीज पहुंचे जिनकी जान बचाने के लिए एंजियोप्लाटी के माध्यम में छल्ला डालना पड़ा।
इसके अलावा हार्ट अटैक के 14 मामले पहुंचे। इन्हें भर्ती करके उपचार दिया गया। इन्ही तिथियों में बीते माह 27 सितंबर से चार अक्टूबर के बीच सात दिनों में गंभीर 29 मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई थी जबकि हार्ट अटैक के 10 केस हृदय आरोग्य केंद्र पहुंचे।
वायु प्रदूषण दिल को कैसे नुकसान पहुंचाता है?
सर्दी व प्रदूषण के बढ़ते स्तर के दौरान हृदय मरीजाें की परेशानी पड़ जाती है। प्रदूषण के बारीक कण फेफड़ों में गहराई तक जा सकते हैं, खून में मिल सकते हैं और नुकसान पहुंचाना शुरू कर सकते हैं। शरीर के अंदर जाने के बाद, ये कण खून की नलियों की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाते हैं, सूजन पैदा करते हैं और धमनियों में प्लाक (चर्बी) जमा होने में योगदान करते हैं। इस प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। समय के साथ, इससे धमनियां ब्लाक हो सकती हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और दिल की बनावट को भी नुकसान पहुंच सकता है।
सर्दी व बढ़ते वायु प्रदूषण से हृदय रोगियों की परेशानी बढ़ जाती है।केंद्र की ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले कुछ दिनों में हार्ट अटैक के केस अचानक बढ़ गए हैं। सीने में दर्द की शिकायत लेकर आने वाले कई नए मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। इन मरीजों में सिगरेट व तंबाकू का सेवन कामन है। हृदय रोगियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।
- डा. संजय चुघ, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, हृदय आरोग्य केंद्र, जिला नागरिक अस्पताल

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