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    Uttarakhand Weather Update: हरिद्वार में हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड के पास आकाशीय बिजली गिरने से दीवार ध्वस्त

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 21 Jul 2020 09:19 PM (IST)

    Uttarakhand Weather Update हरिद्वार में रात में हुई तेज बारिश से हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड के पास आकाशीय बिजली गिरने से ट्रांसफार्मर समेत दीवार ध्वस्त हो गई।

    Uttarakhand Weather Update: हरिद्वार में हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड के पास आकाशीय बिजली गिरने से दीवार ध्वस्त

    देहरादून, जेएनएन। Uttarakhand Weather Update हरिद्वार में मंगलवार तड़के भारी बारिश के दौरान हरकी पैड़ी के पास एक दीवार ढह गई। उसका मलबा ब्रह्मकुंड तक फैल गया, हरकी पैड़ी की सीढ़ियों को भी इससे कुछ नुकसान हुआ है। इसके अलावा पास में रखा बिजली के ट्रांसफार्मर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन अन्य उपकरण क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा कई विद्युत पोल को भी नुकसान पहुंचा है। उधर जिलाधिकारी ने इस घटना के लिए एक जांच समिति गठित कर दी है। समिति कल अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

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    गंगा सभा के अध्यक्ष और महामंत्री ने दावा किया कि तड़के आसमान में बिजली भी कौंधी थी, इससे ऐसा प्रतीत हुआ कि हरकी पैड़ी पर आकाशीय बिजली गिरी है। हालांकि जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंत्यूरा ने कहा कि वहां आकाशीय बिजली गिरने के निशान नहीं है। तेज बारिश से दीवार ढही है। यह दीवार 85 साल पुरानी थी। सुबह हरकी पैड़ी के पास आकाशीय बिजली गिरने का समाचार शहर में फैल गया। 

    गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि घटना तड़के करीब साढ़े तीन बजे की है। मूसलधार बारिश के बीच आसमान में बिजली कौंधी और गड़गड़ाहट के बीच दीवार ढह गई। गनीमत रही कि उस वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था। भीमगोड़ा जाने वाले मार्ग की ओर स्थित हरकी पैड़ी की ऊपरी दीवार भरभराकर ढह गई।

    दीवार का एक बड़ा हिस्सा धराशायी होने से उसका मलबा ब्रह्मकुंड क्षेत्र तक फैल गया। जोरदार आवाज सुनकर आस पास दुकान व होटल में सो रहे कर्मचारी बाहर निकल आए। पुलिस व श्री गंगा सभा कर्मचारियों ने वहां जमा भीड़ को दूर हटाया। गंगा सभा के अनुसार इस दीवार का निर्माण वर्ष 1935 में हुआ था। घटना की सूचना मिलने पर हरिद्वार की महापौर अनिता शर्मा, आइजी कुंभ संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी सी रविशंकर, एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्ण राज एस, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह, एसडीएम सदर कुश्म चौहान और एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय सहित नगर निगम, ऊर्जा निगम, लोनिवि आदि विभागों के अफसर मौके पर पहुंचे। 

    अधिकारियों के अनुसार मौके पर आकाशीय बिजली गिरने के निशान नहीं हैं। चूंकि दीवार की बगल से एक सड़क भीमगोड़ा व उत्तरी हरिद्वार जाती है। पहाड़ी से अक्सर बारिश का पानी व मलबा सड़क पर आता है। ऐसे में ज्यादा संभावना इस बात की है कि मूसलधार बारिश के दौरान सड़क पर पानी जमा होने से दीवार गिरी है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने भी हरकी पैड़ी का जायजा लिया और प्रशासन से सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने की मांग की।

    घटना की जांच को समिति गठित

    हरकी पैड़ी पर दीवार ढहने की घटना की जांच के लिए जिलाधिकारी सी रविशंकर ने संयुक्त समिति गठित की है। भूविज्ञानियों की टीम देर शाम घटनास्थल का दौरा कर एक रिपोर्ट दी है , जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने बताया कि टीम कल अंतिम रिपोर्ट देगी 7 उन्होंने बताया कि घटनास्थल के आसपास के प्रतिष्ठानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी इस बाबत देखी जा रही है ताकि घटना की असलियत को जाना जा सके। उन्होंने बताया कि बुधवार को रिपोर्ट मिलने के बाद इस बाबत अगली कार्रवाई की जाएगी।

    शारदा मठ की करीब 100 मीटर दीवार जमींदोज 

    हरिद्वार में मंगलवार रात से हो रही भारी बारिश के चलते उत्तरी हरिद्वार के रानी गली स्थित शारदा मठ की करीब 100 मीटर दीवार जमींदोज हो गई। इसके अलावा सप्त सरोवर मार्ग स्थित सप्त ऋषि चौराहा से संगम पुरी तक करीब 500 मीटर सड़क धंस गई है। 

    स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले दिनों एक निजी मोबाइल कंपनी में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए सड़क की खुदाई की थी, लेकिन गड्ढों को नहीं भरा गया। पार्षद अनिल मिश्रा ने बताया कि यूपीसीएल की ओर से तीन चार महीने पहले आश्रम की दीवार से सटाकर विद्युत लाइन भूमिगत करने के लिए खुदाई की गई थी। भारी बारिश के चलते दीवार की नीम में पानी भरने से दीवार गिरी है।

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     23 घंटे बाद खुला बदरीनाथ हाईवे

    उत्तराखंड को फिलहाल बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी के कुछ इलाकों में भारी बारिश की आशंका है। इस बीच दुश्वारियों का दौर बना हुआ है। चमोली में बदरीनाथ हाईवे दो स्थानों पर बंद था, जिसे सोमवार शाम करीब 23 घंटे बाद खोल दिया गया है। हालांकि इससे पहले दिन में एसडीआरएफ की निगरानी में पैदल आवाजाही कराई गई।

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