दून में बारिश के दौरान भी अतिक्रमण पर गरज रही जेसीबी Dehradun News
हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण के खिलाफ एक बार भी नगर निगम प्रशासन सख्त हो गया है। बारिश के दौरान भी सहस्त्रधारा रोड क्षेत्र में निगम ने अतिक्रमण के खिलाफ जीसीबी चलाई।
देहरादून, जेएनएन। हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण के खिलाफ एक बार भी नगर निगम प्रशासन सख्त हो गया है। बारिश के दौरान भी सहस्त्रधारा रोड क्षेत्र में निगम ने अतिक्रमण के खिलाफ जीसीबी चलाई।
नगर निगम ने अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान में भले पलटन बाजार व डिस्पेंसरी रोड आदि के व्यापारियों को गुरूवार तक की मोहलत दे दी थी, लेकिन बाकी जगह अभियान में छूट न देते हुए बरसात के बावजूद जेसीबी गरजी। निगम की टीम ने सहस्रधारा रोड पर सहस्रधारा क्रासिंग से आइटी पार्क तक व्यापक कार्रवाई की। जेसीबी से कांप्लेक्सों के बाहर बने बड़े रैंप तोड़ दिए गए। सड़क पर अतिक्रमण कर रखा गया चार ट्रक माल भी जब्त किया गया। इस दौरान दुकानदारों ने बरसात का हवाला देकर विरोध भी जताया, लेकिन कार्रवाई जारी रही। इस दौरान जलभराव के चलते कई नाले भी खोले गए।
नगर निगम इन दिनों अतिक्रमण के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए है। नगर निगम ने डिस्पेंसरी रोड पर अतिक्रमण ध्वस्त करने की कोशिश की थी, लेकिन राजनीति होने के चलते वहां दो दिन की मोहलत देनी पड़ी। इस पर अतिक्रमण पर लाल निशान लगाकर करीब डेढ़ सौ अतिक्रमण चिह्नित किए गए। ऐसे में शहर के बाकी दुकानदारों को यह लगने लगा कि अभियान फिलहाल थम गया और पहले डिस्पेंसरी रोड के क्षेत्र में ही अभियान चलेगा।
नगर निगम ने अचानक नया मोड लेते हुए सहस्रधारा रोड के अतिक्रमण तोडऩे का रुख कर लिया। नगर निगम के भूमि अधीक्षक विनय प्रताप सिंह की अगुवाई में टीम सहस्रधारा क्रासिंग तक पहुंची एवं सड़क के दोनों ओर किए कब्जों को हटवाया गया। आईटी पार्क तक चलाए गए अभियान के दौरान टीम ने सड़क और फुटपॉथों पर नाले के ऊपर किए अतिक्रमण को भी जेसीबी से ध्वस्त कर दिया।
टीम ने चार स्थानों से लोहे के गार्टर और टिन शेड को हटवाया। महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि शहर के सभी बाजार व क्षेत्रों से चरणबद्ध तरीके से अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
चेतावनी का असर, खुद तोड़े कब्जे
डिस्पेंसरी रोड पर नगर निगम के नाले पर अतिक्रमण किए बैठे दुकानदार बैकफुट पर दिखे। एक दिन पहले कार्रवाई का विरोध व हंगामा करने के बावजूद राहत न मिलती देख दुकानदारों ने खुद ही अतिक्रमण तोड़ना शुरू कर दिया। अतिक्रमण टूटने से दुकानों के नीचे दबा नाला नजर आने लगा है।
बता दें कि डिस्पेंसरी रोड पर नगर निगम का ढाई फीट चौड़ा नाला बहता है, जिसे दुकानदारों ने अतिक्रमित कर दुकानें बढ़ा ली थी। इसी नाले को खुलवाने के लिए नगर निगम की टीम पहुंची थी। व्यापारियों ने यह कार्रवाई रुकवाने की काफी कोशिश की पर निगम अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया था कि हाईकोर्ट के आदेश के बीच किसी को बाधा नहीं बनने दिया जाएगा। दुकानदार बैकफुट पर आ गए और जेसीबी गरजने के खौफ से खुद अतिक्रमण तोड़ना शुरू कर दिया।
अपने जाल में फंसे दुकानदार
निगम के सख्त रवैये के बाद दुकानदारों ने नाले से अतिक्रमण तोड़ना तो शुरू किया, लेकिन अब वे अपने ही जाल में फंस चुके हैं। अतिक्रमण के चलते उनकी दुकानें ढाई से चार फीट तक आगे थी मगर अतिक्रमण टूटने के बाद कुछ दुकानें केवल ढाई फीट तक ही रह जाएंगी। अब दुकानदार ये सोच रहे कि इतनी छोटी दुकान में वे व्यापार कैसे करेंगे।
व्यापारियों ने की बैठक
डिस्पेंसरी रोड दुकानदार समिति के व्यापारियों ने वीरवार को नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेसी नेता अशोक वर्मा के कैंप ऑफिस पहुंच उनसे मुलाकात की। दुकानदारों ने कहा कि व्यापारी अपने कारोबार को लेकर चिंतित हैं, लिहाजा कोई स्थायी समाधान खोजा जाए। अशोक वर्मा ने कहा कि महापौर व नगर आयुक्त ने कहा है कि किसी व्यापारी को उजाड़ने से पहले इनको उपयुक्त स्थान प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मर्तबा एसोसिएशन के पूर्व सचिव अनिल गांधी, व्यापारी नेता पंकज मैसोन आदि मौजूद रहे।
एक माह में हटाएं सहस्रधारा से अतिक्रमण: पीसीसीएफ
सहस्रधारा क्षेत्र में वन भूमि पर अतिक्रमण मामले में सुस्त पड़ी मशीनरी के प्रमुख वन संरक्षक (पीसीसीएफ) डॉ. जयराज ने पेच कस दिए हैं। उन्होंने एक माह के भीतर राजस्व व वन विभाग की रिपोर्ट का मिलान करने और फिर अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए एक माह का समय दिया है।
सहस्रधारा क्षेत्र में वन विभाग के अधिकारी से लेकर अन्य लोगों के वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर जागरण ने हाल में प्रमुखता से खबरें प्रकाशित की थीं। खबरों में बताया गया था कि जनवरी माह में स्वयं प्रमुख वन संरक्षक के अतिक्रमण का हाल देखने के बाद भी अब तक मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है।
इसका संज्ञान लेते हुए प्रमुख वन संरक्षक डॉ. जयराज ने वनाधिकारियों की बैठक लेकर अतिक्रमण पर की गई अब तक की कार्रवाई की समीक्षा की। बैठक में मसूरी क्षेत्र की प्रभागीय वनाधिकारी कहकशां नसीम ने बताया कि वन विभाग की सर्वे रिपोर्ट तैयार है और राजस्व विभाग की रिपोर्ट का इंतजार है। उन्हें जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है और जल्द रिपोर्ट मिल भी जाएगी।
इसके बाद दोनों रिपोर्ट के आधार पर स्पष्ट किया जाएगा कि किस व्यक्ति ने वन भूमि पर कितना अतिक्रमण किया है। इसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इस पर पीसीसीएफ ने पूरी कार्रवाई के लिए एक माह की समय सीमा तय कर दी है।
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