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    विधानसभा सत्र गैरसैण में होगा या दून में, कैबिनेट लेगी निर्णय

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    Updated: Tue, 17 Mar 2020 07:45 AM (IST)

    विधानसभा के बजट सत्र का अगला चरण गैरसैंण में होगा या फिर देहरादून में इसे लेकर निगाहें सरकार पर टिक गई हैं। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

    विधानसभा सत्र गैरसैण में होगा या दून में, कैबिनेट लेगी निर्णय

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधानसभा के बजट सत्र का अगला चरण गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में होगा या फिर देहरादून में, इसे लेकर निगाहें सरकार पर टिक गई हैं। बजट सत्र गैरसैंण में आहूत हुआ था, जो 25 मार्च से फिर शुरू होना है। अब जबकि कोरोना महामारी का संकट सिर पर है तो ये सवाल खड़ा हो गया है कि सत्र कहां होगा, क्योंकि इसमें बजट पास कराना संवैधानिक बाध्यता है। यदि सत्र देहरादून में होता है तो इसके लिए सरकार को राज्यपाल से अनुमति लेनी होगी। माना जा रहा कि 19 मार्च को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। इस बीच सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सत्र के सिलसिले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से सभी पहलुओं पर चर्चा की।

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    गैरसैंण में चार मार्च से शुरू हुए बजट सत्र का पहला चरण सात मार्च तक चला। इसका अगला चरण 25 से 27 मार्च तक प्रस्तावित है, जिसमें बजट पास होना है। बजट सत्र के दौरान चार मार्च को विधानसभा में बजट पेश हुआ। साथ ही इसी दिन सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा भी की। इस बीच राज्य में कोरोना वायरस की दस्तक और कोरोना को महामारी घोषित किए जाने के बाद सत्र कहां होगा, इसे लेकर ऊहापोह बना हुआ है।

    दरअसल, राज्य का वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट सदन में पास कराना संवैधानिक बाध्यता है। वहीं, इसी बजट सत्र में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया तो व्यवहारिक रूप से सत्र का अगला चरण वहीं होना चाहिए। अलबत्ता, मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यदि सत्र को देहरादून में करना है तो इसके लिए राज्यपाल से अनुमति लेनी जरूरी है। इसके साथ ही सबसे बड़े संकट के रूप में कोरोना से रोकथाम को प्रभावी उपाय उठाने आवश्यक है।

    इस बीच सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से सत्र के मद्देनजर इन सब बिंदुओं पर चर्चा की। विस अध्यक्ष अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री से सभी पहलुओं पर चर्चा हुई। यदि सत्र गैरसैंण में होता है तो ये भी देखना होगा कि वहां कोरोना न फैलने पाए। वहां अफसरों की संख्या सीमित करने के साथ ही सत्र की अवधि कम की जा सकती है। यदि दून में कराना है तो इसके लिए राज्यपाल से आग्रह करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि निर्णय सरकार को लेना है कि सत्र गैरसैंण में ही किया जाए या फिर दून में। सरकार जो भी निर्णय लेगी, उसी के अनुरूप विधानसभा व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगी।

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    उधर, राज्य मंत्रिमंडल की बैठक 19 मार्च को बुलाई गई है। माना जा रहा कि बजट सत्र कहां आयोजित किया जाए, इस पर कैबिनेट फैसला लेगी। सूरतेहाल, 19 मार्च को सत्र के आयोजन को लेकर स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।

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