बीएससी नर्सिंग और जीएनएम की 1790 सीटों को मिली अनुमति, भविष्य में प्रशिक्षित स्टाफ की कमी होगी दूर
उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए बीएससी नर्सिंग और जीएनएम पाठ्यक्रमों में 1790 नई सीटों को मंजूरी दी है। इससे प्रदेश में नर्सि ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून: राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बीएससी नर्सिंग और जीएनएम जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) पाठ्यक्रमों की कुल 1790 नयी सीटों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस निर्णय से प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य में प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। इसके लिए 34 संस्थानों को उनकी मांग के अनुसार अनुमति प्रदान की गई है। जहां प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
गत नवंबर में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में संस्थानों को इन दोनों पाठ्यक्रमों की सीटें आवंटित की गईं थीं। इन संस्थानों में बीएससी नर्सिंग का कोर्स चार वर्ष का होगा, जिसमें विद्यार्थियों को नर्सिंग, स्वास्थ्य विज्ञान, रोगी देखभाल, सामुदायिक स्वास्थ्य और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं जीएनएम पाठ्यक्रम की अवधि तीन वर्ष निर्धारित की गई है, जिसमें व्यावहारिक प्रशिक्षण पर विशेष जोर रहेगा।
प्रदेश में शासकीय और निजी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नर्सिंग स्टाफ की लगातार आवश्यकता बढ़ रही है। नई सीटों की स्वीकृति से न केवल विद्यार्थियों को नर्सिंग के क्षेत्र में अधिक अवसर मिलेंगे, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
कोर्स पूर्ण करने के बाद विद्यार्थी सरकारी अस्पतालों, निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, मेडिकल कालेजों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में सेवा देने के पात्र होंगे। इसके अलावा बीएससी नर्सिंग करने वाले विद्यार्थियों को आगे उच्च शिक्षा और शिक्षण के क्षेत्र में भी अवसर प्राप्त होंगे। सचिव स्वास्थ्य डा आ राजेश कुमार ने कहा कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ किया जा सकेगा।

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