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    एम्स ऋषिकेश में चिकित्सकों की टीम ने महिला का बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया

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    Updated: Thu, 05 Dec 2019 02:10 PM (IST)

    अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में एक ब्लड कैंसर पीड़ित महिला में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशनकरने में चिकित्सकों की टीम सफल रही है। महिला पूरी तरह से स्वस्थ है।

    एम्स ऋषिकेश में चिकित्सकों की टीम ने महिला का बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया

    ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में एक ब्लड कैंसर पीड़ित महिला में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशनकरने में चिकित्सकों की टीम सफल रही है। महिला पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्हें शीघ्र छुट्टी दे दी जाएगी।

    एम्स ऋषिकेश में मेडिकल ऑकोलॉजी और हेमेटोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने पहली बार किसी कैंसर पीडि़त महिला को प्लाज्मा सेल ल्यूकेमिया के साथ बोन मैरो ट्रांसप्लांट यानी हेमेटोपोटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है। एम्स के निदेशक पदमश्री प्रो. रविकांत ने बताया कि एक 42 वर्षीय महिला पिछले नौ महीने से ब्लड कैंसर से पीडि़त थी। सभी तरह के परीक्षण पूर्ण करने के बाद 17 नवंबर को एम्स में भर्ती कराया गया था। 

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    22 नवंबर को इनके उपचार के लिए उच्च खुराक वाले कीमो प्राप्त हुए थे। 23 नवंबर को इनमें स्टेम सेल का इस्तेमाल किया गया। एम्स निदेशक ने बताया कि बुधवार को जांच के बाद चला कि बीमार महिला के शरीर में न्यूट्रोफिल और प्लेटलेट की बेहतर वृद्धि हुई है। अब वह बिल्कुल स्वस्थ है। 

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    उन्होंने बताया कि मेडिकल ऑंकोलॉजी हेमेटोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उत्तम कुमार नाथ के साथ चिकित्सकों की टीम ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट में सफलता हासिल की है। डॉ. उत्तम कुमार नाथ ने बताया कि इस कार्य को बेहतर ढंग से पूर्ण करने के लिए डॉ. गीता नेगी के साथ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन टीम ने स्टेम सेल की उत्पत्ति और रक्त उत्पाद के लिए बेहतर कार्य किया। डॉ. अंकित अग्रवाल और सीसी (क्रिटिकल केयर) बैकअप के लिए उनकी टीम सहित प्रोफेसर मनोज गुप्ता और रक्त उत्पाद विकिरण विभाग की टीम का इस कार्य में सहयोग रहा।

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