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गैरसैंण मामले पर भाजपा और कांग्रेस फिर आमने-सामने

विधानसभा सत्र से पहले गैरसैंण को लेकर प्रदेश में राजनीति फिर गरमा गई है। इस वर्ष गैरसैंण में एक भी विधानसभा सत्र न कराए जाने पर विपक्ष सरकार को निशाने पर लिए हुए हैं।

By Edited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 08:38 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 04:51 PM (IST)
गैरसैंण मामले पर भाजपा और कांग्रेस फिर आमने-सामने
गैरसैंण मामले पर भाजपा और कांग्रेस फिर आमने-सामने

देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधानसभा सत्र से ठीक पहले गैरसैंण को लेकर प्रदेश में राजनीति फिर गरमा गई है। इस वर्ष गैरसैंण में एक भी विधानसभा सत्र न कराए जाने पर विपक्ष सरकार को निशाने पर लिए हुए हैं। अब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा द्वारा गैरसैंण को राजधानी बनाने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता की जरूरत के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा था तो पूर्व मुख्यमंत्री ने पहले गैरसैंण में कैबिनेट कर क्यों यहां राजधानी बनाने की बात कही थी। इस तरह के बयान के लिए उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।

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गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने का मामला अभी तक प्रदेश में आई सरकारों के लिए एक राजनीतिक हथियार रहा है। गैरसैंण में कैबिनेट बैठक कराने के साथ ही विधानसभा सत्र तक आयोजित किए जा चुके हैं लेकिन अभी तक इसे राजधानी बनाने के संबंध में कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। मौजूदा सरकार के समय इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात तो खूब चली लेकिन इस पर भी कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया। इसका ठीकरा भाजपा व कांग्रेस एक-दूसरे की सरकारों पर फोड़ती रही हैं। 

इस कड़ी में हाल ही में देहरादून पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि गैरसैंण पर सियासत हो रही है और कुछ नहीं हो रहा। यह भावनाओं व सम्मान से जुड़ा मसला है। जब भी केंद्र इसके लिए 50 हजार करोड़ जारी कर देगा, यहां राजधानी बन जाएगी। उनके इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कटाक्ष किया है।

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उन्होंने बहुगुणा को निशाने पर लेते हुए कहा कि यदि ऐसा है तो पहले उन्होंने क्यों वहां कैबिनेट कराकर कहा कि राजधानी गैरसैंण होनी चाहिए। यह उत्तराखंड की जनता के साथ बेईमानी थी। इसके लिए उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने जो किया अपने बूते किया। आपदा के दौरान और उसके बाद भी सारे कार्य अपनी क्षमता के अनुसार किए। अब राजधानी के लिए इस तरह की बात क्यों की जा रही है।

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