स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर भोजनमाताओं ने किया सचिवालय कूच
स्थायी नियुक्ति सहित नौ सूत्रीय मांगों को लेकर भोजनमाताओं ने सचिवालय कूच किया। हालांकि सचिवालय से पहले ही पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारी महिलाओं को रोक लिया।
देहरादून, जेएनएन। स्थायी नियुक्ति सहित नौ सूत्रीय मांगों को लेकर भोजनमाताओं ने सचिवालय कूच किया। हालांकि सचिवालय से पहले ही पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारी महिलाओं को रोक लिया। विरोध स्वरूप महिला वहीं सड़क पर बैठ गई और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उसके बाद उन्होंने सचिवालय प्रशासन को मांग पत्र सौंपा।
प्रगतिशील भोजनमाता संगठन के नेतृत्व में प्रदेशभर से भोजनमाताएं परेड मैदान में एकत्रित हुई। वहां से उन्होंने नारेबाजी करते हुए सचिवालय कूच किया। पुलिस ने सचिवालय के समीप बेरीकेडिंग लगाकर रोक लिया। महिलाएं वहीं धरने पर बैठ गई।
सभा को संबोधित करते हुए संगठन की अध्यक्ष हंसी देवी ने कहा कि मात्र दो हजार रुपये में भोजनमाताएं महीने भर काम करती हैं। इतनी कम धनराशि में उनका जीवन निर्वाह करना संभव नहीं है। इसलिए उनका मानदेय बढ़ाया जाए और उनकी स्थायी नियुक्ति की जाए। संगठन की महामंत्री रजनी जोशी ने कहा कि भोजनमाताओं को रविवार के अतिरिक्त कोई अवकाश नहीं मिलता।
अवकाश लेने पर स्कूल प्रबंधन उन्हें निकालने की धमकी देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की करीब 27 हजार भोजनमाता इस तरह के अन्याय से रोज जूझ रही हैं। सचिवालय कूच करने वालों में हेमा गोस्वामी, तुलसी देवी, शीला शर्मा, नीता अन्य भोजनमाताएं शामिल थी।
व्यथा सुनाते हुए रोने लगी महिलाएं
भोजनमाताओं ने सचिवालय के समीप लगभग दो घंटे धरना दिया। यहां माइक पर बारी- बारी से कई महिलाओं ने अपनी व्यथा सुनाई। कई महिलाएं इस दौरान रोने लगी।
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ये हैं प्रमुख मांगे
- 25 छात्रों पर एक भोजनमाता की नियुक्ति हो।
- ईएसआइ, पीएफ, पेंशन, प्रसूति अवकाश की सुविधा मिले।
- हर स्कूल में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए जाए।
- एनजीओ को न सौंपा जाए खाने का काम।
- वेतन व बोनस समय पर दिया जाए।
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