Bharat Bandh in Dehradun: देहरादून में बंद बेअसर, जगह-जगह प्रदर्शन और हंगामा; नहीं दिखे किसान
Bharat Bandh in Dehradun दून में भारत बंद बेअसर रहा। मंगलवार को शहर में लगभग 90 फीसद व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे। वाहनों की आवाजाही भी आम दिनों की तरह सामान्य रही। किसानों के साथ खड़े होने के दावे में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन जरूर हुए लेकिन उनमें किसान नजर नहीं आए।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Bharat Bandh in Dehradun दून में भारत बंद बेअसर रहा। मंगलवार को शहर में लगभग 90 फीसद व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे। वाहनों की आवाजाही भी आम दिनों की तरह सामान्य रही। किसानों के साथ खड़े होने के दावे में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन जरूर हुए, लेकिन उनमें किसान नजर नहीं आए। राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्त्ताओं ने ही रैली निकालकर प्रदर्शन किया। इससे सड़कों पर जाम लग गया, जिससे आम आदमी को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। वहीं, पलटन बाजार में कारोबारियों पर दुकान बंद करने का दबाव डालने और जाम लगाने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष समेत 80 नेताओं-कार्यकर्त्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उधर, कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन में भारतीय किसान यूनियन तोमर और भीम आर्मी के 35 से 40 कार्यकर्त्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। राजनीतिक दलों के अलावा कृषि कानूनों का विरोध करते हुए करीब एक दर्जन सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों ने भी प्रदर्शन किया।
पलटन बाजार बंद कराने पहुंचे कांग्रेसी, घंटाघर पर लगाया जाम
किसानों के भारत बंद के समर्थन में दिन के करीब 11 बजे राजपुर रोड स्थित कांग्रेस भवन में महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस सेवादल, एनएसयूआइ और महानगर कांग्रेस के कार्यकर्त्ता एकत्र हुए। यहां से वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में रैली के रूप में पलटन बाजार पहुंचे और कारोबारियों पर दुकान बंद करने का दबाव बनाने लगे। इसको लेकर बाजार में हंगामा हो गया। कांग्रेसियों की काफी कोशिश के बाद भी बाजार में इक्का-दुक्का दुकानें ही बंद हुईं। पुलिस ने सख्ती की तो कांग्रेसी घंटाघर चौक आ गए और वहां धरने पर बैठ गए। इस दौरान धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने केंद्र सरकार को किसान विरोधी करार दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि देशभर के किसान संगठनों को विश्वास में लिए बगैर तीन कृषि कानून बना दिए गए। ये कानून कुछ समय बाद किसानों को पूरी तरह तबाह कर देंगे। उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड में बंद पूरी तरह सफल रहा। प्रदर्शन में पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा भी शामिल रहे। वहीं, उत्तराखंड प्रदेश किसान कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश अध्यक्ष सुनील राठी के नेतृत्व में रैली में भाग लिया। कांग्रेस के प्रदर्शन से घंटाघर चौक पर जाम लग गया। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्त्ताओं से चौक से हटने के लिए कहा तो वह हंगामा करने लगे। करीब आधा घंटा बाद भी हंगामा शांत नहीं हुआ तो पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत 80 नेताओं व कार्यकर्त्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सभी को पुलिस लाइन ले जाया गया। वहां से उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
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आशारोड़ी चेकपोस्ट पर भारतीय किसान यूनियन (तोमर) का प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन (तोमर गुट) के सदस्यों ने कृषि कानूनों के विरोध में आशारोड़ी चेकपोस्ट पर हंगामा किया। संगठन के कार्यकत्र्ताओं ने हाईवे पर जाम लगाने की भी कोशिश की। इसको लेकर उनकी पुलिसकर्मियों से काफी देर तक नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई। अंत में संगठन के पदाधिकारियों ने पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर अनुज कुमार को ज्ञापन सौंपा और चले गए। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा ने कहा कि वे नए कृषि कानून को स्वीकार नही करेंगे। हालांकि, उन्होंने बातचीत कर किसानों की आपत्तियों के निस्तारण की मांग की। इस संबंध में यूनियन ने जिला प्रशासन के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा है।
आप ने फूंका केंद्र सरकार का पुतला
आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्त्ताओं ने भारत बंद को सफल बनाने के लिए प्रदेशभर में प्रदर्शन किया। देहरादून में आप कार्यकर्त्ताओं ने सहस्रधारा क्रॉसिंग पर एकत्र होकर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए केंद्र सरकार का पुतला फूंका। इस दौरान आप की प्रदेश प्रवक्ता उमा सिसोदिया, फहीम बेग, दीपक सेहलवान, वसीम अंसारी समेत अन्य मौजूद रहे। दूसरी तरफ, आप के प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र आनंद और उमा सिसोदिया ने पत्रकारों से वार्ता में किसानों के समर्थन में उतरने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर में नजरबंद करने पर केंद्र सरकार के प्रति रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आपातकाल जैसे हालात पैदा कर रही है। आप इसका विरोध करती है। उधर, किसानों के भारत बंद के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्त्ताओं ने गांधी पार्क के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान, डॉ. राकेश पाठक, सुभाष पंवार, नासिर मंसूरी, अनुराग आदि मौजूद रहे। इसके अलावा सपा कार्यकर्त्ताओं ने पूर्व जिलाध्यक्ष गुलफाम अली के नेतृत्व में मेहूंवाला माफी में भी धरना-प्रदर्शन किया।
इन संगठनों ने भी किया कृषि कानूनों का विरोध
कृषि कानूनों का विरोध करते हुए करीब एक दर्जन सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों ने भी प्रदर्शन किया। उत्तराखंड किसान सभा के अध्यक्ष एवं सीपीएम के सचिव सुरेंद्र सिंह सजवाण ने दावा किया कि बंद पूरी तरह सफल रहा। उन्होंने गांधी पार्क के सामने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून तुंरत वापस ले। सीपीआइ के प्रदेश सचिव समर भंडारी ने केंद्र सरकार को किसान विरोधी करार दिया। एसएफआइ के प्रांत मंत्री हिमांशु चौहान, माकपा के सचिव अनंत आकाश ने भी प्रदर्शन में प्रतिभाग किया। इस दौरान भूतपूर्व सैनिक एवं अर्धसैनिक संयुक्त संगठन के सरंक्षक और यूकेडी नेता सेवानिवृत्त आइएएस एसएस पांगती, पीपुल्स फोरम उत्तराखंड के संयोजक जयकृत कंडवाल, दून साइंस फोरम के संयोजक विजय भट्ट, सर्वोदय से कुसुम रावत, हरीश कुशवाहा, भूतपूर्व सैनिक संगठन से पीसी थपलियाल, बीज बचाओ आंदोलन से बीजू नेगी, चेतना आंदोलन से गोपाल कृष्णन, इतिहासकार योगेश धस्माना, प्रोफेसर एसके कुलश्रेष्ठ, जनससंवाद से सतीश धोलाखंडी आदि मौजूद रहे।
उक्रांद ने किया प्रदर्शन
उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने भी शहर में कई जगह केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में उक्रांद के केंद्रीय संगठन मंत्री संजय बहुगुणा, कार्यकारी जिलाध्यक्ष केंद्रपाल सिंह तोपवाल, उक्रांद युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट, दीप नारायण पांडे आदि मौजूद रहे।

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