Bharat Bandh in Uttarakhand: उत्तराखंड में भारत बंद रहा बेअसर, ऊधमसिंहनगर में दिखा आंशिक असर
Bharat Bandh in Uttarakhand कृषि कानून के विरोध में मंगलवार को किसानों का भारत बंद उत्तराखंड में बेअसर रहा। पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन सामान्य रहा। बाजार पूरी तरह से खुले रहे और चहल-पहल भी रही। देहरादून रुड़की और हरिद्वार में प्रदर्शनकारियों ने सांकेतिक जाम लगाया।
जागरण टीम, देहरादून। Bharat Bandh in Uttarakhand कृषि कानून के विरोध में मंगलवार को किसानों का भारत बंद उत्तराखंड में बेअसर रहा। पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन सामान्य रहा। बाजार पूरी तरह से खुले रहे और चहल-पहल भी रही। देहरादून, रुड़की और हरिद्वार में प्रदर्शनकारियों ने सांकेतिक जाम लगाया। हालांकि इसका भी ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। कांग्रेस एवं आप कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन एवं मौन यात्रा निकाली। कुमाऊं के ऊधमसिंहनगर में बंद का आंशिक असर रहा।
मंगलवार को आहूत भारत बंद को कांग्रेस के साथ ही कुछ व्यापारिक संगठनों, इंटक और एटक ने समर्थन दिया था। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक ज्यादातर जिलों में कांग्रेसियों और कुछ संगठनों ने प्रदर्शन कर सक्षम अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे। बंद के मद्देनजर परिवहन निगम ने एहतियातन दोपहर तक बसों का संचालन नहीं किया, लेकिन शहर में सिटी बस, विक्रम और ऑटो रोज की तरह चले। हरिद्वार में जिले में कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने दुकानें बंद कराने का प्रयास किया, इस पर व्यापारियों ने जुलूस के सामने शटर गिराए, लेकिन उनके गुजरते ही दुकानें खुल गईं।
नैनीताल जिले में बंद का बाजार पर असर नहीं दिखा। नैनीताल शहर में पर्यटकों की आवाजाही बनी रही। रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में भी नजारा कुछ ऐसा ही रहा।
भाकियू नेताओं का हुड़दंग, दुकानें हुई बंद
हरिद्वार में कंग्रेसियों और भाकियू नेताओं का जुलूस कोतवाली की बगल से बाजार में दाखिल हो गया है। कांग्रेस नेता हाथ जोड़ दुकान बंद करने का आग्रह कर रहे हैं, जबकि भाकियू के युवा नेताओं ने जबरन दुकानें बंद कराने की कोशिश की, लेकिन मौके पर मुस्तैद पुलिस ने उन्हें रोक दिया। भाकियू कार्यकर्ताओं का हुड़दंग देख कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें थोड़ी देर के लिए बंद कर ली। बाद में फिर शटर उठा लिए गए।
रायवाला में हर रोज की तरह खुली दुकानें
रायवाला और आसपास ग्रामीण क्षेत्र के बाजार पर कोई असर नहीं दिखा। सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान रोजाना की तरह लगभग 10:30 बजे खुले। सड़क पर ट्रैफिक भी सामान्य है। अभी तक किसी बंद समर्थक किसी दल के द्वारा दुकानों को बन्द करवाने की कोशिश भी नहीं की गई।
हालांकि आम आदमी पार्टी ने दुकानें बंद करवाने की घोषणा की थी, लेकिन उसका भी कोई असर नहीं देखा जा रहा है। वहीं, शांति व सुरक्षा के मद्देनजर प्रमुख जगहों पर पुलिस भी तैनात हैं। पुलिस की गश्ती टीम भी लगातार राउंड पर है।
कोटद्वार में दिखा बंद का मिलाजुला असर
कोटद्वार में कांग्रेस की ओर से कराए गए बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला है। सुबह सामान्य दिनों के समान दुकानें खोलने का सिलसिला शुरू हुआ। इस बीच करीब आठ बजे कांग्रेसी जुलूस की शक्ल में बाजार में उतरे और व्यापारियों से दुकाने बंद करने की गुजारिश की, जिसके बाद व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए। हालांकि मुख्य बाजार से लगे क्षेत्रों में दुकानें सामान्य दिनों की तरह खुली रही। बस-जीप टैक्सी सेवाएं सामान्य दिनों की तरह चली। पिछले कई दिनों से भारत बंद की चर्चा के चलते बाजार में आमजन कम नजर आया।
दरअसल, सोमवार को कांग्रेस ने व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का आह्वान किया था, लेकिन सुबह से ही व्यापारियों ने दुकानें खोलने शुरू कर दी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बाजार में सुबह से ही पुलिस बल तैनात हो गया था। बताना जरूरी है कि व्यापार मंडल की ओर से बंद का कोई आह्वान नहीं किया गया है। प्रशासन की ओर से भी स्पष्ट कर दिया गया था कि जबरन बाजार बंद नहीं करवाया जाएगा।
रुड़की में भी नजर नहीं आया आसर
हरिद्वार जिले के रुड़की में किसानों के आंदोलन का अभी तक कोई असर नजर नहीं आया है। झबरेड़ा कस्बे में सामान्य दिनों की तुलना में ही बाजार खुला है किसान गन्ना लेकर कोल्हू और शुगर मिल में जा रहे हैं। मंगलौर, नारसन, लंढौरा और भगवानपुर में सामान्य दिनों की भांति कामकाज हो रहा है।
वहीं, विकासनगर के कुल्हाल में किसानों के भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। ग्राम पंचायत के आह्वान पर बाजार पूरी तरह बंद रहा।