Move to Jagran APP

आयुर्वेद छात्रों ने निकाला मार्च, निजी कॉलेज एसोसिएशन से वार्ता बेनतीजा Dehradun News

निजी आयुर्वेद कॉलेजों की मनमानी के खिलाफ छात्र-छात्राओं ने मार्च निकाला। वहीं निजी कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष के नेतृत्व में कॉलेज संचालकोंं की छात्रों से वार्ता विफल रही।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 11:50 AM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 11:50 AM (IST)
आयुर्वेद छात्रों ने निकाला मार्च, निजी कॉलेज एसोसिएशन से वार्ता बेनतीजा Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। निजी आयुर्वेद कॉलेजों की मनमानी के खिलाफ छात्र-छात्राओं का आंदोलन जारी है। छात्र पिछले 23 दिन से आंदोलित हैं। छात्र-छात्राओं ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल से विरोध स्वरूप मार्च निकाला। वहीं, निजी कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अश्वनी काम्बोज के नेतृत्व में कॉलेज संचालक छात्रों से बात करने धरनास्थल पर पहुंचे। पर वार्ता बेनतीजा रही।

loksabha election banner

छात्रों का कहना है कि निजी कॉलेज पूरी तरह बेलगाम हैं। न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। छात्रों पर बढ़ा हुआ शुल्क जमा करने का दवाब बनाया जा रहा है। शासन-प्रशासन भी उनकी सुध नहीं ले रहा है। इससे जाहिर होता है कि सरकार को छात्रों के भविष्य की कोई फिक्र ही नहीं है। उलटा छात्रों के आंदोलन को कुचलने के लिए षडयंत्र रचा जा रहा है। 

उधर, निजी आयुर्वेद कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अश्वनी काम्बोज के अनुसार 80,500 रुपये फीस वर्ष 2004 में निर्धारित की गई थी। जबकि प्रत्येक तीन वर्ष में फीस बढ़ोत्तरी का प्रावधान है। उत्तराखंड सरकार ने 11 वर्ष बाद बीएएमएस का शुल्क 2,15,000 रुपये तय किया था। इसी के आधार पर कॉलेजों ने शुल्क लिया। 

इसके खिलाफ छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने उक्त शासनादेश निरस्त कर दिया था। उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। जिस पर निर्णय होना बाकी है। इसी बीच हाईकोर्ट ने शुल्क नियामक प्राधिकरण को वर्ष 2004 से पुन: फीस निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया है। 

यह भी पढ़ें: आयुष छात्रों के आंदोलन पर छाने लगा सियासी रंग, विपक्षी दल हुए मुखर 

कहा कि शुल्क नियामक प्राधिकरण बिना किसी दबाव व कोर्ट के किसी भी निर्णय से प्रभावित हुए बगैर शीघ्र यह मामला निस्तारित करे। मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसी स्थिति में किसी भी तरह की टिप्पणी करना अनुचित होगा।

यह भी पढ़ें: अनशन पर बैठे आयुष छात्रों की पुलिस के साथ हुई तीखी झड़प


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.