सरकारी कार्मिकों को 25 दिसंबर को अटल आयुष्मान की सौगात
आयुष्मान भारत के तर्ज पर शुरू की गई अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के 25 दिसंबर को एक वर्ष पूर्ण होने पर अब सरकारी कार्मिकों व पेंशनरों को भी इसके दायरे में लाने की तैयारी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार की ओर से आयुष्मान भारत के तर्ज पर शुरू की गई अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के 25 दिसंबर को एक वर्ष पूर्ण होने पर अब सरकारी कार्मिकों व पेंशनरों को भी इसके दायरे में लाने की तैयारी है। इसके लिए शासन ने कसरत पूरी कर ली है। इस योजना के तहत जहां आम परिवार को प्रतिवर्ष पांच लाख तक मुफ्त इलाज का प्रविधान है, वहीं कर्मचारियों के लिए ऐसी कोई सीमा नहीं रखी गई है। इसके लिए कार्मिकों व पेंशनर को प्रतिमाह अपने वेतन व पेंशन से एक निश्चित राशि अंशदान के रूप में देनी होगी।
उत्तराखंड सरकार ने बीते वर्ष आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करते हुए समस्त प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा देने के मकसद से अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की शुरुआत की। सरकारी कार्मिकों व पेंशनरों के लिए जो योजना प्रस्तावित की गई, उसमें इलाज के खर्च को असीमित रखा गया। हालांकि, प्रदेश के अन्य लोगों की तरह सरकारी कार्मिकों व पेंशनरों को इसका लाभ नहीं मिल पाया।
कारण यह कि कर्मचारी संगठन इस योजना में और रियायत चाहते थे। उनकी मांग ओपीडी को भी मुफ्त करने और सरकारी अस्पताल से रेफरल की अनिवार्यता को समाप्त करने के साथ ही प्रदेश व दूसरे राज्यों के निजी अस्पतालों में सीधे इलाज की सुविधा दिए जाने की थी। इसके अलावा मुफ्त दवा का मसला भी इसमें शामिल रहा।
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शासन व कर्मचारी संगठनों की इस मसले पर कई बैठकें हुई लेकिन सहमति नहीं बन पाई। अब सरकार ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाए हैं। सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने अधिकारियों से शीघ्र इस मसले का निस्तारण करने को कहा है ताकि 25 दिसंबर से कार्मिकों व पेंशनरों को भी इस योजना का लाभ दिया जा सके।
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