टैक्स असेसमेंट में घपले की मंगलवार को सुनवाई, नहीं दिया जाएगा दूसरा मौका
व्यवसायिक संपत्तियों से वसूले जा रहे भवन कर में करोड़ों रुपये की हेराफेरी के मामलों में शामिल 15 प्रतिष्ठानों के मालिकों को मंगलवार को नगर निगम में सुनवाई के लिए बुलाया गया है।
देहरादून, जेएनएन। नगर निगम की ओर से व्यवसायिक संपत्तियों से वसूले जा रहे भवन कर में करोड़ों रुपये की हेराफेरी के मामलों में शामिल 15 प्रतिष्ठानों के मालिकों को मंगलवार को नगर निगम में सुनवाई के लिए बुलाया गया है। निगम की मानें तो जो प्रतिष्ठान स्वामी सुनवाई में नहीं आएगा उसे दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि ऐसे प्रतिष्ठानों जुर्माने की पूरी रकम भी वसूल की जाएगी।
नगर निगम की ओर से शहर में आवासीय और व्यवसायिक भवनों से सेल्फ असेसमेंट प्रणाली के तहत भवन कर वसूला जाता है। इसके बाद निगम को असेसमेंट की दोबारा जांच करनी होती है, मगर पिछले कुछ वर्षों से जांच में लापरवाही बरती गई। बीते हफ्ते जब यह मामला नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय के संज्ञान में आया और उन्होंने शहर के 50 बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जांच कराई तो असेसमेंट में काफी अनियमितताएं मिलीं। असेसमेंट में हेराफेरी करने वाले 15 प्रतिष्ठानों को चार गुना जुर्माने संग धनराशि जमा कराने के नोटिस भेजे गए।
नोटिस की जद में पैसेफिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और होटल जेएसआर, सॉलिटेयर और सैफरान लीफ जैसे बड़े प्रतिष्ठान भी शामिल बताए गए। नगर निगम ने वर्ष 2014 में भवन कर की नई दरों के संग सेल्फ असेसमेंट प्रणाली की शुरुआत की थी। आवासीय भवनों पर यह प्रणाली पूरी तरह लागू हो गई थी, मगर व्यवसायिक भवनों पर यह प्रणाली पूर्ण रूप से लागू नहीं हो सकी। दरअसल, शासन ने उस दौरान व्यवसायिक टैक्स की दरें बढ़ाने पर रोक लगाई हुई थी। ऐसे में नगर निगम ने सिर्फ उन्हीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर कर लगाया, जो पहले से कर अदा कर रहे थे।
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साल 2016 में शासन ने व्यवसायिक टैक्स की नई दरें लागू की तो निगम द्वारा शहर के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से टैक्स वसूली शुरू की गई। हालांकि, निगम कर्मचारियों ने कभी सेल्फ असेसमेंट में सत्यापन करने की जहमत नहीं उठाई। अब सत्यापन करने पर जिन प्रतिष्ठानों में गड़बड़ी मिली है, उन पर चार गुना जुर्माना लगाने के साथ गुजरे वर्षों का बकाया भी वसूल किया जाना है।
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