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India China LAC Border News: उत्तराखंड में चीन सीमाओं पर सेना और आइटीबीपी अलर्ट, आमजनों की आवाजाही प्रतिबंधित

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई हिंसक झड़प के बाद अब उत्तराखंड के सीमांत जिलों में भी अलर्ट जारी हो गया है। सीमांत क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 12:02 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 10:02 PM (IST)
India China LAC Border News: उत्तराखंड में चीन सीमाओं पर सेना और आइटीबीपी अलर्ट, आमजनों की आवाजाही प्रतिबंधित
India China LAC Border News: उत्तराखंड में चीन सीमाओं पर सेना और आइटीबीपी अलर्ट, आमजनों की आवाजाही प्रतिबंधित

देहरादून, जेएनएन। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई हिंसक झड़प के बाद अब उत्तराखंड के सीमांत जिलों में भी अलर्ट जारी हो गया है। सूत्रों की मानें तो सीमांत क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है। हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला होने के कारण आधिकारिक रूप से सभी इस मसले पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर रहे हैं। 

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उत्तराखंड भारत का सीमांत राज्य है। यहां का तकरीबन 350 किमी का इलाका चीन सीमा से लगा हुआ है। विशेषकर चमोली व उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों में कुछ चौकियां भी चीन सीमा के नजदीक बनी हुई हैं। वहीं, पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में नेपाल की सीमा भी है। ॉ

बीते माह उत्तरकाशी के नेलांग में भी भारतीय व चीनी सैनिकों के बीच झड़प की खबरें सामने आई थीं, लेकिन इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई। इसके अलावा चमोली के बाड़ाहोती में बीते वर्षों में चीनी सैनिकों की सीमा में हलचल देखी गई है। 

सूत्रों की मानें तो चीन के साथ भारत के बीच बढ़ते तनाव के बीच इन दोनों जिलों में अलर्ट जारी है। साथ ही पिथौरागढ़, चंपावत जीले की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर चौकसी भी बढ़ाई गई है। यहां तक कि गृह मंत्रालय भी उत्तराखंड शासन के साथ स्थिति पर नजर रखे हुए है। 

पिथौरागढ़ जिले की सीमाएं नेपाल और चीन से लगी हैं। पिथौरागढ़ से करीब 240 किलोमीटर आगे लिपुरेख तक सड़क भी बनाने का काम पहले से जारी है। यहां धारचुला से कालीनदी के उदगम कालापानी नेपाल की सीमा से लगा है। उससे आगे नाविढांग, लिपुलेख चीन की सीमा से लगा है। 

चीन सीमा से लगे क्षेत्र लिपुलेख से कुंगरी बिंगरी तक आइटीबीपी और सेना अलर्ट मोड पर है। चीन सीमा पर इनर लाइन छियालेख से आगे स्‍थानीय ग्रामीणों को छोड़ किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। यहां पहले आवाजाही के लिए सामान्य लोगों को परमिट की व्यवस्था थी। कुछ समय से यहां परमिट की व्यवस्था बंद कर दी गई। सिर्फ स्थानीय लोगों को ही यहां आवाजाही की अनुमति है।

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उत्तरकाशी जिले में हर्षिल से करीब 120 किलोमीटर आगे चीन की सीमा है। सीमावर्ती गांव नेलांग और जादुंग वर्ष 62 के युद्ध के दौरान ही खाली हो गए थे। यहां नेलांग घाटी में आइटीबीपी और सेना तैनात है। साथ ही अलर्ट मोड में है। इन क्षेत्रों में आम लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित है। चमोली जिले में जगराऊ, बाड़ाहोती आदि क्षेत्र भी चीन सीमा के निकट है। इस क्षेत्र में भी सेना और आइटीबीपी तैनात है। इन इलाकों में भी आमजनों की आवाजाही प्रतिबंधित है।   

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