Ankita Murder Case: तो क्या वनन्तरा रिसार्ट में हो रहा था वन्यजीवों का शिकार? रिसार्ट की छत पर मिला है पिंजरा
Ankita Murdered Case अंकिता हत्याकांड से जुड़े वनन्तरा रिसार्ट में मिले पिंजरे से वन्यजीवों के शिकार की आशंका को भी बल मिल रहा। रिसार्ट के आसपास घना ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: Ankita Murder Case: वनन्तरा रिसार्ट में हर तरफ ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं, जो यहां चल रहे काले कारनामों की तरफ इशारा करते हैं। इसी कड़ी में रिसार्ट की छत पर जानवरों को पकड़ने वाले पिंजरे की मौजूदगी से यहां वन्यजीवों के शिकार की आशंका को भी बल मिल रहा है।
क्या वीआइपी मेहमानों को परोसा जाता था मांस
आशंका यह भी है कि इस पिंजरे में वन्यजीवों को फंसाने के बाद अंकिता की हत्या के मुख्य आरोपित पुलिकत आर्या के वीआइपी मेहमानों को उनका मांस परोसा जाता रहा हो।
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पिंजरे की मौजूदगी दे रही कई प्रश्नों को जन्म
वनन्तरा रिसार्ट राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र के अंतर्गत आता है। रिसार्ट के आसपास घना जंगल है, जिसमें वन्यजीव बहुतायत में हैं। हालांकि, चारों तरफ से चहारदीवारी से घिरा होने के कारण रिसार्ट में इन वन्यजीवों के प्रवेश की संभावना नहीं के बराबर है। ऐसे में रिसार्ट में वन्यजीवों को पकड़ने वाले पिंजरे की मौजूदगी कई प्रश्नों को जन्म दे रही है।
सरियों से बनाया गया यह पिंजरा
इसमें प्रमुख प्रश्न यह है कि क्या रिसार्ट में वन्यजीवों का शिकार भी किया जा रहा था? इस प्रश्न को बल इसलिए भी मिल रहा है, क्योंकि जो पिंजरा रिसार्ट में मिला है वह बेहद हल्का है। सरियों से बनाया गया यह पिंजरा वन विभाग के पिंजरों से बिल्कुल अलग है। इस पिंजरे में गुलदार जैसे बड़े वन्यजीवों को नहीं पकड़ा जा सकता।
छोटे वन्यजीव पकड़ने के काम आते हैं ऐसे पिंजरे
वन विभाग के अधिकारियों का भी कहना है कि इस तरह के पिंजरे विभाग प्रयोग में नहीं लाता। विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे पिंजरे छोटे वन्यजीवों खरगोश, स्याही, हिरन आदि को पकड़ने के काम आते हैं। वनन्तरा रिसार्ट के आसपास मौजूद जंगल में ऐसे छोटे वन्यजीवों की कोई कमी भी नहीं है।
वन्यजीवों के शिकार के मुफीद यह क्षेत्र
विशेष बात यह है कि रिसार्ट के एक तरफ महज 400 मीटर की दूरी पर चीला नहर गुजरती है तो दूसरी तरफ 600 मीटर की दूरी पर गंगा नदी है। प्यास बुझाने के लिए वन्यजीव यहां पहुंचते हैं। इस लिहाज से यह क्षेत्र छोटे वन्यजीवों के शिकार के मुफीद भी है।
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जांच के बाद ही सामने आएगी सच्चाई
कुल मिलाकर परिस्थितियां जो इशारा कर रही हैं, उससे रिसार्ट में वन्यजीवों के शिकार जैसी गतिविधि से इन्कार नहीं किया जा सकता। हालांकि, इस आशंका और पिंजरे की सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी।
वन विभाग ने उक्त स्थान पर कोई पिंजरा नहीं लगाया
एमएस रावत (वन क्षेत्राधिकारी, गौहरी रेंज, राजाजी टाइगर रिजर्व) ने कहा कि वन विभाग की ओर से उक्त स्थान पर कोई पिंजरा नहीं लगाया गया। अभी मामले की जांच एसआइटी कर रही है। वन विभाग की ओर से भी इस स्थान का निरीक्षण किया जाएगा और पिंजरे के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी।

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