Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बर्खास्तगी से भी नहीं डिगा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं हौसला Dehradun News

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 05 Feb 2020 12:10 PM (IST)

    आंदोलन लंबा खिंचा तो सरकार ने करीब चार सौ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सेवा समाप्त कर दी। उनका हौसला नहीं डिगा तो सरकार को वार्ता का रास्ता अपनाना पड़ा।

    बर्खास्तगी से भी नहीं डिगा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं हौसला Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। मानदेय बढ़ोत्तरी समेत कई मांगों को लेकर परेड ग्राउंड में सात दिसंबर से शुरू हुआ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आंदोलन लंबा खिंचा तो महिला एवं बाल विकास विभाग ने तेवर सख्त कर लिए। गर्भधात्री, गर्भवती महिलाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों के हितों को आधार बनाते हुए करीब चार सौ कार्यकर्ताओं की सेवा समाप्त कर दी गई, लेकिन इस कार्रवाई के बाद संगठन आरपार की लड़ाई के मूड में आ गया। अंतत: सरकार को कार्यकर्ताओं की मांगों पर गंभीर होना पड़ा, जिसके क्रम में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे महापौर कार्यकर्ताओं को मनाने में कामयाब रहे। संगठन ने इसे अपनी जीत बताया है, लेकिन यह भी कहा कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो अबकी बार इससे भी बड़ा आंदोलन होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री, सेविका, मिनी कर्मचारी संगठन ने सात दिसंबर से परेड ग्राउंड में धरना शुरू किया। उन्हें उम्मीद थी कि दो-चार दिन के धरने के बाद जब योजनाओं के क्रियान्वयन पर असर पड़ेगा तो सरकार को उनकी मांगें मानने पर विवश होना पड़ेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

    सरकार की ओर से कोई संदेश न आने से बिफरी कार्यकर्ताओं ने 20 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास कूच कर दिया। पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला पर रोक दिया। उस रोज आधी रात तक कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठी रहीं। यहां से सरकार को पंद्रह दिन का अल्टीमेटम देकर वापस परेड ग्राउंड लौट आईं। इन पंद्रह दिनों तक हर रोज प्रदेश से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का देहरादून आने का सिलसिला चलता रहा। 

    इससे पूरे राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्था चरमराने लगी। चार जनवरी को कार्यकर्ताओं ने दोबारा मुख्यमंत्री आवास कूच किया और इस बार पांच जनवरी की भोर तक कड़ाके की ठंड में सड़क पर बैठकर नारेबाजी करती रहीं। इसके चार दिन बाद आठ जनवरी को सचिवालय कूच किया और यहां मिलने आए अफसरों को चेतावनी दी कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह दस जनवरी से बेमियादी अनशन शुरू कर देंगी। 

    कार्यकर्ताओं ने ऐसा किया भी। दस जनवरी से दो तीन की संख्या में कार्यकर्ताओं ने अन्न-जल त्यागकर अनशन शुरू कर दिया। इस बीच विभाग ने भी तेवर सख्त करते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी। सूबे के कई जिलों में करीब चार सौ कार्यकर्ताओं की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।

    यह भी पढ़ें: साठ दिन बाद काम पर लौटीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मांगे पूरी न होने पर फिर होगा आंदोलन शुरू

    आज से खुलने लगे आंगनबाड़ी केंद्र

    आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका, मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने बताया कि कार्यकर्ता अपने घरों को लौट गईं। दराज के जिलों के कार्यकर्ताओं की वापसी आज हो पाई। उन्होंने यह भी साफ किया कार्यकर्ता सरकार के इस आश्वासन पर लौटीं हैं कि बर्खास्त कार्यकर्ताओं की सेवाएं बहाल की जाएंगी और मांगों को दस मार्च तक हर हाल में पूरा किया जाएगा।

    यह भी पढ़ें: सुपरवाइजर संवर्ग ने पदोन्नति और वेतनमान की उठाई मांग