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एम्स और बीईएल ने तैयार किया देश का पहला रिमोट हेल्थ मॉनीटरिंग सिस्टम

एम्स और बीईएल बेंगलुरु ने मिलकर देश का पहला रिमोट हेल्थ मॉनीटरिंग सिस्टम तैयार किया है। इससे कोरोना संक्रमित मरीजों के वाइटल पैरामीटर्स का पता लगाया जा सकेगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 08:10 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 08:10 AM (IST)
एम्स और बीईएल ने तैयार किया देश का पहला रिमोट हेल्थ मॉनीटरिंग सिस्टम
एम्स और बीईएल ने तैयार किया देश का पहला रिमोट हेल्थ मॉनीटरिंग सिस्टम

ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश और देश की नवरत्न कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) बेंगलुरु ने मिलकर देश का पहला रिमोट हेल्थ मॉनीटरिंग सिस्टम तैयार किया है। इसकी मदद से सुदूरवर्ती संसाधन विहीन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीजों के वाइटल पैरामीटर्स का कहीं से भी पता लगाया जा सकेगा।

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एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो.रविकांत ने बताया कि कोरोना वायरस के विश्वव्यापी प्रकोप के चलते पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) की व्यापक कमी पेश आ रही है। ऐसे में हेल्थ केअर वर्कर्स के एक्सपोज होने का भी खतरा है। इसी को देखते हुए एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकीय दल ने इस तकनीकी को विकसित करने के लिए बीईएल बेंगलुरु से संपर्क साधा। बताया कि दोनों संस्थानों के संयुक्त प्रयासों से एक ऐसी डिजिटल चिकित्सकीय प्रणाली तैयार की गई है, जिसके तहत एम्स ऋषिकेश में बैठकर चिकित्सक मरीज का उसके घर पर ही शरीर का तापमान, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा व सांस की गति की निगरानी (मॉनीटरिंग) कर सकते हैं। इससे मरीज अनावश्यक रूप से अस्पताल में भर्ती होने से बच जाएगा।

एम्स निदेशक प्रो. रविकांत और बीईएल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर एमबी गौतम ने इस उपलब्धि के लिए एम्स के चिकित्सक डॉ. मोहित तायल व बीईएल के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजशेखर एमवी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह तकनीक कोरोना वायरस से लड़ने में मील का पत्थर साबित होगी।

घर बैठे मिल सकेगा चिकित्सीय परामर्श

प्रो. रविकांत ने बताया कि बीईएल नेटवर्किंग के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। लिहाजा इस सोल्यूशन के लिए बीईएल ने सफलतापूर्वक ऐसी प्रणाली का निर्माण किया, जो अभी तक देश में उपलब्ध नहीं है। इसके साथ ही एक वेबसाइट व मोबाइल एप्लीकेशन (एप) भी तैयार की गई है, जिससे मरीज घर बैठे ही एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों को अपनी बीमारी के विषय में सूचित कर सकता है। संस्थान के चिकित्सक मरीज के बताए लक्षणों को समझेंगे और उसी के हिसाब से उचित निर्णय लेंगे। सॉफ्टवेयर में यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि मरीज की रिपोर्ट में चिकित्सक को लगता है कि वह कोविड-19 आशंकित है तो उसे संस्थान से इसके लिए मॉनिटरिंग किट उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि वह घर पर ही किट का प्रयोग कर इस प्रणाली के जरिये चिकित्सकीय परामर्श ले सके।

ऐसे काम करेगी प्रणाली

रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार करने में सहयोग करने वाले एम्स के चिकित्सक डॉ. मोहित तायल ने बताया कि इस प्रणाली के लिए एक मोबाइल एप तैयार किया गया है। कोरोना संक्रमण की आशंका पर कोई भी व्यक्ति इस एप पर संपर्क कर एम्स से जुड़ जाएगा। इसके बाद एम्स के हेल्थ केयर वर्कर उस जगह पहुंचकर संबंधित व्यक्ति की अंगुली पर एक डिवाइस फिट करेगा। इससे मरीज का पूरा डाटा किसी भी नेटवर्क के जरिये एम्स को मिल जाएगा। डिवाइस के भीतर एक सिमकार्ड लगा है, जो बेहद कम नेटवर्क पर भी काम करने में सक्षम है। खास बात यह कि इस प्रणाली से जुड़ने के लिए किसी मरीज या उसके प्रियजन के पास स्मार्ट फोन होना जरूरी नहीं है।

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एम्स के कमांड सेंटर में मिलती रहेगी जानकारी

प्रो. रविकांत ने बताया कि मरीज के वाइटल पैरामीटर्स उसके लोकेशन के साथ इंटरनेट के जरिये बिना अवरोध एम्स ऋषिकेश से कमांड व कंट्रोल सेंटर में प्रदर्शित होते रहेंगे। साथ ही ऐसे अलर्ट भी जारी करेंगे, जिसमें मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है। बताया कि मोबाइल एप्लीकेशन यह भी प्रदर्शित करेगी कि प्रदेश के किन हिस्सों में बीमारी गंभीर रूप में फैल रही है।

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