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Coronavirus: कोरोना से जंग को यहां हर दिन बनाई जा रही हैं क्लोरोक्विन की 50 लाख टेबलेट

कोरोना से जंग को दून की सेलाकुई स्थित इप्का कंपनी के प्लांट में भी 24 घंटे काम चल रहा है। यहां रोजाना क्लोरोक्विन फास्फेट की 50 लाख टेबलेट तैयार की जा रही हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 10:16 AM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 10:16 AM (IST)
Coronavirus: कोरोना से जंग को यहां हर दिन बनाई जा रही हैं क्लोरोक्विन की 50 लाख टेबलेट
Coronavirus: कोरोना से जंग को यहां हर दिन बनाई जा रही हैं क्लोरोक्विन की 50 लाख टेबलेट

देहरादून, सोबन सिंह गुसांई। देशभर में एकाएक कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन और क्लोरोक्विन फास्फेट की मांग बढ़ गई है। ऐसे में फार्मा कंपनियों ने भी इन दवाओं का उत्पादन तेज कर दिया है। दून की सेलाकुई स्थित इप्का कंपनी के प्लांट में भी 24 घंटे काम चल रहा है। यहां रोजाना क्लोरोक्विन फास्फेट की 50 लाख टेबलेट तैयार की जा रही हैं। 

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आमतौर पर मलेरिया के मरीजों को दी जाने वाली ये दवाइयां कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में भी कारगर साबित हो रही है। देश में चुनिंदा फार्मा कंपनियां ही इन दवाओं का उत्पादन करती हैं। उत्तराखंड में सिर्फ इप्का ही यह दवा बनाती है। इप्का के दो प्लांट हैं, एक दून के सेलाकुई में और दूसरा सिक्किम में। क्लोरोक्विन फास्फेट का निर्माण सेलाकुई में होता है, जबकि हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन सिक्किम में तैयार की जाती है। 

प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने से इप्का पर भी दवा निर्माण का बोझ भी बढ़ गया है। इसके चलते कंपनी के दोनों प्लांट में 24 घंटे काम चल रहा है। हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन सिक्किम से मंगानी पड़ रही है। इसलिए दोनों प्लांटों के बीच दवा के आदान-प्रदान को सरकार की ओर से समन्वय भी स्थापित किया गया है।

प्रदेश की मांग पूरी होने के बाद ही दूसरे राज्यों को आपूर्ति

इप्का कंपनी दून से क्लोरोक्विन फास्फेट का निर्यात यूरोप और देश के दूसरे राज्यों में भी करती है। यूरोपीय देशों में इस दवा का निर्यात पहले ही बंद किया जा चुका है।

साढ़े सात गुना बढ़ा उत्पादन 

इप्का के सेलाकुई स्थित प्लांट में फिलहाल रोजाना साढ़े सात गुना ज्यादा क्लोरोक्विन फास्फेट का उत्पादन हो रहा है। आमतौर पर यहां क्लोरोक्विन फास्फेट की हर माह दो करोड़ यानी रोजाना 6.6 लाख टेबलेट तैयार की जाती थी।

सबसे पहले उत्तराखंड की होगी डिमांड पूरी 

कंपनी के ऑपरेशन प्लांट हेड गोविंद बजाज के मुताबिक, सरकार के निर्देश पर 24 घंटे दवा का उत्पादन किया जा रहा है। ट्रांसपोटेशन में पुलिस मदद कर रही है। हमारा लक्ष्य पहले उत्तराखंड की डिमांड को पूरा करना है। इसके बाद ही बाहरी राज्यों या विदेश में दवा सप्लाई की जाएगी। कंपनी के एमडी प्रेमचंद गोधा ने क्वालिटी मेडिसन तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं।

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स्टाफ के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था 

डीआइडी अरुण मोहन जोशी के मुताबिक, सेलाकुई में 24 घंटे दवाइयों का उत्पादन होता रहे, इसके लिए व्यवस्था बनाई गई है। लॉकडाउन के दौरान कंपनी में काम करने वाले स्टाफ के लिए ट्रांसपोर्ट के अलावा भोजन और रहने की व्यवस्था की गई है। कच्चा माल लेकर आने वाले वाहनों के लिए पास बनाए गए हैं ताकि उन्हें बॉर्डर पर कोई दिक्कत न हो।

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