अब AI पकड़ेगा टैक्स चोरी, उत्तराखंड में होमस्टे, इवेंट मैनेजमेंट, सैलून, पार्लर और स्पा समेत इन पर रहेगी नजर
Tax Evasion अब उत्तराखंड में भी टैक्स चोरी पर लगेगी लगाम! केंद्र सरकार की तरह ही राज्य में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) आधारित पहचान प्रणाली लागू होगी । होमस्टे इवेंट मैनेजमेंट सैलून पार्लर और स्पा समेत सेवा क्षेत्र से एसजीएसटी प्राप्ति के होंगे प्रयास। बता दें कि प्रदेश को मिलने वाले कर राजस्व में सर्वाधिक हिस्सेदारी एसजीएसटी की है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Tax Evasion: उत्तराखंड में राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) के आधार को विस्तार दिया जाएगा। एसजीएसटी में वृद्धि से उत्साहित सरकार का ध्यान इस ओर गया है कि लंबित कर प्रकरणों के निस्तारण में जितना बल अब तक दिया गया है, उसकी तुलना में नए कर प्रकरणों पर कम कार्य किया गया है।
होमस्टे, इवेंट मैनेजमेंट, सैलून, पार्लर और स्पा समेत चिह्नीकरण से वंचित सेवा क्षेत्र से कर प्राप्ति के प्रयास बढ़ाए जाएंगे। साथ ही एसजीएसटी चोरी पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार की भांति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित पहचान प्रणाली को राज्य में प्रोत्साहित किया जाएगा।
राजस्व में सर्वाधिक हिस्सेदारी एसजीएसटी की
प्रदेश को मिलने वाले कर राजस्व में सर्वाधिक हिस्सेदारी एसजीएसटी की है। जीएसटी लागू नहीं होने से पहले वैट इसी भूमिका में रहा है। अब वैट का दायरा सिमट कर पेट्रोल, डीजल एवं पेट्रोलियम पदार्थों पर लागू वैट तक रह गया है। राज्य के स्वयं के संसाधन से कर राजस्व का सबसे बड़ा साधन एसजीएसटी है।
30 जून, 2022 के बाद जीएसटी मुआवजे के भुगतान पर केंद्र की रोक लगा चुका है। राज्य ने संकट से पार पाने को एसजीएसटी में वृद्धि पर जोर लगाया। इसके अच्छे परिणाम मिले। वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2022-23 में 1368 करोड़ रुपये अधिक कर की प्राप्ति हुई।
मुआवजा बंद होने के बाद एसजीएसटी में हुई वृद्धि
वित्तीय वर्ष 2023-24 में एसजीएसटी से 8297 करोड़ रुपये और वैट से 2519 करोड़ रुपये कर के रूप में प्राप्त हुए थे। यह वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में 956 करोड़ अधिक रहा। इस क्षेत्र में राजस्व में अधिक संभावनाएं देखते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में एसजीएसटी से 10,201 करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य है, जबकि वैट से कर प्राप्ति का लक्ष्य 2504 करोड़ रुपये रखा गया है।
चालू वित्तीय वर्ष में कर वृद्धि लक्ष्य में 1904 करोड़ की वृद्धि तो की गई, लेकिन अक्टूबर मध्य तक 50 प्रतिशत राजस्व वसूली नहीं हो पाई थी। सरकार के लगातार दबाव बनाने के के कारण नवंबर माह यानी वित्तीय वर्ष के आठ माह बीतने पर एसजीएसटी लक्ष्य का 60 प्रतिशत प्राप्त किया जा सका। वैट में अपेक्षाकृत अधिक यानी 69 प्रतिशत राजस्व मिला है।
कर विभाग को समयबद्ध करना होगा कार्य
एसजीएसटी में वृद्धि को प्रभावी और स्थायी बनाने के लिए अब प्रदेश में इसके आधार को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की उपस्थिति में इस संबंध में बैठक हो चुकी है। यह निर्णय भी लिया गया कि मात्र लंबित कर की वसूली पर अधिक ध्यान देकर एसजीएसटी के आधार में वृद्धि संभव नहीं है।
ऐसे क्षेत्रों का चिह्नीकरण किया जाएगा, जो अछूते रह गए या जिन पर अभी तक कम ध्यान दिया गया है। राज्य कर विभाग को इस संबंध में तेजी और समयबद्ध ढंग से काम करने को कहा गया है। प्रदेश में होमस्टे, सैलून, पार्लर, इवेंट मैनेजमेंट, स्पा सेवा में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन इनसे एसजीएसटी की प्राप्ति न के बराबर है।
संदिग्ध करदाताओं की होगी पहचान: आनंद बर्द्धन
अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने कहा कि अब केंद्र की भांति प्रदेश में एसजीएसटी चोरी को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डाइग्नोस्टिक सिस्टम को क्रियान्वित किया जाएगा। राज्य कर विभाग को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। इससे संदिग्ध जोखिमभरे करदाताओं की पहचान होगी। साथ में कर में फर्जीवाड़ा रोकने में सहायता मिलेगी।
एसजीएसटी से प्राप्त राजस्व: (कर धनराशि:करोड़ रुपये )
- वर्ष, कर प्राप्ति
- 2019-20, 4931
- 2020-21, 5053
- 2021-22, 5973
- 2022-23, 7341
- 2023-24, 8297
- 2024-25, 6120 (वर्ष 2024-25 के नवंबर माह का अनुमानित आंकड़ा )
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