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सीओ नरेंद्रनगर पर गिरी गाज, शासन ने बैठाई जांच; जानिए क्या है पूरा मामला

अनुसूचित जाति की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता और आरोपित युवक को एक ही गाड़ी से बयान और पेशी पर ले जाने को लेकर विवादों में फंसे सीओ नरेंद्रनगर उत्तम सिंह जिमिवाल पर गाज गिरी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 03 Jun 2019 08:12 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2019 08:12 PM (IST)
सीओ नरेंद्रनगर पर गिरी गाज, शासन ने बैठाई जांच; जानिए क्या है पूरा मामला
सीओ नरेंद्रनगर पर गिरी गाज, शासन ने बैठाई जांच; जानिए क्या है पूरा मामला

देहरादून, जेएनएन। पोक्सो एक्ट की अनदेखी कर अनुसूचित जाति की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता और आरोपित युवक को एक ही गाड़ी से बयान और पेशी पर ले जाने को लेकर विवादों में फंसे सीओ नरेंद्रनगर उत्तम सिंह जिमिवाल पर गाज गिरी है। शासन के निर्देश पर डीजीपी अनिल के रतूड़ी ने उनका तबादला करते हुए पीएसी में भेज दिया। प्रमोद शाह को सीओ नरेंद्रनगर बनाया है। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच सीओ स्वप्न किशोर को सौंपी है। वही मामले की विवेचना भी करेंगे और सीओ की ओर से की गई लापरवाही पर भी शासन को अपनी रिपोर्ट देंगे। वहीं, महिला सशक्तिकरण और बाल विकास राज्यमंत्री रेखा ने भी दून अस्पताल पहुंचकर पीडि़ता और उसके परिजनों से मुलाकात की।

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दुष्कर्म पीड़िता के माता-पिता सोमवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की और उन्हें घटना के बाद अख्तियार किए गए टिहरी पुलिस के रवैये पर आपत्ति जताई। परिजनों ने कहा कि उनकी बेटी और आरोपित को एक ही गाड़ी से कैम्पटी से नई टिहरी ले गए। जब उन लोगों ने कहा कि वह भी बेटी के साथ गाड़ी में जाना चाहते थे, तो उन्हें गाड़ी में नहीं बैठने दिया गया। ऐसे में जब पीड़िता आरोपित के साथ नई टिहरी पहुंची तो मानसिक तौर पर परेशान हो उठी और हालात इतनी खराब हो गई वह बयान तक नहीं दे सकी। नतीजतन उसकी जिंदगी खतरे में पड़ी और उसे दोबारा से इलाज के लिए दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। 

परिजनों ने इसके लिए सीओ नरेंद्रनगर और कैम्पटी थाने की पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। डीजीपी ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सीओ नरेंद्रनगर का तत्काल प्रभाव से पीएसी में भेज दिया गया। साथ ही डीजीपी ने मामले की विवेचना सीओ स्वप्न किशोर को सौंप दी है। 

विवादों में रहे सीओ उत्तम सिंह

टिहरी जिले के जौनपुर क्षेत्र के बसाण गांव निवासी अनुसूचित जाति के युवक जितेंद्र दास की सवर्णों के हाथों पिटाई के बाद अस्पताल में मौत के मामले में भी कैम्पटी थाना पुलिस का रवैया लापरवाही से भरा था। इस मामले में भी नरेंद्रनगर सीओ उत्तम सिंह जिमिवाल ही जांच अधिकारी थे। उस वक्त भी मृतक के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए थे। लापरवाही पर ही एसएसपी टिहरी योगेंद्र सिंह रावत ने कैम्पटी थानाध्यक्ष कविता रानी और नैनबाग चौकी प्रभारी हिम्मत सिंह को पुलिस लाइन संबद्ध कर दिया गया था। लेकिन सीओ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब नौ साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में भी सीओ उत्तम सिंह जांच अधिकारी थे। लेकिन यहां पर भी एक वाहन में पुलिस पीड़ि बच्ची और आरोपित को लेकर नई टिहरी आई। जिसके बाद सीओ उत्तम सिंह को हटा दिया गया। इससे पहले कोटद्वार के सुशील रघुवंशी हत्याकांड में भी उस वक्त कोटद्वार कोतवाली में निरीक्षक रहे उत्तम सिंह विवादों में रहे थे।

बोले पिता, नहीं जाने दिया बेटी संग कोर्ट

जौनपुर ब्लॉक के गांव में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पुलिस की संवेदनशीलता लगातार सामने आ रही है। बच्ची के पिता ने आरोप लगाया है कि बीती एक जून को जब वह अपनी बेटी के साथ नई टिहरी जाने के लिए गए तो पुलिस ने उन्हें बेटी के साथ नहीं जाने दिया। बेटी के पिता ने बोला कि आरोपित को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।

जौनपुर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद कैम्पटी थाना पुलिस ने इस मामले में लगातार लापरवाही बरती। एक जून को नाबालिग और आरोपित विपिन सिंह को एक ही वाहन में जौनपुर से नई टिहरी लाया गया। वहीं सोमवार को बच्ची के पिता ने आरोप लगाया कि वह भी अपनी बेटी के साथ न्यायालय जाने के लिए तैयार थे, लेकिन पुलिस ने उसे नहीं जाने दिया। पुलिस ने इस मामले में बेहद लापरवाह रवैया अपनाया है। लड़की के पिता ने बोला कि उनकी बेटी का जीवन एक वहशी ने बर्बाद कर दिया। आरोपित विपिन सिंह को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।

वहीं एसएसपी टिहरी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जांच अधिकारी सीओ नरेंद्रनगर उत्तम सिंह को हटा दिया गया है। इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी टिहरी सोनिका का कहना है कि जौनपुर में इस जघन्य घटना में प्रशासन पूरी गंभीरता से काम कर रहा है। समाज कल्याण अधिकारी को देहरादून में ही तैनात किया है। वहीं आज बच्ची के सभी तरह के परीक्षण देहरादून में कराए गए हैं। उन्हें पूरी तरह मदद बरती जाएगी। किसी तरह की लापरवाही इसमें नहीं बरती जाएगी। एक ही वाहन में लाने की बात की जानकारी एसएसपी से लेने के बाद ही कुछ कह पाऊंगी। 

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