एबीवीपी का सचिवालय कूच, पुलिस ने फटकारी लाठियां; सेमेस्टर सिस्टम पर सरकार का रोलबैक
एबीवीपी ने यूजी पाठ्यक्रम में सेमेस्टर सिस्टम के विरोध में सचिवालय कूच किया। हालांकि पुलिस ने छात्रों को बीच में ही रोक दिया।
देहरादून, जेएनएन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने यूजी पाठ्यक्रम में सेमेस्टर सिस्टम के विरोध में सचिवालय कूच किया। हालांकि पुलिस ने छात्रों को बीच में ही रोक दिया, लेकिन बड़ी संख्या में रैली में उमड़े छात्रों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर सेमेस्टर सिस्टम समाप्त करने की मांग की। दो साल से इस मामले में राज्य सरकार की मुखालफत करने के बाद मंगलवार को जब एबीवीपी ने रैली निकालकर सचिवालय कूच किया तो सीएम त्रिवेंद्र रावत ने सेमेस्टर प्रणाली खत्म करने की आधिकारिक घोषणा कर दी है।
सुबह बड़ी संख्या में एबीवीपी कार्यकर्ता डीएवी कॉलेज में एकत्रित हुए। यहां डीएवी, डीबीएस, एसजीआरआर, विकास नगर, डोइवाला, ऋषिकेश, मसूरी समेत अन्य डिग्री कॉलेजों से एबीवीपी के कार्यकर्ता जुटे। इसके अलावा भारी संख्या में युवा मोर्चा के सदस्य भी रैली को समर्थन देने पहुंचे। संगठन के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारियों के भाषण के बाद कॉलेज से रैली निकली। एबीवीपी डायनामाइट..., सेमेस्टर सिस्टम बंद करो समेत अन्य नारों के साथ रैली करनपुर बाजार से होते हुए सर्वे चौक पहुंची। यहां से रैली ईसी रोड होते हुए सुभाष रोड को रवाना हुई। लेकिन, यहां पुलिस ने पहले से ही बैरिकेडिंग लगा रखी थी। बड़ी संख्या में पुलिस रैली को रोकने को खड़ी थी।
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग को पार करने के हर संभव प्रयास किए। लेकिन, पुलिस बल के आगे कार्यकर्ता ढीले पड़ते नजर आए। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग पार करने के लिए पुलिस के साथ खूब संघर्ष किया। इस दौरान अभाविप कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। लगभग आधे घंटे तक चले संघर्ष के बाद संगठन के 20 प्रतिनिधियों को सचिवालय में सीएम से मिलने की अनुमति मिली। जिस पर संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन पर विराम लगाया। प्रदर्शन करने वालों में एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास, क्षेत्रीय संगठन मंत्री मान मनोज निखारा, प्रदेश संगठन मंत्री प्रदेश शेखावत, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कौशल कुमार, चुनाव कार्य प्रमुख संकेत नौटियाल, अंजलि सेमवाल, प्रगति समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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छात्रों के हंगामे पर पुलिस ने आपा खोया
छात्रों का हंगामा बढ़ता देख पुसिल ने भी आपा खो दिया। पहले तो पुलिस ने समझा-बुझाकर छात्रों को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन हो-हल्ला बढ़ने पर पुलिस को लाठियां फटकारनी पड़ी। इस पर संगठन के पदाधिकारी अपने कार्यकर्ताओं को शांत कराने में जुट गए। एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास ने पुलिसकर्मियों से कहा कि आप रहने दें, हम अपने कार्यकर्ताओं को शांत कराना जानते हैं। अनुशासन एबीवीपी की पहचान है। आप लोग बीच में मत पड़िए। एक पुलिस कर्मी ने श्रीनिवास को कहा कि वे उन्हें न सिखाएं और पुलिस को अपने हिसाब से काम करने दें। जिस पर एबीवीपी के कार्यकर्ता आक्रोशित होकर पुलिस के साथ भिड़ पड़े। ऐसे में एबीवीपी के पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं को शांत करवाया और पुलिस ने भी नरमी दिखाई।
कहीं एबीवीपी को क्रेडिट देने के लिए तो नहीं था सचिवालय कूच
एबीवीपी ने मंगलवार को राज्य से सेमेस्टर सिस्टम खत्म करवाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की। लेकिन, संगठन की यह उपलब्धि पूर्व नियोजित प्रतीत हो रही है। राज्य में यूजी पाठ्यक्रम से सेमेस्टर खत्म करने की कवायद लंबे समय से चल रही है। एबीवीपी ही नहीं एनएसयूआइ, आर्यन, सत्यम समेत अन्य छात्र संगठन चार साल पहले से ही इसका विरोध कर रहे थे। विरोध के बाद खुद उच्च शिक्षा राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत इस पर पिछले एक साल से विचार कर रहे थे। इसके लिए मंत्री ने कॉलेजों और छात्रों से उनके विचार भी मांगे थे। इस पर वो जल्द फैसला भी सुनाने वाले थे। छात्रसंघ चुनाव से ठीक पहले एबीवीपी को चुनाव में बढ़त दिलाने के लिए सेमेस्टर पर सरकार के फैसले के दिन ही यह रैली भी निकलवाई गई। प्रदेश से सेमेस्टर सिस्टम को खत्म करना सभी संगठनों के चुनावी वादों में शामिल था। लेकिन इसका पूरा क्रेडिट अब एबीवीपी के खाते आ गया है।
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