बाघों की सुरक्षा को लेकर विभाग संजीदा, अब कार्बेट टाइगर रिजर्व में होगी 81 स्पेशल टाइगर गार्ड की तैनाती
उत्तराखंड में बाघों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कार्बेट टाइगर रिजर्व में 81 स्पेशल टाइगर गार्ड तैनात किए जाएंगे। वन विभाग ने यूकेएसएसएससी को प्रस्ताव भेजा है, जिससे अगले वर्ष तक चयन प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। यह अतिरिक्त फोर्स बाघों के शिकार को रोकने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे कार्बेट टाइगर रिजर्व की सुरक्षा और भी बेहतर होगी।

कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघ। फोटो साभार कार्बेट टाइगर रिजर्व
केदार दत्त, जागरण देहरादून: उत्तराखंड में बाघों की सुरक्षा को लेकर विभाग संजीदा हुआ है। इस कड़ी में लंबे समय से चल रही कसरत के बाद अब कार्बेट टाइगर रिजर्व में 81 स्पेशल टाइगर गार्ड की तैनाती की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। वन मुख्यालय ने इस सिलसिले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) को अधियाचन भेजा है।
उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष तक चयन प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही ये गार्ड मोर्चा संभाल लेंगे। इनकी तैनाती होने पर कार्बेट में वन्यजीवों के रखवालों की संख्या बढ़कर 331 हो जाएगी। वर्तमान में कार्बेट में 260 बाघों की सुरक्षा का भार 250 वन दारोगा व वन रक्षकों के कंधों पर है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक टाइगर रिजर्व में बाघ सुरक्षा के लिए स्पेशल टाइगर गार्ड की अतिरिक्त फोर्स होना जरूरी है।
इस क्रम में पूर्व में कार्बेट टाइगर रिजर्व के लिए भी कदम बढ़ाए गए, लेकिन कभी नियमावली तो कभी दूसरे कारणों से यह विषय लटकता रहा।
वह भी तब जबकि बाघों की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर प्रश्न उठते आए हैं। लंबी प्रतीक्षा के बाद सभी पहलुओं पर मंथन कर कार्बेट में स्पेशल टाइगर गार्ड की तैनाती का प्रस्ताव तैयार हुआ और अब इसे लेकर गंभीरता से आगे बढ़ा जा रहा है।
अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक मीनाक्षी जोशी के अनुसार 81 स्पेशल टाइगर गार्ड की नियुक्ति के दृष्टिगत अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को अधियाचन भेज दिया गया है। उम्मीद है कि अगले वर्ष तक इन गार्ड की तैनाती हो जाएगी।
अग्निवीरों को मिलेगी प्राथमिकता
स्पेशल टाइगर गार्ड की भर्ती वन रक्षक के रूप में होगी, लेकिन उन्हें बाघ सुरक्षा के दृष्टिगत विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनकी भर्ती में अग्निवीरों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
यह अतिरिक्त फोर्स केवल बाघ सुरक्षा को ही समर्पित होगी। बाघों का शिकार रोकने, सूचना तंत्र को मजबूत करने जैसे विषयों पर यह फोर्स केंद्रित होगी। इस फोर्स में वन रक्षक केवल 40 वर्ष तक ही रहेंगे। इसके बाद उन्हें अन्य प्रभागों में भेजा जाएगा।
कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा के दृष्टिगत व्यापक कदम उठाए गए हैं। स्पेशल टाइगर गार्ड के रूप में अतिरिक्त फोर्स मिलने पर कार्बेट का सुरक्षा घेरा और मजबूत होगा।
डा. साकेत बडोला, निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व
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