Move to Jagran APP

यहां डॉक्टरों की टीम ने युवती के पेट से निकाला 41 किलो का ट्यूमर, चुनौती भरा रहा ऑपरेशन

एम्स ऋषिकेश में प्रसूति और स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों ने एक युवती के शरीर से 41 किलोग्राम के ओवेरियन ट्यूमर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया।

By Edited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 09:17 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 11:01 PM (IST)
यहां डॉक्टरों की टीम ने युवती के पेट से निकाला 41 किलो का ट्यूमर, चुनौती भरा रहा ऑपरेशन
यहां डॉक्टरों की टीम ने युवती के पेट से निकाला 41 किलो का ट्यूमर, चुनौती भरा रहा ऑपरेशन

ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में प्रसूति और स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों ने एक युवती के शरीर से 41 किलोग्राम के ओवेरियन ट्यूमर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर उसे जीवनदान दिया है। चिकित्सकों का दावा है कि ओवरियन ट्यूमर का यह अब तक का सबसे बड़ा मामला है। 

loksabha election banner

एम्स के स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों के अनुसार बिजनौर (उप्र) निवासी 24 वर्षीय युवती पेट में गांठ और दर्द की शिकायत लेकर एम्स ऋषिकेश आई थी। युवती पिछले छह वर्षों से इस शिकायत से पीड़ित थी। युवती की पूरी जांच के बाद उसके पेट में 50 गुना 40 सेमी का ओवेरियन ट्यूमर पाया गया। एम्स के स्त्री और प्रसूति रोग विभाग की डॉ. कविता खोईवाल और उनकी टीम मेंबर डॉ. ओम कुमारी, डॉ. राहुल मोदी और डॉ. अंशु गुप्ता ने इस ट्यूमर को सफलतापूर्वक युवती के शरीर से अलग किया। इस ऑपरेशन में एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. प्रियंका गुप्ता और उनकी टीम के अन्य सदस्यों ने भी भूमिका निभाई।

चुनौतीपूर्ण था युवती का ऑपरेशन 

एम्स की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कविता खोईवाल ने बताया कि यह एक चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था। यह ट्यूमर महिला रोगी के शरीर के कुल वजन का लगभग 60 प्रतिशत था। प्रसूति और स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. जया चतुर्वेदी ने बताया कि युवती की बीमारी से जुड़ा यह मामला विशेषकर दूरदराज के गांवों की महिलाओं की दुर्दशा को उजागर करता है, जिन्हें चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में समय पर आवश्यक उपचार नहीं मिल पाता है और वह इस तरह की अवस्था तक पहुंच जाती हैं। ट्यूमर के इतने बड़े आकार और इस स्थिति में आने से मरीज को बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। 

यह भी पढ़ें: महिला के पेट से निकाला 15 किलो का ट्यूमर, दर्जनों सफल ऑपरेशन कर चुके हैं ये डॉक्टर; जानिए

जल्द स्थापित होगा गायनी ओंकोलॉजी डिविजन 

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने इस जटिल सर्जरी की सफलता पर चिकित्सकों की टीम को बधाई दी। उन्होंने बताया कि संस्थान में कैंसर के निदान और चिकित्सा के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें टारगेटेड थैरेपी, रेडियो व कीमोथैरेपी आदि सुविधाएं शामिल हैं। जल्द ही महिलाओं के कैंसर रोग का एक अलग से गायनी ओंकोलॉजी डिवीजन एम्स में स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा शीघ्र ही आइवीएफ (टेस्ट ट्यूब बेबी) की सुविधा भी एम्स में शुरू होने जा रही है।

यह भी पढ़ें: उत्‍तरकाशी में एक महिला के पेट से निकाला आठ किलो का ट्यूमर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.